
-अब तक प्रदेश के इंदौर, धार, सागर और शाजापुर सहित कई जिलों के सरकारी अस्पतालों में दे चुके हैं मुफ्त सेवाएं
इंदौर/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। इंदौर के इंजीनियर पंकज क्षीरसागर, शैलेंद्र सिंह और चिराग शाह कोरोना के इस संकट काल में अस्पतालों में जा-जाकर बेंटिलेटर मशीनों को रिपेयरिंग और इंस्टॉल करने के लिए मुफ्त सेवाएं दे रहे हैं। दरअसल ये युवा इंजीनियर अपनी जान जोखिम में डालकर, रेड जोन में जाकर भी मशीनों को रिपेयर कर सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं। अस्पतालों को पीएम केयर्स फंड से जो वेंटिलेटर भेजे गए थे उन्हें इंस्टॉल करने के लिए इंजीनियर नहीं मिल रहे थे। संक्रमण बढ़ने के साथ तकनीशियन की कमी पड़ने लगी। तब इंजीनियर पंकज छीर सागर ने अपने दो साथी इंजीनियरों चिराग शाह और शैलेंद्र सिंह के साथ यह मशीनें ठीक करने का बीड़ा उठाया। अकेले इंदौर ही नहीं अब तक उनकी टीम प्रदेश के धार, शाजापुर, सागर के साथ ही अन्य जिलों के सरकारी अस्पतालों में करीब 15 से अधिक वेंटिलेटर इंस्टॉल कर चुकी है। शुरूआत में जब इंदौर के एमटीएच अस्पताल में कई वेंटिलेटर इंस्टॉलेशन नहीं हो पाने की की खबर जैसे ही इन तीनों लगी तो उन्होंने उन्हें चालू करने का बीड़ा उठाया। एक सप्ताह में ही एमटीएच अस्पताल में लगभग आठ वेंटिलेटर चालू कर दिए जो अब मरीजों की जान बचाने में काम आ रहे हैं। इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी में भी वेंटिलेटर ठीक किए। प्रोडक्शन इंजीनियर पंकज क्षीरसागर बताते हैं कि पहले हमें वेंटिलेटर को इंस्टॉल करने में लगभग चार-पांच घंटे का समय लगा, लेकिन अब हम इसे डेढ़ घंटे में ही इंस्टॉल कर लेते हैं। जबलपुर से इंजीनियरिंग ग्रैजुएट शैलेंद्र की माने तो मन में एक साथ तड़प रहे लोगों के चेहरों ने हमें यह जोखिम उठाने की ताकत दी। मैकेनिकल इंजीनियर चिराग शाह कहते हैं कि हमने तय किया है कि जहां भी जरूरत होगी हम मुफ्त में अपनी सेवाएं देंगे। हमारे मन में एक ही भाव है कि महामारी के इस कठिन दौर में हमारी यह मेहनत कुछ लोगों की जिंदगी बचा सके।
बीएमसी की मशीनें खराब होने की जानकारी मिलते ही इंदौर से पहुंचे सागर: पंकज बताते हैं कि एक दिन सागर के पूर्व महापौर ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर खराब होने की जानकारी दी थी। जिसके 24 घंटे बाद ही क्षीरसागर अपने दो युवा साथियों के साथ देवदूत बनकर सागर पहुंच गए। दोनों ने यहां बीएमसी के कोविड-19 जैसे रेड जोन में घुसकर 14 खराब वेंटिलेटर को चेक किया। इनमें कंप्रेसर, पाइप और ऑक्सीजन सही नहीं आने जैसी समस्याएं थी। जिसके बाद दोनों मशीनों को सुधारने जुट गए। करीब 10 घंटे तक काम करने के बाद कई मशीनों को सुधारा गया। कई मशीनों के पार्ट्स ना मिलने के कारण इंदौर जाकर पार्ट्स भेजने में मदद करने की बात कही। टीम द्वारा रिपेयर किए गए वेंटिलेटर तत्काल मरीजों को लगाए गए। उसके बाद डॉक्टर्स की टीम और अधिकारियों ने इन का आभार माना।
टीम बनाकर कई जिलों में दे रहे सेवाएं
खास बात है कि पंकज द्वारा सोशल मीडिया पर लिखी गई एक पोस्ट से ही इनकी टीम बन गई। दरअसल अस्पताल में भर्ती मरीज की मदद ना कर पाने से हताश पंकज क्षीरसागर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने लिखा कि कुछ कर नहीं पा रहे हैं, हताश हूं। इस पर चिराग शाह ने प्रतिक्रिया दी कि मिलिए सुबह मैदान पकड़ते हैं, कुछ करते हैं। दूसरे दिन इंजीनियर शैलेंद्र के साथ तीनों मिले और टीम तैयार हो गई। आज ये तीनों खुद तो वेंटिलेटर इंस्टॉल कर ही रहे हैं साथ ही दूसरों को भी तकनीकी सहयोग दे रहे हैं। यही नहीं इन्होंने सरकारी अस्पताल को वाईपर मशीनें भी दान में दी है। वेंटिलेटर इंस्टॉल कराने के लिए इनसे इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। 98930 36914, 85888 40518
खबर मिलते ही पहुंचे शाजापुर
शाजापुर के जिला अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी का सामना करना पड़ रहा था। दरअसल यहां अस्पताल में वेंटिलेटर मशीनें तो थी लेकिन उसके लिए कुछ संसाधन और प्रशिक्षित स्टाफ की कमी थी। जिसके चलते मरीजों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा था। इसके चलते मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। इसके लिए राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार के अलावा पूर्व विधायक ने इन इंजीनियरों की जानकारी जुटाई। उनके संपर्क सूत्र की व्यवस्था की। खबर मिलते ही पंकज की टीम यहां पहुंची और मरीजों के लिए मशीनें शुरू करने के लिए प्रयास किए। पंकज और उनकी टीम की मेहनत रंग लाई और मशीनें ठीक होते ही मरीजों को इस सुविधा का लाभ भी मिलने लगा। इस दौरान तकनीशियन टीम का कलेक्टर द्वारा स्वागत भी किया गया।