
- दूरदराज के जिलों में स्थिति बेहद खराब
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। इस समय प्रदेश में आधार अपडेट कराना किसी जंग को जीतने से कम नही है। इसकी वजह है इसके लिए सिर्फ जिला स्तर पर सेंटर बनाए गए हैं। इन सेंटरों की क्षमता भी बेहद सीमित है। देश में अगर आपको किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ लेना हो या फिर बैंक में खाता खुलवाना हो तो आधार कार्ड का होना जरूरी है। आधार कार्ड के बगैर स्कूल, कॉलेज में प्रवेश लेने से लेकर, वित्तीय संस्थाओं में खाते खुलवाना और सरकारी सुविधाएं लेना संभव नहीं है। लेकिन इन दिनों प्रदेश में आधार केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लोगों को काफी परेशान कर रही हैं। इसका मुख्य कारण आधार केंद्र और मशीनों की कम संख्या होना है। जिला मुख्यालयों पर ही ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) के भरोसे ही आधार सेवा है। अधिक भीड़ होने की वजह से अवैध वसूली के मामले भी जिला प्रशासन तक पहुंच रहे हैं। अगर भोपाल की ही बात की जाए तो भोपाल के आशिमा मॉल व एमपी नगर पर आधार केंद्र यूआईडीएआई द्वारा संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों पर आधार बनवाने, अपडेट कराने के लिए 4 से 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। सबसे ज्यादा समय ऑशिमा केंद्र पर लगता है। यहां केंद्र खुलने से पहले ही कतार लगना शुरू हो जाती है। आधार केंद्रों पर सबसे ज्यादा छोटे बच्चों के मामले आ रहे हैं। जिसमें 5 साल से अधिक उम्र पर बायोमैट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य होता है। शिक्षा मंत्रालय ने विद्यार्थियों के लिए अपार आईडी को अनिवार्य कर दिया है। अपार आईडी, आधार से बनती है। बच्चों को लेकर परिजन आधार केंद्र पहुंच रहे हैं। उन्हें घंटों लाइन में खड़े होना पड़ता है।
छोटे जिलों में स्थिति अधिक खराब
आधार अपडेशन एवं बनवाने को लेकर छोटे जिलों में स्थिति ज्यादा खराब है। जिला मुख्यालयों पर 2 या 3 केंद्र ही संचालित हैं। शिवपुरी, श्योपुर, निवाड़ी, दमोह, पन्ना, रायसेन, उमरिया, शहडोल, मंडला, बालाघाट जैसे जिलों में केंद्रों के साथ-साथ मशीनों की संख्या भी कम है। भोपाल, इंदौर के आधार केंद्रों पर छोटे जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैं।
एक मशीन से 70 आधार अपडेट
एक आधार मशीन से दिनभर में अधिकतम 70 आधार कार्ड का ही कािम हो पाता है। मप्र में स्वान के नेटवर्क पर मशीनें संचालित होती हैं। सुबह 9 से पहले या शाम साढ़े छह बजे के बाद आधार अपडेट करने पर संचालक की आईडी ब्लैकलिस्ट होने का खतरा रहता है। चूंकि आधार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है, इसलिए आधार पंजीकरण से लेकर अपडेशन तक सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना जरुरी होता है।
ये हैं परेशानी के मुख्य कारण
कोराना से पहले बैंक, पोस्ट ऑफिस समेत अन्य संस्थाओं में जो केंद्र खोले गए थे, वे धीरे-धीरे बंद किए जा चुके हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार अनिवार्य है। लेकिन ई-केवायसी कराने पर आधार से नाम, उपनाम मैच नहीं हो रहे। कुछ मामलों में जन्मतिथि, पता एवं मोबाइल फोन नंबर बदलवाने भी आधार केंद्र पहुंचाना पड़ता है। इसके अलावा ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्र में आधार केंद्रों का ढांचा नहीं है। भीड़ की एक वजह यह भी आधार कार्ड को अपग्रेड कराना अनिवार्य किया हुआ है। इसकी वजह से पुराने सभी आधार कार्ड बनवाने वाले लोगों का उन्हें अपग्रेड कराया जा रहा है। दरअसल इतने समय में फिंगर प्रिंट बदल जाते हैं। इसके अलावा नौकरी पेशा वाले लोगों को भी आधार में पता बदलवाना होता है।