बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/जाति प्रमाण-पत्र का मामला- भोपाल के चीफ सिटी प्लानर रहे लिखार को राहत

जाति प्रमाण-पत्र

जाति प्रमाण-पत्र का मामला- भोपाल के चीफ सिटी प्लानर रहे लिखार को राहत
इंदौर नगर निगम के सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार को जाति प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट से फिलहाल राहत मिली है। अपीलकर्ता नीरज आनंद ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें उनके पद के कार्यों से तत्काल प्रभाव से अलग करने के निर्देश 19 मई को जारी किए गए थे। डिवीजन बेंच के जस्टिस विशाल धगट और जस्टिस पीके अग्रवाल ने इस अपील पर कहा कि एकलपीठ के समक्ष उठाई जाने वाली आपत्तियों पर अंतिम निर्णय होने तक नीरज आनंद के विरुद्ध कोई भी कारवाई नहीं की जाएगी। मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट सतीश नायक ने यह दायर किया था। नीरज आनंद भोपाल नगर निगम में चीफ सिटी प्लानर भी रह चुके हैं। बता दें कि सिटी प्लानर नीरज आनंद के बड़े भाई अजय लिखार का अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उन्हें शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद भोपाल निवासी समाजसेवी सतीश नायक ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि नीरज आनंद ने भी उसी जाति के प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी सेवा में प्रवेश लिया है।

आईएएस अफसर दिव्यांक सिंह व हर्षिका सिंह के खिलाफ लोकायुक्त जांच शुरू
लोकायुक्त ने इंदौर में दो आईएएस अधिकारियों स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह और पूर्व निगमायुक्त हर्षिका सिंह के खिलाफ जांच प्रकरण दर्ज किया है। यह कार्रवाई पूर्व पार्षद दिलीप कौशल की शिकायत पर हुई है। शिकायत में आरोप है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में संविदा पर नियुक्त सिविल इंजीनियर देवेश कोठारी को नगर निगम में स्थायी भवन अधिकारी पद पर पदस्थ किया गया, जबकि वे इसके लिए अयोग्य थे। लोकायुक्त ने आईएएस अफसरों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी। कोठारी ने संविदा कर्मी होने की जानकारी छिपाकर लगभग 250 भवन नक्शों को अपने डिजिटल हस्ताक्षर से स्वीकृत किया। जोन 13 में निरीक्षण के दौरान उन्होंने कई भवनों को अवैध घोषित कर बिल्डरों से अवैध वसूली की।

जीतू पटवारी के भाई व जिला कांग्रेस अध्यक्ष पर करोड़ों की जमीन पर कब्जे का केस दर्ज
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई भरत पटवारी और नाना पटवारी सहित इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव के खिलाफ इंदौर में जमीन पर कब्जा और धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। तेजाजी नगर थाना पुलिस ने तीनों पर नामजद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला बायपास स्थित ग्राम उमरीखेड़ा की 6.33 एकड़ जमीन से जुड़ा है। इस जमीन की वर्तमान कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। आरोप है कि तीनों ने ट्रस्ट के नाम पर यहां अवैध निर्माण शुरू कर दिया और जमीन के मालिक नरेंद्र मेहता (74)  को जान से मारने की धमकी दी। एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने बताया कि फरियादी नरेंद्र मेहता की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। मेहता के मुताबिक, 29 मार्च को सदाशिव यादव 15-20 लोगों के साथ पहुंचे और जबरन जमीन पर कब्जा कर लिया। कब्जे के बाद निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया और सोशल मीडिया पर जमीन बेचने के विज्ञापन तक चलाए गए।

रिश्वत ऑडियो मामला: जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी को हटाया
जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) ओपी शर्मा को विभाग ने इस पद से हटा दिया है। विभाग द्वारा मंगलवार को इस बारे में आदेश जारी कर दिए गए। शर्मा द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारी बीके चौरसिया से रिश्वत मांगने का ऑडियो करीब 10 दिन पहले वायरल हुआ था।  रिश्वत मांगने को लेकर चौरसिया सहित एक अन्य विभागीय अधिकारी ने राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक और आयुक्त लोक शिक्षण से शिकायत की थी। शर्मा और चौरसिया दोनों मप्र राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारी भी हैं। शर्मा संघ के संभागीय कोषाध्यक्ष और चौरसिया प्रदेश कार्यालय मंत्री हैं। शर्मा का यह ऑडियो शिक्षकों के  कुछ सोशल मीडिया ग्रुप में वायरल हुआ। ऑडियो में डीपीसी यह कहते सुनाई पड़ रहे थे कि पैसे लाकर दो अभी।

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