सीहोर अब बनाएगा अमरूद में अपनी साख

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।  देशभर में प्रदेश के सीहोर में पैदा होने वाले शरबती गेहूं की अपनी साख है। यही वजह है कि इसकी मांग देशभर में रहती है। विदेशों में भी इसे जमकर पसंद किया जाता है। अपने गेंहू की वजह से देश विदेश में पहचान बना चुके सीहोर ने अब अमरूद के क्षेत्र में भी साख बनाने की तैयारी कर ली है। दरअसल यह प्रयोग खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। सीहोर जिले में अभी गेहूं के अलावा सोयाबीन और चने की फसल होती है, लेकिन अब इसमें अमरूद का नाम भी शामिल कराने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए जिले में 50 करोड़ रुपये की लागत से दो हजार एकड़ में अमरूद का बगीचा लगाने की कार्ययोजना बनाई गई है। अमरूद की खेती के लिए 200 पंचायत को 16 क्लस्टर में बांटकर किसानों का चयन किया जा रहा है।
हर पंचायत से करीब 10 किसानों को क्लस्टर में लिया जाएगा। खास यह है कि सरकार न केवल किसानों को अमरूद की खेती के लिए एक एकड़ पर 1.80 लाख रुपये देगी। इसके बाद फसल आने पर मार्केटिंग भी करेगी। किसानों को उनकी फसलों का अच्छा भाव मिले, इसलिए फसल बेचने के लिए जिला प्रशासन कंपनियों से अनुबंध करेगा। पहले साल में 2000 एकड़ में 4.15 लाख अमरूद के पौधे ने का लक्ष्य तय किया यगा है। इसके लिए जिले से 1700 किसानों का हितग्राही के रूप में चयन किया जा रहा है।
किसानों को नया करने का मिलेगा मौका
अभी एक साल में सिर्फ दो फसल गेहूं और चने की पैदावार होती है। जिले में क्लस्टर बनाकर अमरूद के बगीचे लगाने की कार्ययोजना पर काम चल रहा है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। परंपरागत खेती से हटकर नया करने का मौका मिलेगा।
इस वजह से खास होता है शरबती गेहूं
शरबती गेहूं देखने में सोने जैसा चमकीला है। इसके सभी दाने एक समान से होते हैं। खाने में भी शरबती मीठा है। प्रदेश का 50-60 प्रतिशत शरबती गेहूं सीहोर में ही पैदा होता है। इसका आटा खाने में मीठा होता है, इसलिए इसको शरबती नाम दिया गया है। शरबती गेहूं इसलिए खास होता है, क्योंकि उसका रंग सुनहरा होता है। गेहूं की अन्य किस्मों की तुलना में इसमें ग्लूकोज और शर्करा की मात्रा अधिक होती है।

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