शिक्षकों की एक भी तबादला सूची नहीं आई

तबादला सूची
  • तबादला अवधि पूरी होने में अब सिर्फ 4 दिन बचे

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में तबादलों का दौर चल रहा है। सभी विभाग गाइडलाइन के अनुसार तबादले कर रहे हैं। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की एक भी तबादला सूची जारी नहीं हुई है। जबकि तबादला अवधि पूरी होने में अब सिर्फ 5 दिन बचे हैं। जानकारों का कहना है कि शिक्षकों के स्वैच्छिक तबादलों में विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी के कारण पेंच फंस गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2022 में विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी मिलने के 3 साल बाद पहली बार कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटा है। जब तबादलों की प्रक्रिया शुरू हुई, तो सामने आया कि जिले के अंदर प्रभारी मंत्री शिक्षकों के तबादले नहीं कर सकेंगे, क्योंकि पॉलिसी में इसका प्रावधान नहीं है। जिलों के अंदर और बाहर शिक्षकों के ट्रांसफर विभागीय मंत्री के अनुमोदन से हो सकेंगे। इस स्थिति को देखते हुए यह मुद्दा मुख्य सचिव और सीएम सचिवालय स्तर पर पहुंचा।
गौरतलब है कि प्रदेश में कर्मचारियों के तबादले 10 जून तक हो सकेंगे।  लेकिन शिक्षकों की एक भी तबादला सूची अब तक जारी नहीं हो पाई है। शिक्षकों के स्वैच्छिक तबादलों में विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी के कारण पेंच फंस गया है। दरअसल, प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की अपनी अलग ट्रांसफर पॉलिसी है। इस पॉलिसी में प्रभारी मंत्रियों को जिले के अंदर तबादला करने का अधिकार नहीं दिया गया है, जबकि कर्मचारियों की नई ट्रांसफर पॉलिसी में जिलों के भीतर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के ट्रांसफर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है।  
 ट्रांसफर पॉलिसी में ये प्रावधान
ट्रांसफर पॉलिसी में किए गए प्रावधान के अनुसार हर साल शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया जनवरी से शुरू होगी और 30 अप्रैल तक तबादला आदेश जारी कर दिए जाएंगे। शिक्षकों को 15 मई तक नए कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। ट्रांसफर पॉलिसी में एजुकेशन पोर्टल पर कर्मचारियों की जानकारी 15 जनवरी तक अपडेट करने की बात कही गई है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की अंतिम तारीख 31 मार्च निर्धारित की गई है। इसमें तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और आदेश भी ऑनलाइन जारी करने का प्रावधान किया गया है। पॉलिसी के अनुसार नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम तीन साल नौकरी करना अनिवार्य होगा। शिक्षकों को अपने पूरे सेवाकाल में 10 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देना होंगी। शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। नई पॉलिसी में पहले स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी। स्वैच्छिक स्थानांतरण होने पर तीन साल से पहले उस स्थान से नहीं हटाया जाएगा। उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल और सांदीपनि विद्यालयों में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार इस गफलत को दूर करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन कर रही है। संशोधन की प्रक्रिया जारी है। इस संबंध में एक-दो दिन में आदेश जारी हो जाएंगे। जानकारी के मुताबिक 2 अगस्त, 2022 को तत्कालीन शिवराज कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी थी। इस पॉलिसी में शिक्षकों के तबादलों को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं, जो कि कर्मचारियों की नई ट्रांसफर पॉलिसी-2025 से अलग हैं। इनमें से एक प्रावधान ने शिक्षकों के तबादले अटका दिए हैं। नई ट्रांसफर पॉलिसी में जिलों के अंदर कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किए जाने का प्रावधान है, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। 

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