
- जनजातीय कार्य मंत्री के बयान मामले में एसआईटी की जांच शुरू
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। कर्नल सोफिया कुरेशी को लेकर विवादित बयान देने वाले जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने जांच शुरू कर दी है। मंत्री विजय शाह मामले में गठित एसआईटी की टीम ने थाना मानपुर में दर्ज एफआईआर का ब्यौरा जुटाया और केस डायरी को अपने कब्जे में ले लिया है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है, लेकिन वह अभी भी सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर हैं। वहीं शाह के समर्थन में आदिवासी और सैनिक उतर चुके हैं। दूसरी तरफ उनका बेटा भी पिता को बचाने के लिए मोर्चा संभाल चुका है।
गौरतलब है कि इंदौर से सटे मानपुर इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने भारतीय सेना की अधिकारी सोफिया कुरैशी को लेकर अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ प्रदेश के डीजीपी को मुकदमा दायर करने को कहा था। मुकदमा दर्ज होने के बाद शाह को सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल चुकी है। इसके बाद भी शाह अब तक सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं और न ही वे राजधानी स्थित अपने निवास पर अब तक आए है।
आठ बार से भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह को सोफिया कुरैशी मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। उनकी गिरफ्तारी पर शीर्ष अदालत ने रोक लगा दी है, इसके बाद भी वे सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर है। उनकी यह दूरी पार्टी में चर्चा का विषय बनी हुई है। इधर उनसे जुड़े सूत्र बताते है कि सुप्रीम कोर्ट में 28 मई को पेश होने वाली स्टेट्स रिपोर्ट के बाद वे अपना अगला कदम तय करेंगे। इधर संगठन ने इस मामले में खामोशी ओड़ रखी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा का कहना है कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में है और हम न्यायालय का सम्मान करते हैं। 28 मई को सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाने वाली स्टेट्स रिपोर्ट शाह का राजनीतिक भविष्य तय कर सकती है।
समर्थकों ने सोशल मीडिया पर संभाला मोर्चा
एक तरफ विजय शाह सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर हैं, वहीं सोशल मीडिया पर अब उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ रखा है। समर्थक जो वीडियो पोस्ट कर रहे हैं उनमें बचाव करते हुए कहा जा रहा है कि उनकी मूले भावना को नहीं समझा गया और शब्दों पर जोर दिया गया। उन्हें धर्म की राजनीति से हमेशा दूर रहने वाला नेता भी बताया जा रहा है। इस बीच उनके पुत्र दिव्यादत्त शाह ने 18 मई को अपने क्षेत्र में एक कार्यक्रम आयोजित कर सैनिकों का सम्मान भी किया। वे विजय शाह को देशभक्त बता रहे हैं और उनकी सैनिकों के साथ तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। विजय शाह फैंस क्लब के पेज पर एक पोस्ट में सपा सांसद रामगोपाल यादव के बयान पर विपक्ष की चुप्पी और विजय शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर लिखा गया है कि विजय शाह को इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि वे आदिवासी हैं।
वीडियो शेयर कर समर्थन जुटा रहे समर्थक
विजय शाह के एक मुस्लिम समर्थक ने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, उसका गुस्सा हर भारतवासी के मन में है। पूरे भारतवासियों से एक निवेदन था कि एक शब्द बोलने की सजा बाबा साहब अंबेडकर संविधान में कहां लिखकर गए हैं? एक शब्द ऊपर नीचे हो जाए तो फिर से चुनाव होगा। लाखों गरीब लोग डिस्टर्ब होंगे। विजय शाह गरीबों के नेता हैं। उन्होंने कभी हिन्दू मुस्लिम की राजनीति नहीं की। सरकार चाहे तो जांच करा ले। कभी किसी हिन्दू, मुसलमान किसी का भी दिल दुखाया हो। मजाकिया अंदाज में बात करते हैं। एक शब्द ऊपर नीचे हो गया, उसके लिए उन्होंने माफी भी मांग ली है लेकिन, टीवी एंकर उनके पीछे लगे हुए हैं। मैं तीस साल से उनके साथ हूं। उन्होंने कई गरीबों का भला किया है। वहीं खंडवा जिले के खोकरिया गांव के गोलू जाटव का वीडियो शेयर कर विजय शाह फैन्स क्लब ने लिखा कि गोलू जाटव का सेना में जाने का सपना विजय शाह ने पूरा कराया। वीडियो में गोलू जाटव कह रहे हैं कि ये दुर्भाग्य पूर्ण है कि कुछ दिनों से विजय शाह जी के एक शब्द या वाक्य को संदर्भ से हटाकर एक राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा है। लोगों ने पहले भी गलत या विवादित बातें कही है लेकिन विजय शाह के खिलाफ ही इतनी तीव्र प्रतिक्रिया क्यों?, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे आदिवासी हैं। अगर पूरा भाषण ध्यान से सुना जाए तो साफ होता है कि उनका उद्देश्य देशभक्ति दिखाना था लेकिन भाषा और अभिव्यक्ति की कमी के कारण उनका संदेश सही रूप में सामने नहीं आया। नीयत पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।
15 मई से गायब है शाह
मंत्री विजय शाह 15 मई से गायब हैं। 14 मई को वे अपने विधानसभा क्षेत्र हरसूद और खंडवा में कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इसके बाद वे कहीं नजर नहीं आए। 15 मई की रात को सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई। इसमें दावा किया गया कि मंत्री विजय शाह पत्नी के साथ सचखंड एक्सप्रेस से भोपाल के लिए रवाना हुए हैं। लेकिन, शाह भोपाल में न तो बंगले पर नजर आए और न ही अपने सरकारी ऑफिस में।
28 मई को पेश होगी रिपोर्ट
विजय शाह के बयान के मामले की जांच करने के लिए बनाई गई एसआईटी को अपनी स्टेटस रिपोर्ट 28 मई को सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी है। ऐसे में इस मामले से जुड़े साक्ष्य, गवाह और वीडियो के आधार पर एसआईटी अपनी पूरी रिपोर्ट बनाने में जुटी हुई है। शाह का बयान सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें बुलाकर नसीहत दी थी।