- प्रणव बजाज

ऐसा क्या हुआ कि एक दिन में ही पलट गया वृंदा सक्सेना का आदेश
मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रहे घोटाले में परीक्षा नियंत्रक का स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ कनेक्शन देखिए कि एक दिन में ही आदेश पलट गया। दरअसल मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति द्वारा 18 जून को वृंदा सक्सेना को आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के निर्देश पर हटाया गया था। उन पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगे थे। इस पर शासन द्वारा एक जांच कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद ही कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन ने वृंदा को परीक्षा नियंत्रक के पद से हटाए जाने को लेकर पत्र जारी किया था। इस पर वृंदा को हटाया गया लेकिन वृंदा की अफसरों से सैटिंग के आगे सबको झुकना पड़ा। वृंदा सक्सेना को एक दिन बाद ही यानी 19 जून को यथा स्थान पदस्थ कर दिया गया है।
झगड़ालू रही है जांगिड़ की प्रवृत्ति
वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ का आचरण झगड़ालू रहा है। वे जहां भी रहे वहां वरिष्ठ अधिकारियों से झगड़ा करते रहे हैं। उनकी यह आदत रही है। आईएएस एसोसिएशन भी उनके इस आचरण पर नाराज है। एसोसिएशन का कहना है कि जांगिड़ जहां पदस्थ थे वहां वरिष्ठ से उनका झगड़ा हुआ है। उन्होंने हर समय अनुशासनहीनता की। वे लगातार अपनी बातों को सार्वजनिक करते आए हैं। लोक सेवा के लिए एक आचरण संहिता है, जिसका पालन करना हर एक व्यक्ति का कर्तव्य है। यह देश संविधान प्रदत्त कर्तव्यों से बंधा है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे आचार-विचार हमें दिए गए अधिकार की सीमा तो नहीं लांघ रहे हैं। कभी वे कलेक्टर के खिलाफ बोलते हैं कभी आने किसी अन्य के। एसोसिएशन का इस संबंध में स्पष्ट कहना है कि आचार संहिता उल्लंघन करने का अधिकार किसी को नहीं मिला है।
खंडवा में नंद कुमार के बेटे हर्ष चौहान ने ठोंकी दावेदारी
खंडवा की रिक्त लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए दावेदारी को लेकर दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस में गहमागहमी बनी हुई है। कांग्रेस की ओर से जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव अपनी दावेदारी जता चुके हैं, वहीं भाजपा की ओर से पूर्व सांसद स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान ने दावेदारी जताई है। दरअसल सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद उनके बेटे हर्ष चौहान अब तक खुलकर सामने नहीं आए थे लेकिन खंडवा लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी पूरी तैयारी है। उनका कहना है कि मुझे संगठन पर भरोसा है। पार्टी टिकट देगी तो चुनाव जरुर लड़ूंगा। वहीं उपचुनाव से पहले सक्रियता के सवाल पर पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि नंदू भैया के ना रहने से क्षेत्र को बड़ी क्षति हुई है। हम लोग पार्टी कार्यकर्ता जनसेवक बनकर उनकी कमी को पूरा कर रहे हैं। दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा में कार्यकर्ता होते हैं दावेदारी की प्रथा यहां नहीं है।
23 जिलों में प्रमोटी आईएएस का बोलबाला
प्रदेश में इन दिनों 23 जिलों में प्रमोटी आईएएस अफसरों का बोलबाला है। जिन जिलों में शिवराज सरकार ने प्रमोटी आईएएस को कलेक्टर बनाया है उनमें इंदौर में मनीष सिंह, देवास में चंद्रमौली शुक्ला, रतलाम में कुमार पुरुषोत्तम, धार में आलोक कुमार सिंह, बड़वानी में शिवराज सिंह वर्मा, शाजापुर में दिनेश जैन, आगर-मालवा में अवधेश शर्मा, शिवपुरी में अक्षय कुमार सिंह, मंदसौर में मनोज पुष्प, अशोकनगर में अभय कुमार वर्मा, दतिया में संजय कुमार, शहडोल में सतेंद्र सिंह, श्योपुर में राजेश श्रीवास्तव, सीधी में रवींद्र कुमार चौधरी, उमरिया में संजीव श्रीवास्तव, पन्ना में संजय कुमार मिश्रा, छतरपुर में शीलेन्द्र सिंह, सागर में दीपक सिंह, टीकमगढ़ में सुभाष कुमार द्विवेदी, रायसेन में उमाशंकर भार्गव, नरसिंहपुर में वेद प्रकाश, डिंडोरी में रत्नाकर झा और हरदा जिले में संजय गुप्ता पदस्थ है।