
- गड़बडिय़ों की शिकायतों के बाद उठाया जा रहा है कदम
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में हर घर नल से जल योजना के मामलों में सरकारी अमले की कार्यप्रणाली को लेकर उठे गंभीर सवालों के बाद अब भोपाल से पूरी तरह से नजर रखने का तय किया गया है। दरअसल, विभाग का दावा है कि इस मिशन के तहत जिन गांवों में काम पूरा कर लिया गया है, वहां पर हर घर में नल से जल पहुंचने लगा है, लेकिन जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग इससे सहमत नही हैं। हाल ही में जल जीवन मिशन को लेकर बड़ी गड़बड़ी भी सामने आ चुकीं हैं।
यही नहीं यहां तक आरोप लगाए गए हैं कि जिन गांवों में मिशन का काम पूरा होना बता दिया गया है, वहां नलों से पानी ही नहीं आ रहा है। इसकी वजह से लागोंं को अपने स्तर पर ही पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। इस मामले में इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग ने घर-घर नल की निगरानी के लिए फंक्शनली फीडबैक लागू कर दिया है। जिसके तहत कोई भी व्यक्ति जल जीवन मिशन को लेकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग ने जल जीवन मिशन के लिए राजधानी भोपाल स्थित मुख्यालय में योजना के तहत जल प्रदाय की स्थिति और लोगों से फीडबैक के लिए राज्य स्तर पर एक विशेष सेल का गठन कर दिया है। यह मॉड्यूल प्रमुख अभियंता कार्यालय की लोक सेवा प्रबंधन टीम द्वारा संचालित किया जाएगा। मॉड्यूल के माध्यम से उपभोक्ताओं का फीडबैक सीधे ऑनलाइन प्राप्त होगा और समस्याओं की जानकारी संबंधित कार्यपालन यंत्री एवं अधिकारियों तक तत्काल पहुंचेगी, जिससे योजनाओं में तेजी से सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
75.20 लाख घरों को नल से पानी
जल जीवन मिशन के तहत मप्र में 1 करोड़ 11 लाख 88 हजार घरों में से 75 लाख 20 हजार घरों में नलों से पानी पहुंच रहा है। मप्र ने जल जीवन मिशन का 67.22 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है। ज्यादातर परियोजनाएं अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। जून 2025 तक पूरा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सदन में दोनों पक्ष के सदस्य मिलकर उठा चुके हैं मामला
बीते सत्र में कांग्रेस और भाजपा विधायकों द्वारा एक मंच पर आकर नल जल योजना पर पीएचई विभाग की कार्यप्रणाली की आलोचना की थी। तब मंत्री ने विधानसभा को आश्वासन दिया था कि विभाग योजना का बचा हुआ काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। अहम बात यह है कि प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक विजयपाल सिंह ने सदन में यह सवाल उठाया था। इसके बाद विधायक ठाकुरदास नागवंशी ने भी सवाल उठाते हुए कहा था कि नल जल योजना के तहत निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, हेमंत कटारे, सोहनलाल वाल्मिक समेत कांग्रेस विधायकों और गोपाल भार्गव समेत भाजपा विधायकों ने सदन में यह मुद्दा उठाया था। भार्गव ने कहा था कि यह किसी एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि उन सभी 52,000 गांवों की समस्या है, जहां यह योजना चल रही है।
पहला राज्य जहां, डिजिटल निगरानी
जल जीवन मिशन भारत सरकार की परियोजना है। जिसके तहत प्रदेश के हर गांव में घर-घर नल से पानी देने का लक्ष्य है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मप्र जल जीवन मिशन परियोजना के लक्ष्य को हासिल करने में औसत गति से आगे बढ़ रहा है। इसी के साथ मध्यप्रदेश मिशन की पूर्ण योजनाओं की क्रियाशीलता का स्वत: फीडबैक लेने की व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह पहल जल प्रदाय व्यवस्था को अधिक प्रभावी, विश्वसनीय और सुदृद बनाएगी। साथ ही, विभाग अब बिना किसी शिकायत के अपनी योजनाओं का स्वयं मूल्यांकन कर सकेगा।