
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में 18 जुलाई से राजस्व महा-अभियान 2.0 चल रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 45 दिन तक राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण एवं राजस्व अभिलेख त्रुटियों को ठीक किया जाए। इस महाअभियान में प्रदेशभर के अधिकारी-कर्मचारी जुटे हुए हैं। इस बीच राजस्व प्रकरणों के निराकरण की रैंकिंग जारी की गई है। इसमें हैरानी वाली बात यह है कि राजधानी भोपाल 16 पायदान फिसलकर 27 वें स्थान पर आ गया है। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में भोपाल के फिसड्डी होने पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अधिकारियों-कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तलब की है।
गौरतलब है कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में भोपाल जिला जिला 11 वें पायदान पर था, लेकिन अब वह 27 वें पायदान पर आ गया है। जानकारों का कहना है कि सर्वर में बार-बार खराबी और केवायसी-नक्शा अपडेशन करने संबंधी प्रकरणों ने एक बार फिर भोपाल को प्रदेश में रैंकिंग के मामले में पीछे धकेल दिया है। इसके चलते राजस्व प्रकरणों की पेंडेंसी फिर बढऩे लगी है। हालात यह हैं कि दो हफ्ते में लंबित प्रकरणों के निराकरण में भोपाल जिला 11 वीं रैंक से फिसलकर 27 पर आ गया है। यह तब है, जबकि लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए सरकार 18 जुलाई से राजस्व महाअभियान चला रही है।
केवायसी-नक्शा अपडेट में अधिक दिक्कत
जानकारी अनुसार सबसे अधिक दिक्कत केवायसी और नक्शा अपडेट करने संबंधी प्रकरणों में आ रही है। इन दोनों के प्रकरण ही सर्वाधिक लंबित हैं। राजस्व महा अभियान शुरू होने से पहले जिले में ई-केवायसी के 3.48 लाख और नक्शा अपडेशन के 2.10 प्रकरण लंबितम थे। आरसीएमएस पोर्टल के मुताबिक 19 अगस्त तक 32 दिनों में ई-केवायसी के 45194 प्रकरण ही निपटाए गए हैं। अब भी 304814 प्रकरण पेंडिंग हैं। इसी तरह नक्शा अद्यतन करने के 2.10 लाख प्रकरण थे। अभियान के दौरान 29571 प्रकरणों निपटाए गए। अभी भी 180300 प्रकरण लंबित हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने गांवों में कैंप लगाना शुरू किया है। जिससे लंबित प्रकरणों की संख्या कम की जा सके। जानकारी के अनुसार नामांतरण के 97.88 फीसदी प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। नामांतरण के 6097 प्रकरण पेंडिंग थे, इसमें 5968 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। फिलहाल 129 प्रकरण लंबित हैं। बंटवारा के 99.54 फीसदी प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। बंटवारे के 433 प्रकरण पेंडिंग थे, जिसमें 431 का निराकरण किया गया है। अब दो प्रकरण ही लंबित हैं।
सर्वर दे रहा दगा
सर्वर पर दबाव बढऩे के कारण यह दो से लेकर 24 घंटे तक हैंग हो रहा है। लोगों ने समग्र नंबर को आधार और नक्शे से लिंक नहीं किया है। इससे जानकारी सामने नहीं आ रही है। समग्र, आधर में अलग मोबाइल नंबर से ओटीपी में दिक्कतें आ रही हैं। कई प्रकरणों में आधार में पुराने मोबाइल नंबर हैं। इस पर ओटीपी नहीं आता है। सॉफ्टवेयर में प्रकरणों के निराकरण के बाद भी किसानों के नाम शो हो रहे हैं। राजधानी में राजस्व के लंबित प्रकरणों के निराकरण में खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों पर अब तलवार लटक गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी आठों एसडीएम से उनके यहां के खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की लिस्ट बुलाई है। मालूम हो कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए 18 जुलाई से महाराजस्व अभियान-02 चलाया जा रहा है। बुधवार तक प्रकरणों के निराकरण में भोपाल जिले की रैकिंग 11 से 29 नंबर पर पहुंच गई है। अभियान शुरू होने से पहले भोपाल 48 वीं रैकिंग पर था।
11 से 27 वीं रैंकिंग पर आया भोपाल जिला
डेढ़ सप्ताह पहले वह 11वीं रैंकिंग पर आ गया था, लेकिन ई-केवाइसी और अभिलेख दुरस्ती के प्रकरणों की संख्या ज्यादा होने के कारण भोपाल का परफार्मेंस सुधर नहीं पा रहा है। वह 27 वीं रैंकिंग पर पहुंच गया। इधर, कलेक्टर के निर्देश के बाद कोलार एसडीएम रविशंकर राय ने खराब प्रदर्शन करने वाले 10 कर्मचारियों को नोटिस थमा दिए। उनसे जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन पर अगली कार्रवाई की जाएगी। जिन कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं, उनमें प्रीति गुप्ता, अदिति शुक्ला, दीक्षा शर्मा, संदीप शर्मा, अभिषेक शर्मा, जयेंद्र चंदेलकर, गणेश पांडेय, आलोक इंदौरिया, संजय स्वामी और शिवाजी मिश्रा शामिल है।