जहां से गुजरे श्रीराम वहां मनेगी रामनवमी

रामनवमी

जनजातीय संग्रहालय विभाग ने बनाई कार्ययोजना

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार ने 6 अप्रैल को राम प्राकट्य उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेशभर में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम होंगे। इसी कड़ी में जनजातीय संग्रहालय विभाग द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है, इसके अनुसार मप्र में जिस राह से भगवान राम गुजरे, वहां बनने वाले राम वनगमन पथ पर इस बार रामनवमी मनाई जाएगी। गौरतलब है कि वनवास के समय भगवान राम जिन रास्तों पर चले थे, उनको राम वन गमन पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें से प्रदेश के 22 स्थानों पर पहली बार एक साथ भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाएगा। इस आयोजन में क्षेत्रीय कलाकार राम कथा गाएंगे। जनजातीय संग्रहालय विभाग द्वारा कराए जा रहे इस कार्यक्रम के माध्यम से राम वन गमन पथ को लेकर वनांचल में रहने वाले आदिवासियों की रुचि और कठिनाइयों को भी चिन्हित किया जाएगा। इन विशेष स्थानों में से उमरिया जिले में मौजूद एक स्थान पर वन विभाग द्वारा अनुमति न दिए जाने से आयोजन नहीं होगा।
इस तरह के होंगे आयोजन
दरअसल, प्रदेश सरकार ने 6 अप्रैल को राम प्राकट्य उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार संस्कृति विभाग जहां छह स्थानों पर बड़े आयोजन करा रहा है, वहीं जन जातीय संग्रहालय विभाग गांवों में जाकर कार्यक्रम करेगा। जनजातीय विभाग द्वारा राम वन गमन पथ को लेकर पहली बार आयोजन कराए जाएंगे। 22 जगहों पर सुबह 10 बजे से एक साथ लोक गायिकी प्रस्तुतियां शुरू होंगीं। भगवान राम से जुड़ी आस्था के क्षेत्र में यह आयोजन पहली बार हो रहा है। पूरी तरह से भक्ति गायन पर आधारित इस आयोजन में पर्यटक आदिवासियों द्वारा सामान्य तौर पर गाए जाने वाले भजनों को उन्हीं की भाषा में सुन सकेंगे।
22 जगह लोक गायिकी का आयोजन
जनजातीय संग्रहालय विभाग के अशोक मिश्रा का कहना है कि राम वन गमन पथ में पहली बार 22 जगह लोक गायिकी की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। पथ से जुड़े स्थानों पर श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है, इसलिए यह आयोजन महत्वपूर्ण है। इससे हमें यह जानने का अवसर मिलेगा कि क्या-क्या समस्याएं है, जिनको दूर किया जाना है। यह भी पता चलेगा कि आंचलिक लोग कितनी रुचि ले रहे हैं। विभाग द्वारा जिन स्थानों पर कार्यक्रम होना है उसके तहत सतना के चित्रकूट क्षेत्र में स्फटिक शिला-मंदाकिनी, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया-अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण मुनि आश्रम-सिलहा, सिद्ध पहाड़-सिद्धा, सीता रसोई, रामसेल रक्सेलवा गांव शामिल हैं। वहीं पन्ना में बृहस्पति कुंड-पहाड़ी खेरा, सुतीक्ष्ण आश्रम सारंगधर, अग्निजिह्वा आश्रम-बड़ेगांव मीढ़ासन, अगस्त्य आश्रम-सलेहा (सिलेहा), कटनी में शिव मंदिर-भरभरा (शिल्परा), जबलपुर में रामघाट-पिपरिया (नर्मदा), नर्मदापुरम में श्री राम मंदिर पासी घाट, श्री राम मंदिर माच्छा, उमरिया में मार्कण्डेय आश्रम-दरबार (सोनभद्र), दशरथ घाट, विजौरी, सोनभद्र, शहडोल में सीता मढ़ी-गधिया और अनूपपुर में सीतामढ़ी कनवाई (बरनी) शामिल हैं।

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