बिच्छू डॉट कॉम:टोटल रिकॉल/मंत्री विजय शाह ने फिर मांगी माफी, बोले- यह मेरी भाषाई भूल थी

विजय शाह

मंत्री विजय शाह ने फिर मांगी माफी, बोले- यह मेरी भाषाई भूल थी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताने वाले प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक बार फिर माफी मांगी है। उन्होंने कहा- ये मेरी भाषाई भूल थी। इसके लिए मैं बहन सोफिया कुरैशी और देशवासियों से माफी मांगता हूं। मंत्री विजय शाह ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि किसी को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं था। मंत्री विजय शाह ने जारी वीडियो में कहा, जय हिंद, पिछले दिनों पहलगाम में हुए जघन्य हत्याकांड से मन दुखी और विचलित था। मेरा राष्ट्र के प्रति अपार प्रेम और भारतीय सेना के प्रति आदर और सम्मान हमेशा रहा है। मेरे द्वारा कहे गए शब्दों से समुदाय धर्म और देशवासियों को दुख पहुंचा है, यह मेरी भाषाई भूल थी। मेरा आशय किसी भी धर्म जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाना या आहत करना नहीं था। भूल वश अपने द्वारा कहे गए शब्दों के लिए मैं पूरी तरह भारतीय सेना, बहन कर्नल सोफिया कुरैशी और देशवासियों से पूरी तरह क्षमा प्रार्थी हूं और पुन: हाथ जोडक़र आप सबसे माफी मांगता हूं। गौरतलब है कि मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उमंग सिंघार का आरोप- मप्र में सिर्फ कागजों  तक सीमित हैं निवेश प्रस्ताव
मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शुक्रवार को राजधानी में पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बैंगलुरु दौरे और इन्वेस्ट इन एमपी कार्यक्रम को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीएम के बैंगलुरु दौरे के दौरान 7,935 करोड़ के निवेश और 18,975 नौकरियों का दावा किया, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मप्र में निवेश सम्मेलन वैसे ही हैं, जैसे शादी के कार्ड बांटे जाएं और दूल्हा-दुल्हन का अता-पता ही न हो। सिंघार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि समिट में भारी-भरकम निवेश प्रस्तावों की घोषणा हुई, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने प्रस्ताव धरातल पर उतरे हैं। निवेश प्रस्ताव तक कागजों तक सीमित होकर रह गए हैं।  उन्होंने सवाल उठाया कि क्या जीआईएस विकास का मंच है या सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट का तमाशा। वहीं, साल 2019 से 2024 के बीच मप्र को महज 4,563 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश मिला, जबकि महाराष्ट्र को 6.71 लाख करोड़ और कर्नाटक को 4.27 लाख करोड़ का मिला है।

नकारात्मक बात करना कांग्रेस नेताओं की आदत: विश्वास सारंग
नेता प्रतिपक्ष सिंघार के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सहीकरता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि नकारात्मक बात करना कांग्रेस के नेताओं की आदत है। मप्र में इन्वेस्टमेंट के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जो प्रयास किए हैं, उसके सकारात्मक परिणाम निकले हैं, चाहे वह रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो या फिर भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट। हर एक निवेश का प्रयास जो सरकार ने किया है उसके सकारात्मक परिणाम आए हैं। कांग्रेस के नेता यह भूल जाते हैं कि उनके किसी बयान से प्रदेश या देश का सम्मान भी बिगडता है। उमंग सिंघार मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, तो मप्र की जनता ने उन्हें वहां भेजा है और प्रदेश के हित का ध्यान सभी को रखना चाहिए। मैं दृढ़ता के साथ यह बात कह सकता हूं कि इन्वेस्टमेंट के मामले में मोहन यादव की सरकार ने अच्छा काम किया है, मप्र में लगातार इन्वेस्टमेंट आ रहा है।

जस्टिस वर्मा मामले की जांच रिपोर्ट सांसदों को दी जाए
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगभग दो माह पहले जले हुए नोटों के बंडल मिलने के मामले की जांच रिपोर्ट सभी सांसदों को देने की मांग मध्य प्रदेश से राज्य सभा सदस्य व कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने की है। इसके लिए उन्होंने राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को शुक्रवार को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सांसदों को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के संवैधानिक प्रविधानों का भी उल्लेख किया है। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सौंप दी है। तन्खा ने अपने पत्र में लिखा है कांग्रेस के जयराम रमेश ने राज्यसभा में यह यह मामला उठाया था, तब सभापति ने जांच दल गठित करने की त्वरित कार्यवाही की प्रशंसा की थी। विवेक तन्खा ने प्रश्न उठाए हैं कि कानून मंत्री द्वारा कोई बयान या कार्रवाई की घोषणा नहीं की गई है।

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