- नए सत्र के शुरू होने से पहले नहीं दी जा रही फीस की जानकारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
पुराना सत्र समाप्त होने के बाद अब नया स्कूली सत्र शुरु होने में महज आठ दिन का समय ही रह गया है, लेकिन निजी स्कूल प्रबंधन प्रशासन को यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि वह नए सत्र में कितनी फीस वसूलेगा।
अहम बात यह है कि इसी तरह का कुछ हाल किताबों का भी है। प्रशासन दावे बहुत करता है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, जिसकी वजह से निजी स्कूल प्रबंधन का हौंसले बुलंद बने हुए हैं। यही वजह है कि अब भी स्कूलों में ऐसी किताबों से पढ़ाया जा रहा है जो बेहद महंगी होने के साथ तयशुदा दुकानों पर ही मिलें। उल्लेखनीय है कि निजी स्कूलों पर फीस नियंत्रण के लिए (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन)-2020 कानून बनाकर लागू किया गया। इसके मुताबिक 90 दिन पहले स्कूलों को फीस संरचना, लेखा-जोखा सहित पाठ्यक्रम की जानकारी देने का नियम है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने 29 अक्टूबर 2024 को निजी स्कूलों को पोर्टल पर विभिन्न मद में ली जा रही फीस – संरचना को अपलोड करने के निर्देश दिए थे। 31 मार्च तक का समय दिया गया है, लेकिन प्रदेश के सिर्फ दो फीसद निजी स्कूलों ने ही फीस संरचना की जानकारी दी है, जबकि सत्र शुरू होने में 10 दिन का समय शेष है। ऐसे में अभिभावकों से इस सत्र में स्कूलों द्वारा मोटी फीस वसूलने की तैयारी है। फीस अधिनियम का पालन करने के लिए कई बार स्कूल शिक्षा विभाग निर्देश दे चुका है, पर इसका पालन अधिकारी नहीं करा पा रहे हैं। अधिकारियों की अनदेखी के कारण निजी स्कूल मनमानी करते हैं। प्रदेश में फीस रेगुलेशन एक्ट वर्ष 2018 में लागू हो चुका है। इसके मुताबिक जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाना है। लेकिन अब तक कमेटी गठित नहीं हुई।
प्रदेश के स्कूलों की स्थिति
प्रदेश के निजी स्कूल की संख्या 34,664
फीस संरचना की जानकारी दी 809
इतने स्कूलों ने जानकारी नहीं दी 33,857
इतने स्कूलों की शिकायत 117
जिले के निजी स्कूलों की संख्या 98
इतने स्कूलों ने जानकारी दी 80
इतने स्कूलों ने नहीं दी जानकारी 18
तीन-चार बुक डिपो का पूरे शहर पर कब्जा
राजधानी में तीन-चार ही बड़े बुक डिपो हैं, जो पूरे मार्केट पर कब्जा रखते हैं। यही बुक डिपो स्कूलों से सांठगांठ कर अपनी प्रिंटिंग प्रेस में किताबों को छपवाते हैं और महंगे दामों पर अभिभावकों को बेचते हैं। किताबों का यह कारोबार लगभग सौ करोड़ के आसपास का है।