मप्र ने लगाई समृद्धि की छलांग

  • खर्च करने में टॉप थ्री प्रदेशों में हुआ शामिल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। चालू वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में मप्र की समृद्धि में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी हुई है। मप्र की अर्थव्यवस्था तेजी से सशक्त हो रही है। सकल घरेलू उत्पाद बढकऱ 15 लाख 03 हजार 395 करोड़ रूपए तक पहुंच चुका है। विकास के लिए पैसे खर्च करने में भी प्रदेश आगे है। सीएजी के आंकड़ों के अनुसार पूंजीगत व्यय में मप्र देश के टॉप थ्री में आ गया है। चालू वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में प्रदेश ने पूंजीगत व्यय में वृद्धि वाले देश के प्रथम तीन राज्यों में अपना स्थान बना लिया है।  देश के 16 राज्यों ने पूंजीगत व्यय में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि की है। इनमें गुजरात की 65 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश की 42 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। वहीं औसत वार्षिक वृद्धि दर 4.8 फीसदी रही। यह दर महाराष्ट्र (4.3 फीसदी) और हरियाणा (4.6 फीसदी) जैसे समृद्ध राज्यों से भी अधिक है।   मप्र की उपलब्धि 41 प्रतिशत रही है। पूंजी गत व्यय में प्रदेश में साल-दर-साल वृद्धि हो रही है पर देश में तीसरा स्थान हासिल करने का एमपी का अब तक का सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र और राज्यों ने मिलकर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय को तेजी से बढ़ाया है। केंद्र सरकार के अप्रैल से जून 2025 के बीच के अंतरिम पूंजीगत व्यय के आंकड़े 52 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्शाते हैं, जो 2,75,132 करोड़ तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 26 के लिए निर्धारित 11.2 लाख करोड़ के पूंजीगत व्यय का 25 प्रतिशत खर्च पहले ही कर दिया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में केवल 16 प्रतिशत खर्च हुआ था। सीएजी डेटा के अनुसार जिन 23 राज्यों के आंकड़े उपलब्ध हैं, उन्होंने पहली तिमाही में 99,478 करोड़ का कुल पूंजीगत व्यय किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 81,494 करोड़ था। इसमें 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मध्यप्रदेश ने समृद्धि की बड़ी छलांग लगाते हुए पिछले दशक में बढ़ोतरी दर्ज की है। वित्त वर्ष 2011-12 में प्रदेश का प्रति व्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद 38,497 था, जो 2023-24 में बढकऱ 67,300 हो गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023-24 में प्रचलित भावों पर मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 53 हजार 809 करोड़ था, वहीं इसमें 11.05 फीसदी की वृद्धि हो गई है। सकल घरेलू उत्पाद अब बढकऱ 15 लाख 03 हजार 395 करोड़ पहुंच गया है।
मप्र की अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत
यह प्रगति प्रदेश की सशक्त अर्थव्यवस्था और समग्र विकास को दर्शाती है। वर्ष 2028-29 तक सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रति व्यक्ति आय 2024-25 में प्रचलित भावों पर 1 लाख 52 हजार 615 रुपए हो गई है। स्थिर भाव पर भी वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय 70 हजार 434 रुपए है। विभाजन के बावजूद अन्य विभाजित राज्यों की अपेक्षा मध्यप्रदेश की बेहतर आर्थिक प्रगति होने से राज्य विभाजन के झटके से उबरने में मदद मिली। वर्ष 2000-01 और 2010-11 में मप्र में हुई प्रगति यह सिखाती है कि कैसे कृषि पर पूरी तरह निर्भर राज्य अपनी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार कर सकता है।

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