- रवि खरे

कनाडा गए 10,000 छात्र संकट में, जालसाल एजेंटों ने फंसा दिया…
जालसाज एजेंटों ने कॉलेजों व यूनिवर्सिटी के फर्जी एलओआई (लेटर ऑफ इंटेंट) और फर्जी ऑफर लेटर का इस्तेमाल कर 10 हजार युवाओं को कनाडा स्टडी के लिए पहुंचा दिया। इन विद्यार्थियों में बड़ी संख्या में पंजाब मूल के हैं, जबकि बाकी हरियाणा व गुजरात के अलावा कुछ दिल्ली के हैं। कनाडा सरकार के इस खुलासे के बाद हडक़ंप मच गया है और कई कॉलेज संचालकों पर भी गाज गिरने की संभावना है। जांच की जा रही है कि उन्होंने दस्तावेजों की पुष्टि किए बिना दाखिल क्यों दे दिया? कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप कनाडा डिपार्टमेंट ने 2024 में स्टूडेंट वीजा के लिए जमा किए गए 10 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन ऑफर लेटर पकड़े हैं। पिछले साल फर्जी एडमिशन लेटर के कई सारे मामले देखने को मिले, जिसके बाद सरकार ने पत्रों की चेकिंग शुरू की। कनाडा की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 5 लाख से ज्यादा स्टूडेंट वीजा एप्लीकेशन को क्रॉस चेक किए गए। जांच के दौरान 5 लाख में से 93 फीसदी एप्लीकेशन सही पाए गए, लेकिन 2 फीसदी एप्लीकेशन में फर्जी दस्तावेज मिले। कई मामलों में, कॉलेज-यूनिवर्सिटी भी वीजा के लिए जमा किए गए एडमिशन लेटर की पुष्टि नहीं कर पाए। पिछले साल कनाडा में एक बड़ा फ्रॉड सामने आया था। कई सारे भारतीय छात्रों को भारत के एक फर्जी कंसल्टेंट ने नकली एडमिशन लेटर के साथ कनाडा भेज दिया।
पीएम मोदी को वैश्विक शांति पुरस्कार अल्पसंख्यकों के संगठन ने किया ऐलान
अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों ने एकजुट होकर एक नया अल्पसंख्यक संगठन लॉन्च किया है। यहां मैरीलैंड के स्लिग सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च में कार्यक्रम के दौरान एसोसिएशन ऑफ इंडियन-अमेरिकन माइनॉरिटीज (एआईएएम) का उद्घाटन हुआ। इस संगठन का उद्देश्य भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों में अल्पसंख्यकों को साथ लाना और उनके बेहतर हालात के लिए काम करना है। संगठन के इस उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवॉर्ड फॉर माइनॉरिटी अपलिफ्टमेंट से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को वॉशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआईएएम की तरफ से पीएम मोदी को उनके समावेशी विकास और अल्पसंख्यक कल्याण को लेकर की गई कोशिशों के लिए दिया गया। एआईएएम के गठन का एक बड़ा लक्ष्यों अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों की एकता सुनिश्चित करना भी है। एआईएएम अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य में संगठन की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक समावेशी नजरिया अपनाया है, जिसमें सभी नागरिकों के लिए बराबर के मौके हैं।
अदाणी समूह पर भारतीय और वैश्विक बैंक नए ऋण पर लगा सकते हैं रोक
अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से अदाणी समूह पर लगाए गए आरोपों के चलते कुछ भारतीय और वैश्विक बैंक नई परिस्थितियों में समूह को नए ऋण देने पर अस्थायी रोक लगा सकती हैं। वे कोई भी नया ऋण अनुरोध शुरू करने से पहले तीन-चार महीने इंतजार करेंगे। बंदरगाहों से लेकर बिजली तक के कारोबार में दखल रखने वाले अदाणी समूह में भारतीय सरकारी बैंकों के निवेश को लेकर चिंता के चलते बृहस्पतिवार को इनके शेयरों में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। हालांकि भारतीय सरकारी बैंकों के शेयरों में शुक्रवार को तेजी देखी गई। इस बीच, एक बैंकर ने कहा कि आरोप भारत और अन्य देशों में विस्तार के लिए अदाणी समूह की फंड जुटाने की योजनाओं पर असर डाल सकता है, क्योंकि इससे न केवल आरोपों के नतीजे पर बल्कि समूह के जोखिम पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा कि भविष्य का कदम काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत सरकार समस्या हल करने का रास्ता तलाशेगी या अपनी जांच शुरू करेगी।
योजना: इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के लिए 5 अरब डॉलर का प्रोत्साहन देगा भारत
उद्योग को बढ़ावा देने और चीन से आपूर्ति कम करने के लिए भारत मोबाइल से लैपटॉप तक गैजेट बनाने के लिए कंपनियों को पांच अरब डॉलर तक प्रोत्साहन देगा। एपल और सैमसंग जैसी वैश्विक कंपनियों द्वारा मोबाइल विनिर्माण में वृद्धि के कारण भारत का इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन पिछले छह वर्षों में दोगुना से अधिक बढक़र 2024 में 115 अरब डॉलर हो गया है। भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन आपूर्तिकर्ता है। लेकिन चीन जैसे देशों से आयातित घटकों पर निर्भरता के कारण इस क्षेत्र को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अधिकारियों ने कहा, नई योजना सर्किट बोर्ड जैसे प्रमुख घटकों के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी। इससे घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार होगा। प्रोत्साहन योजना दो से तीन महीनों में लॉन्च होगी। हालांकि, इसका पूरा विवरण अभी जारी नहीं किया गया है।