मोहन यादव के प्रथम जनता दरबार की तैयारियों में जुटा प्रशासन

मोहन यादव

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अब खुद आमजन की शिकायतें सुनकर उनका निराकरण करने की तैयारी में हैं। इसके लिए वे अगले माह से जनता दरबार शुरु करने जा रहे हैं। इसके लिए शासन से लेकर प्रशासन तक तैयारियों में लगा हुआ है। इस दौरान किसी तरह की भगदड़ और कोई अप्रिय स्थिति न बने इसके लिए मंथन कर योजना तैयार करने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए एक प्रारुप भी तैयार किया गया है जिसे अंतिम रुप दिया जा रहा है। जो प्रारुप तैयार किया गया है, उसके तहत आमजन को पहले से अपनी शिकायत या फिर समस्या लिखित में देनी होगी , जिसके बाद सभी समस्यों में से करीब दो दर्जन लोगों की समस्याओं परीक्षण कर देखा जाएगा कि इनमें से ऐसी कौन सी शिकायत है, जिसका निराकरण मुख्यमंत्री से मिलकर ही हो सकता है। इससे संबंधित शिकायतों वाले आवेदनों से करीब दो दर्जन आवेदनों का चयन किया जाएगा जिसके बाद उन्हें तय तारीख पर जनता दरबार में आने की सूचना दी जाएगी।
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जनता दरबार लगाने को लेकर सीएम सचिवालय के अधिकारी एक पोर्टल तैयार कर रहे हैं। यह पोर्टल जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। सीएम हेल्पलाइन 181 पर सिंगल विंडो खोली जाएगी, जो पोर्टल से कनेक्ट रहेगी। सीएम हेल्पलाइन पर जो भी शिकायतें आएंगी, उनमें से जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें अपनी समस्या बताने की चाहत रखने वाले आवेदकों के आवेदन इस सिंगल विंडो के माध्यम से लिए जाएंगे। इन आवेदनों की स्कूटनी के दौरान शिकायत की प्रकृति देखी जाएगी। गंभीर प्रकृति की शिकायतों को लेकर पहले संबंधित आवेदकों से फोन पर चर्चा की जाएगी। यदि समस्या का निराकरण अधिकारियों के स्तर पर हो सकता है, तो वहीं कर दिया जाएगा। ऐसी शिकायतें जिनमें अधिकारियों को लगेगा कि इनके निराकरण में मुख्यमंत्री का अनुमोदन, उनकी राय लेना जरूरी है, तो ऐसे आवेदनों को जनता दरबार में शामिल करने की स्वीकृति दी जाएगी। जनता दरबार में आने वाली शिकायतों के निराकरण की समय सीमा भी निर्धारित होगी। अधिकारियों का कहना है कि जनता दरबार में भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान है। प्रदेश भर से लोग छोटी-बड़ी समस्या लेकर सीएम से मिलने भोपाल पहुंचेंगे, इससे लोगों की भी परेशानी बढ़ेगी।
भोपाल आने जाने में उनके समय और पैसे की बर्बादी होगी, जबकि इनमें से कई समस्याएं ऐसी होंगी, जिनका समाधान जिला स्तर पर ही हो सकता है। ऐसी स्थिति में वे लोग सीएम से मिलकर उन्हें अपनी समस्या बताने से वंचित रह जाएंगे, जिनकी समस्या बाजिव है। इससे जनता दरबार शुरू करने का मकसद पूरा नहीं होगा। क्राउड मैनेजमेंट के लिए और बाजिव शिकायतों के निराकरण के लिए जनता दरबार का नया फार्मेट तैयार किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि फरवरी के पहले सप्ताह में जनता दरबार लगाया जा सकता है।
उप्र में योगी करते हैं जनता दर्शन का आयोजन
उम्र के सीएम योगी 2017 से जनता दर्शन आयोजित कर रहे हैं। लखनऊ और गोरखपुर में सुबह 9 बजे शुरू होने वाले इस दरबार में लोग वेबसाइट और एप के जरिए रजिस्ट्रेशन कर समस्याएं दर्ज कराते हैं। मप्र में पूर्व सीएम उमा भारती और दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकाल में जनता दरबार का आयोजन किया था।

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