बिच्छू राउंडअप/बागपत में सिपाही की गोली मारकर हत्या, सरकारी टीचर ने दिया वारदात को अंजाम

गोली मारकर हत्या
  • रवि खरे

बागपत में सिपाही की गोली मारकर हत्या, सरकारी टीचर ने दिया वारदात को अंजाम
बागपत, उत्तर प्रदेश में बागपत के सुनहेड़ा गांव में रविवार शाम हुई सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यहां एक सरकारी टीचर ने छुट्टी पर घर आए यूपी पुलिस के सिपाही को बीच रास्ते गोली मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जाता है कि सरकारी टीचर ने उसे इसलिए गोली मारी, क्योंकि क्रिकेट को लेकर दोनों के बीच में झगड़ा हुआ था। साथ ही एक व्हाट्सएप ग्रुप के चैट पर बहस भी हुई थी। दरअसल सहारनपुर में तैनात सिपाही अजय कुमार अपने गांव बागपत के सुनहेड़ा आए थे। वह रविवार की शाम को टहल रहे थे। इस दौरान सरकारी स्कूल का अध्यापक मोहित रास्ते में घात लगाए बैठा था। जब उसने सिपाही अजय को देखा तो गोली मार दी। गोली लगते ही अजय सडक़ पर गिर गए। आसपास के लोगों की नजर उन पर पड़ी तो लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई थी। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी मास्टर की तलाश शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि क्रिकेट को लेकर अजय का विवाद हुआ था। शाम को जब अजय बाहर निकले तो उन्हें गोली मार दी गई। बागपत एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अजय यूपी पुलिस में सिपाही थे और सहारनपुर में तैनात थे। वे छुट्टी पर घर आए थे। उनकी एक मास्टर से क्रिकेट को लेकर बहस हो गई थी।

विश्व बैंक की रिपोर्ट: संघर्ष की आग में जलते देश, एक अरब लोग झेल रहे गरीबी
दुनिया भर के संघर्षग्रस्त इलाकों में रहने वाले करीब एक अरब लोग सिर्फ गोलियों और विस्फोटों से ही नहीं बल्कि भूख, बीमारी और गरीबी की धीमी मौत से भी जूझ रहे हैं। विश्व बैंक की नई रिपोर्ट में सामने आया है कि हिंसक संघर्ष से जूझते देशों में न सिर्फ गरीबी चरम पर है बल्कि वहां के नागरिकों की औसत आयु, स्वास्थ्य सुविधाएं और आर्थिक विकास भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। उच्च तीव्रता वाले संघर्षों के करण ऐसे देशों की प्रति व्यक्ति आय में पांच वर्षों के भीतर करीब 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की जाती है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की लगभग एक अरब आबादी उन 39 देशों या क्षेत्रों में रह रही है, जो पिछले कई वर्षों से संघर्ष और अस्थिरता से जूझ रहे हैं। ये देश एफसीएस श्रेणी में आते हैं। इनमें से ज्यादातर उप-सहारा अफ्रीका में हैं, जबकि कुछ पश्चिम एशिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में भी हैं। इन देशों में रहने वाले नागरिकों के लिए संघर्ष सिर्फ एक राजनीतिक या सैन्य चुनौती नहीं बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा संकट बन चुका है।

बांग्लादेश में हिंदू लडक़ी से रेप मामले को लेकर फूटा लोगों का गुस्सा, सडक़ों पर निकला हुजूम
बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले के मुरादनगर इलाके में सामने आए रेप मामले में नया अपडेट आया है। देश में बड़े स्तर पर इस मामले को लेकर प्रोटेस्ट शुरू हो गया है। 21 साल की हिंदू युवती के साथ हुए रेप के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है। बांग्लादेश के अंदर हिंदू समुदाय के लोगों और संगठनों ने रोड पर निकलकर इस मामले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। ढाका यूनिवर्सिटी में भी पिछली रात छात्रों ने प्रोटेस्ट किया। इस रेप मामले का मुख्य आरोपी एक लोकल शख्स है, जो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी का नेता बताया जा रहा है। आरोपी ने ना सिर्फ महिला के साथ दुष्कर्म किया बल्कि वारदात का वीडियो भी रिकॉर्ड किया। इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर पीडि़ता का वीडियो रिकॉर्ड करने और वायरल करने के आरोप लगे हैं। जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने युवती के घर में घुसकर चाकू के बल पर जबरदस्ती उसके साथ रेप किया और घटना का वीडियो भी बनाया। पीडि़ता को धमकी दी गई कि अगर वह पुलिस में शिकायत करेगी, तो उसे मार दिया जाएगा।

ट्रंप और नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी कर भडक़े ईरानी मौलवी
ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर अमेरिका और इजरायल के एक्शन के बाद तेहरान के एक शीर्ष शिया मौलवी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी किया है। न्यूयॉर्क सन की रिपोर्ट के मुताबिक, शिया मौलवी नासेर मकारेम शिराजी ने दुनियाभर के मुस्लिमों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए फतवा जारी किया है। फतवे में कहा गया है कि कोई भी शख्स या सरकार जो वैश्विक इस्लामिक समुदाय के नेतृत्व के लिए खतरा बनेगा। उसका माकूल जवाब दिया जाएगा। ईरान के सुप्रीम लीडर को धमकी देने या उनकी हत्या की कोशिश करने वालों को अल्लाह के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। इस तरह की हरकत को अल्लाह की तौहीन के तौर पर देखा जाएगा और उसे अल्लाह के खिलाफ युद्ध के तौर पर देखा जाएगा। हाल के दिनों में हमने देखा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति और इजरायल के नेताओं ने किस तरह बार-बार ईरान के सुप्रीम लीडर को धमकी दी है।

Related Articles