- नगीन बारकिया

अधिकारी के बयान से अपने को अलग किया सीरम कंपनी ने
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक के उस बयान से कल दिनभर खलबली मची रही जिसमें सुरेश जाधव ने कहा था कि सरकार ने स्टॉक की जांच किए बगैर वैक्सीनेशन का अभियान शुरू करा दिया। कंपनी ने इस मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लेते हुए जाधव के बयान से खुद को अलग कर लिया। सीरम ने कहा कि यह कंपनी का विचार नहीं है। बताया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 22 मई को लिखे पत्र में कंपनी के नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि जाधव द्वारा दिया गया बयान कंपनी का बयान नहीं है। उन्होंने पत्र में कहा, ”अपने सीईओ अदार सी. पूनावाला की तरफ से मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि यह बयान सीरम की तरफ से जारी नहीं किया गया है और इस बयान से कंपनी खुद को अलग करती है। यह बात फिर दोहराई जाती है कि यह कंपनी का विचार बिल्कुल नहीं है।”
बंगाल में ममता का आॅपरेशन घर-वापसी अभियान
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले जिन विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की आयाराम-गयाराम वाली दौड़ टीएमसी से भाजपा की ओर लगी हुई थी वह चुनाव परिणाम आने के बाद फिर से टीएमसी की ओर मुड़ चली है। बताया जाता है कि करीब दर्जन भर नेता इस लाइन में खड़े हैं। इन्हीं में से एक हैं सरला मुर्मू। मुर्मू ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी क्योंकि कथित तौर पर उन्हें पार्टी ने जहां से टिकट दिया था वह उससे खुश नहीं थीं। अब उन्होंने तृणमूल में लौटने की इच्छा जाहिर की है। भाजपा में शामिल होने को अपनी गलती बताते हुए मुर्मू ने कहा कि वह चाहती हैं कि ममता बनर्जी उन्हें माफ कर दें। मुर्मू को माल्दा के हबीबपुर से टिकट दिया गया था लेकिन पार्टी के सूत्रों के मुताबिक वह माल्दा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहती थीं। उन्होंने कहा,”मुझसे गलती हुई है और मैं चाहती हूं कि दीदी मुझे माफ कर दें। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की पूर्व विधायक सोनाली गुहा ने शनिवार को ममता को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने के लिए माफी मांगी थी। इसी तरह पूर्व विधायक प्रवीर घोषाल भी ममता दीदी की नजरें इनायत होने की राह देख रहे हैं।
देश की एक तिहाई आबादी हो चुकी है सीरो पॉजीटिव…।
हाल ही जारी हुए एक सीरो सर्वे के आंकड़ों से पता चला है कि देश की 31 फीसदी आबादी दिसंबर 2020 तक कोरोना संक्रमित हो चुकी है। यह सीरो सर्वे देश के 12 शहरों में हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि सीरो पॉजिटिविटी की दर कोरोना की दूसरी लहर में इससे बहुत ज्यादा हो गई है, क्योंकि इस लहर में संक्रमण की दर पहले से छह गुना अधिक थी। सीरो सर्वे की आॅडिट रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में 4.4 लाख सैंपल शामिल किए गए थे, जो कि एक प्राइवेट लैब की चेन के द्वारा इकट्ठा किए गए थे। उल्लेखनीय है कि सीरो सर्वे के जरिये यह पता लगाया जाता है कि कितनी आबादी कोरोना से संक्रमित हुई है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि कितने प्रतिशत लोगों में कोरोना के प्रति हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है। सीरो सर्वे में किसी क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के खून के सीरम की जांच की जाती है। लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी से यह पता चल जाता है कि वह व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित था और फिलहाल ठीक हो चुका है।
सीबीएसई परीक्षा की तिथियां अभी स्पष्ट नहीं
सीबीएसई 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को उनकी परीक्षा की तिथियों को जानने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी मिल रही है कि संभवत: एक जून को शिक्षा मंत्री 12वीं की परीक्षा की तिथि घोषित करें। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने कहा कि बचाव, सुरक्षा और भविष्य हमारा लक्ष्य है। इस परीक्षा को लेकर स्टूडेंट्स और अभिभावकों के मन में जो दुविधा है उसका निराकरण जल्दी ही कर दिया जाएगा। निशंक ने कहा कि हम जल्दी ही अपने अंतिम निर्णय से सबको अवगत करा देंगे।