
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। समय के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपनी कार्यशैली में बदलाव ला रहा है। पहले गणवेश बदली और अब संघ के स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए लगने वाले वर्ग में भी बदलाव किया गया है। इसके तहत अब चार की जगह पांच प्रशिक्षिण वर्ग आयोजित करने का तय किया गया है। इसकी शुरुआत भोपाल से की गई है। यह बदलाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 84 वर्ष बाद किया है। इसके तहत शिक्षा वर्ग की व्यवस्था बेहद अहम है। इसके तहत अब क्षेत्र के संघ शिक्षा वर्ग- द्वितीय वर्ष को अब कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 के नाम से जाना जाएगा। इसी तरह से संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष अब कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय के नाम से आयोजित होगा। प्रशिक्षण के लिए किए गए बदलाव में अब स्वयंसेवक को तीन दिवसीय प्रशिक्षण का प्रारंभिक वर्ग करना होगा। इसके बाद ही वह सात दिन के प्राथमिक वर्ग में शामिल हो पाएगा। इसके बाद ही उसे 15 दिन के संघ शिक्षा वर्ग में शामिल होने का मौका मिलेगा। इसी तरह से अब संघ ने प्रशिक्षण पाने के लिए स्वयंसेवकों के चयन में गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा है। 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग के बाद जिन कार्यकर्ताओं को आगे अहम दायित्तव देना होंगे, उनको कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 में शामिल कर प्रशिक्षित किया जाएगा। यह वर्ग 20 दिन का होगा। जिसके बाद उन्हें 25 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय में शामिल होने का मौका मिलेगा। इस नई व्यवस्था को लोग कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत बुधवार को कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 में शामिल होने के लिए भोपाल के शारदा विहार परिसर, रातीबड़ आए हुए हैं। उनका यहां पर चार दिन का प्रवास है।
संघ में शुरु से ही परंपरा
संघ समय-समय पर स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए जो आयोजन करता है, उसे वर्ग कहा जाता है। संघ के संस्थापक सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के समय से कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए संघ शिक्षा वर्ग आयोजित करने की परंपरा शुरू हुई थी। 1940 में नागपुर में पहली बार संघ शिक्षा वर्ग के आयोजन की शुरुआत हुई थी, जिसमें पहली बार संपूर्ण भारत से स्वयं सेवक प्रशिक्षण हेतु शामिल हुए थे। स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए पहले सात दिवसीय प्राथमिक वर्ग आयोजित होता था।
भोपाल में 24 से जारी है वर्ग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के लिए कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 का आयोजन 24 मई से भोपाल के शारदा विहार परिसर में शुरू हो चुका है। संघ की व्यवस्था में मध्य क्षेत्र के तहत चार राज्य आते हैं। इनमें छत्तीसगढ़, महाकौशल, मालवा और मध्यभारत। इन चारों प्रांतों से कार्यकर्ता विकास वर्ग में कुल 382 शिक्षार्थी आए हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ से 18, महाकौशल से 6, मालवा से 18 और मध्यभारत से 97 चयनित स्वयंसेवक शामिल है। वर्ग के संचालन के लिए 19 अधिकारियों की संचालन टोली है। विभिन्न विषयों पर अखिल भारतीय क्षेत्रीय एवं प्रांतीय अधिकारी भी शिक्षार्थियों का प्रबोधन करते हैं।