
- सेवा शर्ते शिक्षा विभाग की, तबादला जनजातीय कार्य विभाग में
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में हाल ही में हुए तबादले विवाद की वजह बन गए हैं। एक तरफ जहां अधिकारियों ने मंत्रियों की दरकिनार कर तबादले किए हैं, वहीं शिक्षा विभाग में तो तबादले विवाद की वजह बन गए हैं। अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि सेवा शर्तें शिक्षा विभाग की होने के बाद भी कुछ शिक्षकों का तबादला जनजातीय कार्य विभाग में कर दिया गया है। तबादला आदेश लेकर शिक्षक फुटबाल बने हुए हैं। गौरतलब है की शिक्षा विभाग का तबादला शुरू से ही विवादों में रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग में अधिकारियों ने तबादला प्रक्रिया में बड़ी लापरवाही कर डाली है। सेवा शर्ते एज्यूकेशन डिपार्टमेंट की और ट्रांसफर जनजातीय कार्य विभाग में कर दिए गए हैं। ट्रायबल के जिन विद्यालयों में इनका स्थानान्तरण किया गया वहां यह आदेश लेकर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारियों ने इन्हें वापस लौटा दिया है। इस मामले में विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। एक भी अफसर इस विषय पर बोलने को तैयार नहीं है।
स्थानांतरण शर्तों का उल्लंघन
स्थानांतरण शर्तों में लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त ने जो शर्त रखी उनका उल्लंघन भी होता दिख रहा है। शर्तों के अनुसार संबंधित लोक सेवक को तत्काल कार्यमुक्त करना होगा। कार्यभार ग्रहण करने के पूर्व कोई अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। स्थानीय लोक सेवक को अपना कार्यभार तत्काल सौंपना अनिवार्य होगा। संबंधित सेवक को पूर्व पदस्थी संस्था से बगैर सूचना के लंबी अवधि से अनुपस्थित है तो जिला शिक्षा अधिकारी तीन दिवस में जानकारी उपलब्ध कराएंगे। संबंधित का पद जिला संभाग संवर्ग का होने पर स्थानान्तरित नवीन जिले संभाग में कार्यभार ग्रहण दिनांक से वरिष्ठता निर्धारित होगी। स्थानान्तरित जिले में संबंधित कार्यरत उसी संवर्ग के लोक सेवक में अंतिम लोक सेवक से नीचे वरिष्ठता निर्धारित होगी। ऐसे शिक्षक को तबादला नीति 2022 के अनुसार गंभीर बीमारी विकलांगता पति-पत्नी का अन्यत्र पदस्थ होने के आधार पर वरीयता प्राप्त कर स्थानान्तण प्राप्त किया गया है। कार्यभार ग्रहण कराने वाले प्राचार्य द्वारा वरिष्ठता संबंधी दस्तावेजों की पुष्टि की जाएगी। जानकारी त्रुटिपूर्ण होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी। तबादला आदेश भी निरस्त किया जाएगा। तबादला प्रक्रिया में भारी त्रुटियां और गड़बडिय़ां होने से लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा बनाई गई टीएमसी (ट्रांसफर मैनेजमेंट सेल) सवालों के घेरे में आ गई है। इस कमेटी की जवाबदारी थी कि वह सभी आवेदनों का परीक्षण कर आदेश जारी करवाए। सेल में करीब आधा दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों को रखा गया है। सेल का प्रभार लोक शिक्षण संचालनालय में उप संचालक पीके सिंह को दिया गया। इनके साथ सहायक संचालक आईटी कोआर्डिनेटर शौर्य मल्होत्रा, बाबू यमुनेश तिवारी, प्रदीप नरवरिया और रिचा श्रीवास्तव शामिल हैं। इसके बाद भी इतनी बड़ी लापरवाही होना कहीं न कहीं बड़ी जांच की ओर इशारा कर रहा है। कारण है कि पोर्टल में सुधार किए बिना कैसे आदेश जारी किए गए।
जॉइनिंग के लिए भटक रहे शिक्षक
अधिकारियों ने शिक्षकों के तबादले में जो लापरवाही की है उसके बाद अब वे जॉइनिंग के लिए परेशान हो रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक विनोद कुमार बचले प्राथमिक शाला रामगढ़ विकासखंड ग्यारसपुर जिला विदिशा में पदस्थ थे। इनका तबादला जीपीएस आश्रम शाला खेड़ला जिला बैतूल में कर दिया गया है। डीईओ विदिशा ने इन्हें बैतूल के लिए कार्यमुक्त भी कर दिया। इस शिक्षक ने लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त को जो आवेदन दिया, उससे वह भी अचरज में पड़ गई। शिक्षक ने मौके पर बताया कि जब स्थानान्तरित शाला में जॉइन करने गये तो वहां वरिष्ठ कार्यालय द्वारा बताया गया कि यह जनजातीय विभाग की शाला है। यहां स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक का स्थानान्तरण कैसे किया जा सकता है। यहां जॉइनिंग कराई जाना संभव नहीं है। सागर जिले के मालथौन विकासखंड अंतर्गत जीपीएस शाला नौधाना से प्राथमिक शिक्षक भुवनेश्वरी देवी बिसेन का स्थानान्तरण जीपीएस हरदुआमाल छिंदवाड़ा कर दिया गया। जब यह महिला शिक्षक छिंदवाड़ा पहुंची तो जिला शिक्षा अधिकारी ने यहां कार्यभार कराने से यह तर्क देकर इंकार किया कि यह जनजातीय कार्य विभाग की शाला है। यहां जॉइनिंग संभव नहीं है। वहां के जिला शिक्षा अधिकारी ने लोक शिक्षण संचालनाल आयुक्त को भी पत्र लिखकर अवगत कराया है। तबादलों की गड़बडिय़ां भोपाल में भी देखने को मिली हैं। नेहरू नगर हायर सेकंडरी स्कूल में नीलंजना वशिष्ठ प्राचार्य हैं। यहां दूसरे प्राचार्य को पदस्थ करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। मॉडल स्कूल से यहां टीचर को वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्य बनाकर भेजा गया था। जब विवाद बढ़ा तो यह आदेश निरस्त किया, लेकिन कुछ घंटे बाद फिर आदेश संशोधित कर मॉडल स्कूल टीचर को वहां भेज दिया गया। बागमुफ्ती में प्राचार्य की यथावत पदस्थापना है। यहां सीहोर से एक और प्राचार्य को लाकर पदस्थ कर दिया गया है।