
एक हजार होम स्टे बनाने का पर्यटन विभाग ने तय किया लक्ष्य
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीणों की आय में वृद्धि करने के लिए प्रदेश का पर्यटन महकमा होम स्टे जैसी योजनाओं पर फोकस कर रहा है। दरअसल भागदौड़ और खराब पर्यावरण से परेशान होकर आजकल लोगों का रुझान भी ग्रामीण इलाकों पर बढ़ा है। इसकी वजह है वहां पर शांत वातावरण और साफ व स्वच्छ पर्यावरण है।
इसके अलावा लोगों की ग्रामीण संस्कृति में भी बढ़ी है। यही वजह है कि पर्यटन विभाग ने होम स्टे जैसी योजना का शुरु किया है। इसके अच्छे परिणामों को देखते हुए अब विभाग ने प्रदेश के करीब एक सैकड़ा गांवों में एक हजार होम स्टे बनाने का लक्ष्य तय किया है। म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित इस परियोजना में अब तक 41 गांव में 130 ग्रामीण होमस्टे का निर्माण कराया जा चुका है। इनमेंं अब तक हजारों पर्यटक ग्रामीण संस्कृति का अनुभव कर चुके हैं। हमारी भूमि, हमारा भविष्य के तहत ग्रामीणों को होमस्टे संचालन की जिम्मेदारी सौंपकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इससे न सिर्फ पलायन में कमी होगी बल्कि गांव में ही रोजगार के अवसर सृजित हो रहे है। इसके साथ ही पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को भी कम किया जा रहा है।
महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर
रामराजा की नगरी ओरछा से 7 किलोमीटर की दूरी पर बसा लाडपुरा खास गांव, यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन द्वारा बेस्ट टूरिज्म विलेज की श्रेणी में नामांकित यह गांव प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है। यहां रहने वालीं उमा पाठक एवं कमला शर्मा ने साल 2021 में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से ग्रामीण होमस्टे का निर्माण किया था। पर्यटन के लाभ से अनजानी उमा एवं कमला ने शुरुआत में होमस्टे में कोई रूचि नहीं दिखाई लेकिन टूरिज्म बोर्ड द्वारा होमस्टे परियोजना के लाभ एवं सहयोग से अवगत कराया तो फिर वें मान गई। आज उमा एवं रेखा के होमस्टे में कुल 970 पर्यटक ठहर चुके हैं, जिसमें 42 विदेशी पर्यटक हैं। प्रदेश में उमा और रेखा जैसी सैकड़ों महिलाएं है, जिन्हें टूरिज्म बोर्ड की होमस्टे परियोजना से न सिर्फ आजीविका का साधन मिला है, बल्कि आत्मनिर्भर भी हुई हैं।
एक दर्जन होमस्टे को मिली ग्रीन लीफ रेटिंग
पर्यटन उद्योग में स्वच्छता प्रथाओं में बदलाव लाने जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने पर्यटन मंत्रालय के साथ मिलकर स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग पहल शुरू की है। यह रेटिंग पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय स्वच्छता और सफाई सुविधाओं के साथ-साथ टिकाऊ पर्यटन प्रथाओं को मान्यता देती है। प्रदेश में भी अब तक 12 होमस्टे को ग्रीन लीफ रेटिंग प्रदाय की जा चुकी है, जिसमें लाडपुरा खास, राधापुरा, बागान, गादरखेडा, छेडक़ा, साबनवानी इत्यादि गांव के होमस्टे शामिल है।