- अपडेशन में देरी पर संबंधित डीडीओ होंगे जिम्मेदार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र में 8 महीने सक 44,810 कर्मचारियों के वेतन नहीं लिए जाने के मामले पर अब पटाक्षेप हो गया है। दरअसल, मामले में सरकार ने अब तक किसी को जिम्मेदार नहीं पाया है। सरकार ने त्यागपत्र देने वाले, सेवानिवृत्त होने वाले, प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले, बगैर एम्पलाई कोड वाले और मृत कर्मचारियों का डेटा समय पर अपडेट नहीं होने से डेटा मिसमैच होने की बात कही है। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों के डाटा को समय पर अपडेट करने के निर्देश जिम्मेदार अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि डाटा अपडेशन में देरी पर संबंधित डीडीओ की जिम्मेदारी तय की जाए। उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने बताया कि डाटा क्लीनिंग एक्सरसाइज एक सतत प्रक्रिया है, जिससे सेवानिवृत्त होने वाले, प्रतिनियुक्ति पर रहने वाले कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों एवं अन्य विभिन्न स्थितियों में अन्य स्थानों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों का डाटा अपडेट किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों का डाटा सत्यापन किया गया है और अभी तक कोई भी कर्मचारी संदिग्ध नहीं पाया गया है अर्थात किसी भी कर्मचारी को किसी भी प्रकार से कोई भी आर्थिक लाभ नियमों के विपरीत नहीं मिला है। उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने बताया कि डाटा क्लीन करने की प्रक्रिया के बाद आईएफएमआईएस नेक्स्ट जेन में डेटा माइग्रेशन करना सुविधाजनक होगा। इससे शुद्ध डाटा की फीडिंग हो सकेगी। उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने बताया कि डेटा क्लीनिंग एक्सरसाइज कंटीन्यू प्रोसेस है। इसमें लगातार कर्मचारियों का डेटा अपडेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों का डेटा सत्यापन किया गया है और अभी तक कोई भी कर्मचारी संदिग्ध नहीं पाया गया है। यानी किसी भी कर्मचारी को नियमों के विपरीत किसी भी प्रकार से कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला है।
अब तक सामने आई यह वजह
वेतन नहीं निकाले जाने के संभावित कारणों की पड़ताल में सामने आया कि त्यागपत्र देने वाले, सेवानिवृत्त होने वाले, प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले, बगैर एम्पलाई कोड वाले और मृत कर्मचारियों का डेटा समय पर अपडेट नहीं होने से डेटा मिसमैच हुआ है। शासन स्तर से इनकी वास्तविक संख्या ज्ञात कराई जा रही है।आईएफएमआईएस में डीडीओ तथा कोषालय अधिकारी स्तर से डेटाबेस में अपडेट कराएंगे। इसके लिए सभी डीडीओ से कोषालय अधिकारियों के माध्यम से जानकारी एकत्रित कर भविष्य में सभी प्रविष्टियां समय पर करने के निर्देश दिए हैं।
कोई सस्पेक्ट नहीं
आयुक्त कोष एवं लेखा ने बताया है कि इस सन्दर्भ में ऐसे नियमित एवं गैर नियमित कर्मचारियों की डाटा सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की गई है, जिनका वेतन आईएफएमआईएस कोषालय प्रणाली से आहरित नहीं हुआ है, (यह अन्य किसी प्रणाली से आहरित हो सकता है यथा प्रतिनियुक्ति, स्थानीय निकाय आदि)। इसके साथ अन्य संभावित कारणों को डीडीओ के माध्यम से एकत्रित किया गया है। आयुक्त कोष एवं लेखा ने बताया कि प्रथम दृष्टया डीडीओ से सत्यापन उपरांत जानकारी विश्लेषण करने पर अभी तक कोई संदिग्ध कर्मचारी परिलक्षित नहीं हुआ है। समस्त डीडीओ को एम्पलाई कोड के समक्ष उपयुक्त फुटपाथ करने तथा एग्जिट एंट्री इत्यादि के माध्यम से डेटाबेस अद्यतन करने के निर्देश दिये गये हैं। आयुक्त कोष एवं लेखा ने बताया कि प्रथम दृष्टया डीडीओ से सत्यापन उपरांत जानकारी एनालिसिस करने पर अभी तक कोई संदिग्ध कर्मचारी सामने नहीं आया है। सभी डीडीओ को एम्पलाई कोड के सामने फ्लैगिंग करने तथा एग्जिट, एंट्री वगैरह के माध्यम से डेटाबेस अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त कोष एवं लेखा ने बताया है कि ऐसे नियमित एवं गैर नियमित कर्मचारियों की डेटा सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की गई है, जिनका वेतन आईएफएमआईएस कोषालय प्रणाली से नहीं निकाला गया है। यह अन्य किसी प्रणाली जैसे प्रतिनियुक्ति, स्थानीय निकाय आदि से निकाला जा सकता है। इसके साथ अन्य संभावित कारणों को डीडीओ के माध्यम से एकत्रित किया गया है।