रेत माफिया भी कर रहा हवाला से लेनदेन

  • ईओडब्ल्यू से शिकायत जांच शुरु होने से मचा हडक़ंप
माफिया

विनोद उपाध्याय
प्रदेश में रेत माफिया कितना पावरफुल है इससे समझा जा सकता है कि वह अपनी पसंदीदा अफसरों तक की पदस्थापना करा लेता है, जिससे की उसके कारोबार में कोई अड़ंगा तक नहीं लग सके। यही नहीं माफिया की अफसरों से इस तरह की सेटिंग रहती है कि अगर किसी ने कहीं भी गड़बड़ किया तो उस पर न केवल कानूनी कार्रवाई करा दी जाती है, बल्कि उसे परेशान भी करने में पीछे नहीं रहते हैं। इसमें शासन व प्रशासन को भी माफिया को भरपूर सहयोग मिलता है। इसके लिए जो लेनदेन किया जाता है उसके लिए हवाला का सहारा लिया जाता है। अब इस मामले की शिकायत मय दस्तावेजों के साथ ईओडब्ल्यू से की गई है। इसके बाद से रेत माफिया में हडक़ंप की स्थिति बन गई है। ईओडब्ल्यू को मय दस्तावेजों और तमाम तरह के साक्ष्यों के साथ मिली शिकायत के बाद मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी गई है। मामले की शिकायत संजय मिश्रा नामक व्यक्ति ने की है। इस शिकायत का परीक्षण भी किया जा चुका है, जिसके बाद मामला दर्ज कर शुरू की गई जांच के लिए ईओडब्ल्यू ने इसमें शामिल कुछ अफसरों को पूछताछ के लिए तलब करने के लिए नोटिस भी जारी कर दिए हैं। ईओडब्ल्यू की इस कार्रवाई से हडकंप मच गया है, क्योंकि जांच में बेहद अहम खुलासे होने की संभावना बनी हुई है। इस मामले में कुछ हवाला कारोबारी भी जांच के दायरे में लिए गए हैं। जानकारी के अनुसार ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी निवासी संजय मिश्रा ने ईओडब्ल्यू से पूरे तथ्यों के साथ लिखित शिकायत की है। यानी आवेदन को साथ तमाम दस्तावेज और कुछ तकनीकी साक्ष्यों को भी दिया गया है। इस शिकायत में कहा कि करीब तीन साल पहले उनकी मुलाकात इमराल्ड पार्क सिटी निवासी रमेश राय से हुई थी। मार्च 2024 में उन्होंने कहा था कि सिंगरौली जिले में हम अपने अधिकारी की पदस्थापना करा रहे हैं। इस मामले में जो भी पैसा लगेगा उसे हमें लगानी है। इसके लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक बात हो चुकी है। इसके बाद तबादला सूची जारी हुई, जिसे मुझे उन्होंने  वाट्सएप करते हुए कहा कि अपने अधिकारों की पोस्टिंग हो गई है। इस काम में 6 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। उसमें से 3 करोड़ रुपए का भुगतान हमने कर दिया है और शेष राशि का भुगतान करने के लिए समय दिया गया है। सिंगरौली पहुंचकर वहां पर व्यवस्था बन पाएगी। आप लोगों को वहां पर काम करना है, तो हमारे साथ चलो। हम उनके साथ 19 मार्च को सिंगरौली पहुंचे। वहां मेरे साथ धर्मेंद्र सिंह और उमेश सिंह भी मौजूद थे। यहां होटल उदिका पैलेस में ठहरे थे। दोपहर दो बजे के लगभग रमेश राय हमसे मिलने के लिए आए कहा कि वे अधिकारी के साथ रुके हुए हैं, लेकिन वहां पर अच्छज्ञ नहीं लग रहा है। मैं इसी होटल में आप लोगों के साथ शिफ्ट जाता हूं। फिर उन्होंने कहा कि जो शेष राशि बची हुई है, उसका भी भुगतान करना जरूरी अन्यथा अधिकारी का ट्रांसफर आर्डर निरस्त हो जाएगा। आप लोग किसी भी तरह से तीन करोड़ की व्यवस्था करें। हमने कहा कि हम तो यहां पर काम करने के लिए आए हैं। बहुत प्रयास करने के बाद भी जब राशि की व्यवस्था नहीं बन पाई, तब रमेश राय ने रेत का संचालन करने वाली सहकार मनोबल कंपनी पर छापा डलवा दिया।
हवाला से लिया पैसा
रमेश राय के जाने के बाद उत्तम शर्मा से बाकी पैसों के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि सिंगरौली से हवाला नहीं हो पाएगा। यह काम शहडोल से होगा। यह बात मैंने रमेश राय को बताई तो रमेश राय का कहना है कि आप कहीं से भी कराएं, लेकिन भोपाल में पैसा पहुंचना चाहिए। इसके बाद शहडोल से उत्तम शर्मा द्वारा हवाला के जरिए भोपाल पहुंचाई गई और राशि रमेश राय ने प्राप्त की। जब वे वापस भोपाल से सिंगरौली पहुंचे, तो हम सब लोग वहीं पर थे। रमेश राय ने कहा कि धर्मेन्द्र सिंह का एक आडियो रिकॉडिंग साहब के पास पहुंच चुका है और उसमें उन्होंने पूरा का पूरा अपना काम और लेनदेन सब ओपन कर दिया है। साहब ने यहां से वापस जाने के लिए कहा। इसके बाद हम लोग शहडोल आ गए।  शहडोल पहुंचने के बाद रमेश राय ने कंपनी से 40 लाख रुपए और बुलाए। उन्होंने कहा कि यहां पर हमारा कमिटमेंट था, उसे पूरा करना है। वह राशि लेकर वे करीब 11 बजे मुझे साथ लेकर निकले और मुझे स्टेशन पर छोड़ दिया। इस शिकायत में संजय मिश्रा ने अपनी जानमाल की सुरक्षा की भी मांग की है।
होटल में हुई बैठक
सिंगरौली जिले की भरसड़ी खदान पर छापा पडऩे के बाद कंपनी के जीएम ने कहा कि जो पेनाल्टी लगाई जानी है, उससे जाकर मीटिंग करें। इस पर रमेश राय ने कहा कि मीटिंग करना है, भोपाल आ जाओ। उनके कहे अनुसार भोपाल के लिए रवाना हो गया। 23 मार्च को उत्तम शर्मा ने संपर्क किया कि मैं भोपाल आ गया हूं और डीबी माल में मैरियट होटल में ठहरा हूं। मैंने यह बात रमेश राय को बताई, तो उन्होंने कहा कि आप परेशान मत हो, मैं भी भोपाल आ चुका हूं। सुबह 11 बजे होटल में मिलते हैं। होटल में बैठक होने के बाद यह निर्णय हुआ कि कंपनी दो करोड़ रुपए अवैध उत्खनन की पेनाल्टी से बचने के लिए दो करोड़ रुपए देगी। इसके अलावा एक-एक करोड़ रुपए प्रति माह सिंगरौली और शहडोल जिले के लिए देनी होगी। बात होने के बाद उत्तम शर्मा ने कहा कि हम पैसा साहब से मिलने के बाद देंगे। इस बात पर सभी लोग सहमत हो गए और दो दिन बाद सिंगरौली के लिए रवाना हो गए। 28 मार्च 2024 को हम लोग सिंगरौली पहुंचे, वहां पर उत्तम शर्मा से मुलाकात हुई। इसके बाद रमेश राय उत्तम शर्मा को लेकर साहब से मिलवाने के लिए ले गया। उत्तम शर्मा ने कहा कि लोक सभा चुनाव चल रहे हैं और बहुत सख्ती है। पैसे का लेनदेन किस प्रकार होगा। रमेश राय का कहना था कि पैसे को भोपाल पहुंचाना अति आवश्यक है। फिर यह तय हुआ कि 50 लाख रुपए रमेश राय नगद लेकर सिंगरौली से भोपाल के लिए रवाना हुए और मुझे सिंगरौली में रोक दिया गया। कहा गया कि बाकी पैसे का लेनदेन आप कराकर वापस आएंगे।

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