रावत की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं पार्टी के दावेदार

रामनिवास रावत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव के समय संकट में मुरैना में फंसी भारतीय जनता पार्टी के लिए संकटमोचक बनकर पार्टी में आए रामनिवास रावत उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार बनाए जा रहे हैं। लेकिन, भाजपा के ही पूर्व विधायकों ने टिकट मांगकर रावत और भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं, कांग्रेस की एकजुटता भी रावत की चुनौती को बढ़ाने का काम कर रही है। ऐसे में भाजपा विजयपुर सीट जीतने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई है।
पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी विजयपुर विधानसभा सीट का टिकट मांग रहे हैं। वह सीताराम सहरिया जनजाति वर्ग से आते हैं, उनके वर्ग के  मतदाता विजयपुर विधानसभा में करीब 60 हजार बताए जा रहे हैं। विजयपुर  आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। कुछ दिन पहले पूर्व विधायक के असंतोष को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनको भोपाल बुलाया था। अभी प्रदेश में निगम-मंडलों में नियुक्तियां होनी है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री की तरफ से उनके लिए अच्छा करने का आश्वासन दिया गया है।वहीं, भाजपा के ही पूर्व विधायक मेवाललाल मेवाड़ा भी टिकट के दावेदार हैं। वे 1985 और 1998 में भाजपा के टिकट पर विजयपुर से विधायक रहे हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रामनिवास रावत से चुनाव हारे हैं। मेवाड़ा का तर्क है कि जिसके खिलाफ पूरी जिंदगी चुनाव लड़ता रहा, पार्टी के लिए कार्य किया अब उसी रामनिवास रावत के लिए कैसे वोट मांगे। 2023 में पार्टी के टिकट पर मैं चुनाव लड़ा, अब उपचुनाव में भी मुझे टिकट दिया जाए। हालांकि टिकट नहीं मिलने पर आगे उनकी क्या रणनीति होगी, इस पर वेे अभी तक सार्वजनिक टिप्पणी करने से बच रहे हैं। बाबूलाल मेवाड़ा को भी पार्टी ने भोपाल बुलाया था, लेकिन वह नहीं आए।
श्योपुर में खोला सीएम ने खजाना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने पहले दौरे पर एक माह पहले वियजपुर पहुंचे थे। उन्होंने विजयपुर में 15 सडक़ों के साथ दो नहरों के एलान की घोषणा की। इसके अलावा सीएम ने एक गौ संरक्षण अभ्यारण बनाने का भी ऐलान किया। इसे विजयपुर के उपचुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री विजयपुर सीट जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहते है।
विजयपुर से ही लाड़ली बहनों को दी सौगात
उपचुनाव में विजयपुर में भाजपा को कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। यही वजह है कि इस बार लाड़ली बहनों के खाते में राशि ट्रांसफर करने और रक्षाबंधन का नेग देने के लिए विजयपुर में ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दरअसल विधानसभा चुनाव में लाड़ली बहनों को साध कर भाजपा ने कांग्रेस को पटखनी दी थी। अब विजयपुर उपचुनाव से भाजपा 6 बार से जीतते आ रही कांग्रेस को चुनाव हराने की रणनीति पर काम कर रही है।
कांग्रेस की एकजुटता ने बढ़ाई मुश्किल
विजयपुर विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर कांग्रेस लगातार 6 विधानसभा चुनाव जीतते आ रही है। कांग्रेस ने भी सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यहां पर मुरैना-श्योपुर सीट से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे नीटू सिकरवार सक्रिय हो गए है और कांग्रेस को एकजुट कर रहे हैं। यहीं वजह है कि भाजपा की विजयपुर उपचुनाव की राह आसान नहीं दिख रही है। उधर, भाजपा दोनों सीटों के उपचुनाव के लिए बीते माह  ही  प्रभारी और सह प्रभारियों की लिस्ट जारी कर चुकी है।  करण सिंह वर्मा को बुधनी विधानसभा का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को सह प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना को विजयपुर विधानसभा का प्रभारी और पूर्व एमएलए नरेंद्र बिरथरे को सह प्रभारी बनाया गया है।

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