- बाजार से महंगी खाद और बीज की खरीद कर रहे किसान
- विनोद उपाध्याय

प्री मानसून की बारिश के साथ ही किसानों ने प्रदेश में खरीफ फसलों की बोवनी शुरू कर दी है। इस बार किसान खाद और बीज के लिए सरकार की राह नहीं देख रहे हैं। उन्होंने बाजार से महंगी खाद और बीज की खरीदी कर बुवाई शुरू कर दी है। उधर हैरानी की बात यह है कि जिन अफसरों पर जिम्मेदारी है, वे अभी बुवाई का प्लान ही बना रहे हैं। हर साल जून अंत और जुलाई के पहले सप्ताह में खरीफ में बोवनी हो जाती है, इसलिए किसान अप्रैल में जमीन तैयार करने के बाद मई में खाद- बीज का इंतजाम करते हैं। किसान बताते हैं, अब तक प्लान का पालन शुरू हो जाना चाहिए था। इससे समय पर खाद-बीज मिलता। अफसरों का कहना है, लोकसभा चुनाव में व्यस्त थे, इसलिए समय पर बैठकें नहीं हुईं। जबकि कृषि विभाग के कई अफसरों की ड्यूटी ही चुनाव में नहीं लगाई गई थी।
गौरतलब है कि मप्र में खरीफ की फसलों की बुवाई किसान प्री मानसून की पहली बारिश होने के साथ ही शुरू कर देते हैं। ऐसे में कृषि विभाग के अफसरों की जिम्मेदारी होती है कि वे बुवाई की कार्ययोजना बनाकर किसानों को सलाह दें और खाद-बीज की व्यवस्था करें। लेकिन किसानों की आय दोगुनी करने की सरकार की मंशा में कृषि विभाग के अफसर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे। मंडला, बालाघाट, बैतूल, छिंदवाड़ा, हरदा समेत कई जिलों में किसानों ने बोवनी शुरू कर दी, लेकिन कृषि विभाग ने अब तक खरीफ फसलों की बोवनी का प्लान ही तैयार नहीं किया। अप्रैल में बनने वाली योजना डेढ़ माह बाद भी नहीं बनी। नतीजा, अब तक यही तय नहीं हो सका कि किस जिले में कितने रकबे में किस फसल के लिए कितनी बीज-खाद की जरूरत है। किसान बाजार से महंगी दरों पर खाद-बीज खरीदकर बोवनी करने को मजबूर हैं। वहीं, दूसरी ओर अफसर अब तक जिलों में बैठकें ही कर रहे हैं। वे अब तक यही जानने की कोशिश कर रहे हैं कि किस जिले में किस फसल का कितना रकबा होगा और कितनी बीज-खाद लगेगी।
सीएम के निर्देश पर भी राहत नहीं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की 10 दिन पहले हुई समीक्षा और खाद- बीज समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश के बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल रही। कई जिलों में बोवनी शुरू होने के कारण किसानों को महंगे दाम पर खाद और बीज खरीदना पड़ रहा है। मंडला के किसान सुजीत प्रजापति ने 8 एकड़ में मक्का बोया है। ब्लॉक में अच्छा बीज नहीं मिला तो बाजार से 21,710 रुपए में 39 किलो बीज खरीदना पड़ा। बैतूल के लक्कडजाम के किसान सुक्कल धुर्वे ने कहा, ब्लॉक में देर से सोयाबीन का बीज आया, वह पुराना है। कई बार नहीं उगते। बाजार में एक क्विंटल बीज 6500 में खरीदा। हरदा के किसान संदीप कुमार ने बताया, ब्लॉक के कुछ क्षेत्रों में पिछले हफ्ते बारिश हुई थी। इसके बाद मक्कै की बोवनी करनी पड़ी। इंतजार नहीं कर सकते, क्योंकि बीते वर्ष लगातार बारिश होने से बोवनी नहीं हो सकी थी। छिंदवाड़ा के चौरई ब्लाक के 4.1 किसान मिथुन भलावी का कहना है, कृषि विभाग और सोसायटी बीज देती तो बाजार में 4 किलो बीज के लिए 1809 रुपए नहीं देने पड़ते। बीज मिलता ही नहीं, खरीदकर बोवनी की।