शिव प्रकाश-कैलाश के अचानक दौरे से प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज

विधानसभा चुनाव

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। दमोह विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से भाजपा में चल रहे घमासान के बीच बीते रोज अचानक पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और कैलाश विजयवर्गीय के अचानक भोपाल दौरे ने सियासी सरगर्मियां तेज कर दी हैं। इसमें भी इन दोनों नेताओं की अचानक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही अन्य संगठन के प्रमुख लोगों से हुई मुलाकात लोगों में कौतूहल पैदा कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस दौरान उनके द्वारा दमोह में मिली हार और प्रदेश के ताजा हालातों पर भी नेताओं से चर्चा की गई है।  इस बीच यह दोनों नेता आज भी भोपाल में हैं। इस दौरान वे पार्टी के कार्यक्रम में भी शामिल हो रहे हैं। यह कार्यक्रम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हें सेवा कार्यक्रम का नाम दिया गया है। इन दोनों नेताओं के अचानक आने और फिर जिस तरह से मेल मुलाकातों के साथ ही बैठकों का दौर चला है उसके राजनैतिक निहितार्थ भी खोजे जा रहे हैं। इसकी वजह है कैलाश विजयवर्गीय की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पटरी न बैठना। दरअसल पार्टी हाईकमान इन दिनों दमोह विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी में शुरू हुई कलह और सिर फुटव्वल को लेकर बेहद नाराज हैं। यही वजह है कि राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश द्वारा कल की गई चर्चा में यह मुद्दा प्रमुख रूप से छाया रहा। दरअसल इस हार के बाद से ही पार्टी के अंदर अलग-अलग नेता एक दूसरे को लेकर जिस तरह से मोर्चाबंदी की जा रही है, उससे केन्द्रीय संगठन के साथ ही कार्यकर्ताओं तक में इन नेताओं को लेकर नाराजगी का भाव बना हुआ है। यही वजह है कि अब इस मामले में केन्द्रीय संगठन को हस्तेक्षप करना पड़ रहा है। दमोह उपचुनाव में पार्टी नेताओं की मेहनत पर न केवल पानी फेर कर बढ़ा झटका दिया बल्कि यह भी जता दिया है कि राजनैतिक दल उन पर अपनी मनमानी नहीं थोप सकते हैं। ऐसा ही कुछ संदेश कार्यकर्ताओं ने भी देने का काम किया है। दरअसल इस उपचुनाव के लिए पटकथा लिखने का काम सत्ता व संगठन ने किया था, उससे सभी में बेहद नाराजगी बनी हुई थी। इस हार के बाद जिस तरह से पार्टी के कद्दावर नेता जयंत मलैया और उनके परिजनों पर संगठन ने कुछ नेताओं के दबाव के चलते कार्रवाई की , उससे पार्टी के अंदर की कलह खुलकर बाहर आ गई। खास बात यह है कि  इस मामले में उन नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिनके अपने ही बूथ पर भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है। इस मामले में शिव प्रकाश द्वारा पूरी कैफियत ली गई है। इसके अलावा कोरोना के बीच पार्टी द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी लेकर आगे की कार्ययोजना का भी पूरा ब्यौरा लिया है। बताया जाता है कि बातचीत के दौरान उन्होंने प्रदेश में संचालित गतिविधियों के कम  संचालन पर नाखुशी जताते हुए और अधिक तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। संगठन की धीमी गतिविधियों को लेकर शिवप्रकाश की नाराजगी इससे ही समझी जा सकती है कि उनके द्वारा यहां तक कह गया है कि संगठन की सक्रियता उस स्तर पर नही हैं, जिसके लिए उसे जाना जाता है।  इसके बाद वे और कैलाश विजयवर्गीय सीएम हाउस गए और वहां पर उनकी काफी देर तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी चर्चा हुई। इसके बाद शाम को उनके द्वारा एक बार संगठन मंत्रियों के साथ प्रदेश की राजनैतिक स्थिति और सरकार के कामकाज की समीक्षा की गई। उधर मलैया समर्थक निलंबित नेताओं ने अपना पक्ष रखते हुए वीडी शर्मा को हार की प्रमुख वजह प्रत्याशी को लेकर मतदाताओं में नाराजगी को बताते हुए अपना पक्ष रखा है।
इन मामलों पर भी  मंथन
सूत्रों का कहना है कि बीते रोज सत्ता व संगठन के प्रमुख नेताओं के बीच हुए विचार विमर्श में संगठन के रिक्त पदों को जल्दी भरने के साथ ही कार्यकर्ताओं को भी सत्ता में भागीदारी देने पर विचार किया गया। गौरतलब है कि भाजपा प्रदेश कार्यसमिति से लेकर मोर्चा संगठन में अब भी बहुत सारे पद रिक्त बने  हुए हैं। संगठन के पदों को भरने के लिए प्रदेशाध्यक्ष  वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत पहले भी दिल्ली दौरे के समय शिव प्रकाश से चर्चा कर चुके हैं। इसी तरह से प्रदेश के महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति, अंत्योदय के अलावा कई निगम मंडल भी रिक्त चल रहे हैं।  
कयासों का दौर जारी
इन दोनों ही दिग्गज नेताओं के अचानक भोपाल दौरे और उसके साथ ही की गई बैठकों को लेकर राजनैतिक हल्कों के साथ ही आमजन से लेकर नौकरशाही में भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इन कयासों में राजनैतिक उथल-पुथल के साथ ही कई अन्य तरह के कयास शामिल हैं।
संगठन मंत्रियों से लिया फीडबैक
शिव प्रकाश द्वारा बीते रोज प्रदेश के विभिन्न संभागों का काम देख रहे संभागीय संगठन मंत्रियों की भी बैठक ली गई , जिसमें संभागों के राजनैतिक हालातों की जानकारी लेकर संगठन पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में जबलपुर व होशंगाबाद के संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ, भोपाल व ग्वालियर के आशुतोष तिवारी, उज्जैन के जितेंद्र लिटोरिया, रीवा-शहडोल के श्याम महाजन, इंदौर के जसपाल चावला,सागर व चंबल के केशव सिंह भदौरिया शामिल थे।
आज सेवा कार्यों में शामिल होंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सात साल पूरे होने पर आज 30 मई को  ‘सेवा ही संगठन’ के अंतर्गत सेवा कार्यों में शामिल होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश व विजयवर्गीय भोपाल में सेवा कार्यों में शामिल होंगे। शिवप्रकाश भोपाल के ईदगाह हिल्स स्थित कैंसर अस्पताल में जबकि कैलाश विजयवर्गीय भोपाल के ओल्ड सुभाष नगर में आयोजित सेवा कार्यों में शामिल होंगे।

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