भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लगातार कम होती हरियाली और घटते वन क्षेत्र के बीच अच्छी खबर यह है कि अब प्रदेश के 1405 हेक्टेयर में नए सिरे से पौधारोपण किया जाएगा। यह संभव होने जा रहा है, अंडमान-निकोबार की मदद से । दरअसल, वहां पर हो रहे विकास कामों के लिए जो पेड़ काटे जा रहे हैं उसके एवज में मप्र में पेड़ लगाने का आग्रह किया गया है, जिसे मप्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। यह पौधारोपण वहां काटे गए जंगल की भरपाई के एवज में होना है। दरअसल, वहां पर पूरा ही क्षेत्र वन क्षेत्र में आता है। ऐसे में वहां पर नए पौधारोपण के लिए खुली जामीन ही नही है। उधर, वन विभाग ने पौधरोपण के लिए बिगड़े वन चिह्नित कर लिए हैं। इसके तहत प्रदेश के देवास, कटनी और रायसेन जिले में मिलने वाली 20 करोड़ की राशि से पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के इन तीनों ही जिलों में 1405 हेक्टेयर वन भूमि चिहिन्त कर ली गई है। अंडमान निकोबार में विकास कार्य के चलते 500 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में क्षति हुई थी। इसके बदले में मप्र में पौधे लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि मप्र में हर साल 4 से 5 करोड़ पौधे रोपे जाते हैं। इस साल मप्र में पौधारोपण शुरू हो चुका है। इसके बाद भी मप्र में हरियाली नहीं बढ़ रही है। प्रदेश में 77492 वर्ग किमी का जंगल है। इसमें खुला वन क्षेत्र 36619 वर्ग किमी का है। इसके अलावा सामान्य सघन वन 34209 वर्ग किमी का है। वहीं अति सघन वन 6665 वर्ग किमी में है। जंगल में लगातार हो रहे अतिक्रमण की वजह से खुला वन क्षेत्र बढ़ रहा है। वर्ष 2019 में खुला वन क्षेत्र 36465 वर्ग किमी का था, जो अब बढक़र 36619 वर्ग किमी का हो गया है। 154 वर्ग किमी का खुला वन क्षेत्र बढ़ गया है। जंगल में हो रहे इस अतिक्रमण को रोकना वन विभाग के अमले के लिए अब चुनौती बनता जा रहा है।
05/08/2024
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