
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अब अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया जाना तय माना जा रहा है। इस पुनर्गठन में मध्यप्रदेश के कोटे से बने मंत्री थावरचंद गहलोत का बहार होना और श्रीमंत का शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। दरअसल गहलोत कुछ दिन पहले ही मंत्री पद छोड़कर राज्यपाल बनने की इच्छा जता चुके हैं। माना जा रहा है कि उनके इस प्रस्ताव पर सरकार में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इसके संकेत बीते रोज हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में भी दिए जा चुके हैं। माना जा रहा है कि यह पुनर्गठन एक सप्ताह में हो सकता है। इसकी वजह है संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होना। गौरतलब है कि थावरचंद गहलोत प्रदेश के वह नेता हैं, जो लगातार राज्यसभा का सदस्य बन रहे हैं और उन्हें भाजपा की केन्द्र में सरकार बनने पर केन्द्रीय नेता बनने का भी लगातार मौका मिलता रहा है। कहा तो यह भी जाता है कि उनका राष्ट्रपति तक के लिए नाम तय हो गया था, लेकिन कुछ कारणों की वजह से अंतिम सयय में उनका नाम पार्टी को काटना पड़ गया था। वर्तमान में वे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का काम देख रहे हैं। हालांकि उनके द्वारा केन्द्रीय मंत्री से हटने की वजह पारिवारिक कारणों को बताया है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें लगता है कि उम्र अधिक होने और अन्य कई कारणों से शायद ही उन्हें अगली बार राज्यसभा जाने का मौका मिले, ऐसे में अगले पांच सालों के लिए अभी अपना पुनर्वास कर लेना चाहते हैं। उनके स्वत: हटने से जहां पार्टी में उनकी छवि अच्छी होगी वहीं अगले पांच साल के लिए पुनर्वास भी हो जाएगा। गौरतलब है कि फिलहाल राष्ट्रपति इन दिनों उप्र के दौरे पर हैं। उनके दिल्ली वापस लौटते ही मंत्रिमंडल पुनर्गठन का दिन तय होने की उम्मीद है।
चुनावी राज्यों को मौका
उप्र और पंजाब में 8 महीने में चुनाव होने हैंं। उत्तर प्रदेश से स्वतंत्र देव सिंह का नाम चर्चा में है। गुजरात, हिमाचल प्रदेश गोवा और मणिपुर को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
इनके अलावा इन नामों की भी चर्चा
सुमेधानंद सरस्वती: सीकर से सांसद जाट समुदाय से हैं। रामदेव के करीबी माने जाते हैं। अश्विनी वैष्णव: ओडिशा से राज्यसभा सांसद आईएएस रहे हैं, प्रशासनिक अनुभव अच्छा। पीलीभीत सांसद वरुण गांधी राजस्थान से सबसे युवा सांसद राहुल कांस्वा, मीनाक्षी लेखी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजे पांडा, जामयांग सेरिंग नामग्याल, राजीव चंद्रशेखर, सुशील मोदी, सर्बानंद सोनोवाल, नारायण राणे और भूपेंद्र यादव के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं। इसी तरह से भाजपा प्रवक्ता और अल्पसंख्यक चेहरा सैयद जफर इस्लाम की भी विस्तार में जगह बन सकती है। महाराष्ट्र से बीड की सांसद तथा गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे को भी जगह मिलने की संभावना है। इसी तरह से सहयोगी दलों से लोजपा से पशुपतिनाथ पारस और जेडीयू से आरसीपी सिंह। अपना दल की अनुप्रिया पटेल की सीट पुख्ता मानी जा रही है। तृणमूल कांग्रेस से आए दिनेश त्रिवेदी भी उम्मीद लगाए हुए हैं।