
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में निर्माण कार्य कराने वाले विभागों में काम की प्रतिस्पर्धा में ठेकेदार कम से कम दर पर काम करने को तैयार हैं। इससे काम की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। लेकिन विभागों के अधिकारियों का कहना है कि इससे सरकार को बचत होने की संभावना है। लेकिन आश्चर्य का विषय यह है कि अफसरों ने किसी काम का आकलन जितनी राशि का किया है उससे आधी राशि में कोई उस काम को कैसे कर सकता है। यह किसी गड़बड़ी की आशंका को दर्शाता है।
गौरतलब है किलोक निर्माण विभाग, राजधानी परियोजना सहित अन्य निर्माण विभागों में अलग-अलग निर्माण और संधारण कामों को लेकर अधिकारियों की प्राक्कलन दरों के विपरीत ठेकेदार 48-50 और इससे भी कम दरों पर काम ले रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि 50 प्रतिशत या उससे भी कम दरों पर दिए गए इन कामों की गुणवत्ता खराब नहीं होगी, क्योंकि ये काम अनुविभागीय अधिकारी और उपयंत्री की सतत निगरानी में होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी कामों की दरों को लेकर अधिकारी गलत प्राक्कलन दरें तय कर रहे हैं अथवा जिम्मेदार अभियंता ही घटिया कामों पर गुणवत्ता की मोहर लगाकर इन्हें पास कर रहे हैं।
प्राक्कलन तैयार करने में बड़ा खेल
सूत्रों का कहना है कि अधिकारी सरकार की आंख में धूल झोंक रहे हैं। दरअसल, किसी भी काम के लिए जब प्राक्कलन रिपोर्ट तैयार की जाती है तो उसमें बड़ा खेल किया जाता है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि निर्माण विभागों में निर्धारित दर से कम या अधिक (ब्लो-अबव) का पूरा खेल अधिकारियों की सांठगांठ से चलता है। कम दरों के बावजूद अधिकारियों को कम से कम 10 प्रतिशत कमीशन के बाद खुद का लाभ निकालना होता है। 50 प्रतिशत कम दर पर ठेकेदार को बड़ा लाभ दिलाने के लिए एसडीओ और कार्यपालन यंत्री स्तर के अधिकारी किसी भी काम का जो प्राक्कलन तैयार करते हैं, उसमें मूल काम के साथ कई ऐसे काम जोड़ दिए जाते हैं, जो कम खर्च वाले होते हैं। कई काम ऐसे भी होते हैं, जिनमें संधारण की आवश्यकता ही नहीं होती। निविदा विज्ञप्ति में भी मूल काम के साथ अन्य काम शेष्ट्र जोड़ दिया जाता है, जिसके आधार पर बाहरी व्यक्ति कामों की अनुमानित लागत तय नहीं कर सकता। जिस ठेकेदार को काम देना होता है, निविदा शर्तें और काम उसके अनुकूल तय किया जाता है। काम को ठेकेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा की स्थिति में अधिकारी ही सामंजस्य बैठाने का काम भी करते हैं। मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग संजय मस्के का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के चलते ठेकेदार बहुत क्रम दरों पर ठेके ले लेते हैं। कई ठेकेदार लेवर-मशीनरी का खर्च निकालने के लिए घाटे में भी काम करते हैं। विभागीय कामों की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता।
घटिया निर्माण कर रहे पीडब्ल्यूडी ठेकेदार
लोक निर्माण विभाग द्वारा हर महीने विशेष टीम द्वारा कराए जा रहे औचक निरीक्षण में ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे घटिया निर्माण पकड़े जा रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस दिया जा रहा है। औचक निरीक्षण में अभी तक जितने ठेकेदारों के घटिया निर्माण पकड़े हैं, उनमें से न तो किसी को ब्लैकलिस्ट किया है और न ही डीलिस्ट। हाल ही में लोनिवि की टीम ने रेंडम निरीक्षण के दौरान अनूपपुर, बुरहानपुर और इंदौर में अलग-अलग सडक़ निर्माण का घटिया निर्माण पाया। जिसके चलते तीन ठेकेदार मैसर्स गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड गुरुग्राम, मैसर्स केजी गुप्ता इन्फ्रास्ट्रक्चर इंदौर और मैसर्स सिद्धि विनायक बिल्डर्स एंड सप्लायर्स शहडोल के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। संबंधित क्षेत्र के मुख्य अभियंता को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा औचक निरीक्षण किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत हर माह दो दिन रेंडमली चयनित कार्यों का औचक निरीक्षण कर उनकी गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। इसी क्रम में मुख्य अभियंताओं के सात दलों द्वारा बैतूल,मंदसौर एवं दमोह जिलों में 35 कार्यों का निरीक्षण किया गया। इनमें 14 कार्य लोक निर्माण विभाग, 11 कार्य पीआईयू, 6 कार्य मप्र सडक़ विकास निगम 3 कार्य मप्र भवन विकास निगम एवं 1 कार्य एनएच का सम्मिलित रहा।
घटिया निर्माण की आशंका
लोक निर्माण विभाग ने एक ही तारीख में कम दर वाली सात निविदाएं जारी की। ऐसे में इनमें घटिया निर्माण की आशंका जताई जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा एक ही तारीख को जारी इन सात निविदाओं में सभी सफल निविदाकार ठेकेदारों ने कम दरों पर काम लिए हैं। अधिकारियों का दावा है कि एसडीओ और उपयंत्री की निगरानी में इन कामों की गुणवत्ता खराब नहीं होगी। विंध्यांचल भवन में टैंक मरम्मत सहित अन्य कार्य की निविदा 12 अगस्त 2024 को आमंत्रित की गई। कार्य की अनुमानित लागत 64.98 लाख रुपये थी। इस काम को सफलतम निविदाकार ने 16.63 प्रतिशत कम (ब्लो) दर पर लिया है। वल्लभ भवन ब्लॉक 2 एवं 3 में टफन्ड ग्लास पार्टीशन की निविदा भी 12 अगस्त 2024 को आमंत्रित की गई। कार्य की अनुमानित लागत 36.24 लाख रुपये थी। सफलतम निविदाकार ठेकेदार ने इस काम को 38.99 प्रतिशत कम (ब्लो) दर पर लिया है। राजधानी उपसंभाग क्र. 3 में डी. के. कॉटेज एवं दानापानी तथा दानिश ब्रिज से इंडस अपोलो हॉस्पीटल मार्ग में सरफेस ड्रेन, सेंट्रल वर्ज एवं अन्य कार्य के लिए 12 अगस्त 2024 को आमंत्रित इस निविदा के काम की अनुमानित लागत 30 लाख रुपये थी। ठेकेदार ने इस काम को 48.86 प्रतिशत कम (ब्लो) दर पर लिया। मयूर पार्क, भोपाल में योगा हॉल के एसी सीट को बदलकर प्री-कोटेज गालवनाईज्ड आय प्रोफाईल सीट लगाने सहित अन्य कार्य के लिए 12 अगस्त 2024 को आमंत्रित इस निविदा के कार्य की अनुमानित लागत 28.40 लाख रुपये थी। ठेकेदार ने इस काम को 39.11 प्रतिशत (ब्लो) दर पर लिया। राजधानी उपसंभाग क्र. 3 के अंतर्गत मास्टर प्लान मार्गों में विभिन्न सिविल कार्य के काम की निविदा भी 12 अगस्त 2024 को आमंत्रित हुई। काम की अनुमानित लागत 25 लाख रुपये थी। सफल निविदाकार ने इस काम का ठेका 45.40 प्रतिशत (ब्लो) दर पर लिया है। राजधानी उप संभाग क्र. 2 अंतर्गत विभिन्न मार्गों में टॉ-वॉल का निर्माण, सिविल स्ट्रेक्चर के मजबूतीकरण का कार्य की निविदा 12 अगस्त 2024 को जारी हुई। काम की अनुमानित लागत 24 लाख रुपये थी। ठेकेदार ने इस काम को 46.86 प्रतिशत (ब्लो) दर पर लिया है। राजधानी उप संभाग क्र. 2 के अंतर्गत विभिन्न मार्गों के पेच वर्क एवं अन्य कार्य काम की निविदा भी 12 अगस्त 2024 को जारी हुई। काम की अनुमानित लागत 19.80 लाख रुपये थी। ठेकेदार ने यह काम 37.37 प्रतिशत (ब्लो) दर पर लिया है।