
जल संसाधन विभाग में यह कैसा खेल
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोगों को पेयजल मुहैया कराने वाले जल संसाधन विभाग में अफसरों को उपकृत करने के लिए ऐसा खेल खेला गया है जिससे नियम तो तार-तार हुए ही हैं, लोग भी इस भर्राशाही और लालफीताशाही से हैरान-परेशान हैं। दरअसल, जल संसाधन विभाग में अलग-अलग जिलों में पदस्थ सहायक यंत्री और कार्यपालन यंत्री स्तर के अफसरों को दो पद ऊपर का प्रभार देते हुए प्रभारी मुख्य अभियंता और प्रभारी अधीक्षण यंत्री बना दिया गया। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले आठ साल से कर्मचारियों की पदोन्नति पर प्रतिबंध लगा है। यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। पदोन्नति पर बैन लगा होने से सरकार कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार दे रही है। देखने में आ रहा है कि कई बार नियमों को ताक पर रख अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार दिया जा रहा है। इससे विभागों का कैडर मैनेजमेंट भी गड़बड़ा रहा है। लेकिन विभागों में नियमों को दरकिनार कर प्रभार का खेल खेला जा रहा है। इससे जहां कई अधिकारियों को उपकृत किया जा रहा है, वहीं कई अधिकारी अपने आपका उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
दो पद ऊपर का प्रभार
उच्च पदों का प्रभार का ताजा मामला जल संसाधन विभाग में सामने आया है। विभाग में अलग-अलग जिलों में पदस्थ सहायक यंत्री और कार्यपालन यंत्री स्तर के अफसरों को दो पद ऊपर का प्रभार देते हुए प्रभारी मुख्य अभियंता और प्रभारी अधीक्षण यंत्री बना दिया गया। इनकी नई पदस्थापना भी कर दी गई। उच्च पद के प्रभार के इस खेल में सीनियर इंजीनियरों को बायपास भी किया गया है, जिसका विरोध भी हो रहा है और पिछले दिनों कुछ इंजीनियर इसके विरोध में हाईकोर्ट भी चले गए। जिन अफसरों को दो पद ऊपर का प्रभार दिया गया है उनमें कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग ग्वालियर एसके वर्मा को प्रभारी अधीक्षण यंत्री निचला चंबल मंडल मुरैना से अब प्रभारी मुख्य अभियंता यमुना कछार ग्वालियर पदस्थ किया गया है। कार्यपालन यंत्री तवा परियोजना मंडल नर्मदापुरम राजाराम मीना के पास प्रभारी अधीक्षण यंत्री तवा परियोजना मंडल नर्मदापुरम का प्रभार था और अब उन्हें प्रभारी मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग नर्मदापुरम पदस्थ कर दिया गया है। कार्यपालन यंत्री केन बेतवा लिंक परियोजना मंडल छतरपुर युवराज बारके को प्रभारी अधीक्षण यंत्री केन बेतवा लिंक परियोजना मंडल छतरपुर से हटाकर अब प्रभारी मुख्य अभियंता धसान केन कछार सागर पदस्थ किया गया है। एके डेहरिया का मूल पद कार्यपालन यंत्री जल संसाधन-2 बैतूल का है, जिन्हें मुख्य अभियंता बैनगंगा कछार सिवनी व अधीक्षण यंत्री सिवनी व छिंदवाड़ा के प्रभार के बाद अब प्रभारी मुख्य अभियंता गंगा कछार रीवा पदस्थ किया गया है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग जबलपुर आरडी अहिरवार को प्रभारी मुख्य अभियंता घसान केन कछार सागर से अब प्रभारी मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार भोपाल पदस्थ किया गया है। सहायक यंत्री जल संसाधन संभाग छिंदवाड़ा कुमकुम कौरव को प्रभारी कार्यपालन यंत्री छिंदवाड़ा से अब प्रभारी अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल छिंदवाड़ा पदस्थ किया गया है। कार्यपालन यंत्री बंजर नदी परियोजना संभाग बैहर जिला बालाघाट पीसी महाजन को प्रभारी मुख्य अभियंता यमुना कछार ग्वालियर से प्रभारी अधीक्षण यंत्री निचला चंबल मंडल मुरैना पदस्थ किया गया है।
4 साल से एक ही जगह पर चीफ इंजीनियर
प्रदेश में सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों की हर तीन साल में नई पदस्थापना का प्रावधान है, लेकिन लोक निर्माण विभाग में कुछ चीफ इंजीनियर चार साल से ज्यादा समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। इनमें कुछ चीफ इंजीनियरों की पदस्थापना तत्कालीन कमलनाथ सरकार के समय हुई थी, लेकिन अब तक उनकी पदस्थापना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस दरमियान प्रदेश में सरकारें भी बदल गई। जानकारी के मुताबिक चीफ इंजीनियर जबलपुर एससी वर्मा, चीफ इंजीनियर सागर आरएल वर्मा व चीफ इंजीनियर (बिल्डिंग) एसएन सूर्यवंशी फरवरी, 2019 से, चीफ इंजीनियर भोपाल संजय कुमार मस्के सितंबर, 2020 से, चीफ इंजीनियर नेशनल हाईवे केपीएस राणा मार्च, 2020 से, चीफ इंजीनियर (बिल्डिंग) आरके अहिरवार सितंबर, 2020 से और चीफ इंजीनियर वीके आरख दिसंबर, 2020 से एक ही स्थान पर पदस्थ है।