इधर ज्वाइनिंग उधर आदेश रद्द

चुनाव आयोग
  • बगैर चुनाव आयोग की अनुमति जारी कर दिया आदेश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रमुख सचिव सहकारिता की अपेक्स बैंक के प्रशासक के पद पर नियुक्ति को लेकर बीते रोज  उस समय अजीब स्थिति बन गई, जब शासन ने अचानक प्रमुख सचिव सहकारिता दीपाली रस्तोगी की अपेक्स बैंक के प्रशासक के पद पर नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया। आदेश मिलते ही उन्होंने दोपहर में ही अपेक्स बैंक पहुंचकर विधिवत कार्यभार भी संभाल लिया। इसके चंद घंटो बाद उनका आदेश अचानक निरस्त कर दिया गया। प्रदेश में हाल ही में इस तरह का यह पहला मामला नही हैं, बल्कि चुनावी आचार संहिता लगने से ठीक पहले ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें शासन द्वारा निकाले गए आदेशों की वजह से अजीब स्थिति बन चुकी है। इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकार की जमकर थू-थू कराई है। फिर मामला अनूपपुर में अपर कलेक्टर की पदस्थापना का हो या फिर आदेशों में किए जाने वाले संशोधनों का। यही नहीं इस दौरान प्रदेश में एक नया रिकार्ड भी अलतडक़े आईएएस अफसरों के बड़े पैमाने पर तबादला सूची जारी करने का भी बनाया गया है।
अपेक्स बैंक के मामले में शासन ने तो हद यह कर दी कि चुनावी आचार संहिता लगी होने के बाद भी आदेश निकालने के पहले चुनाव आयोग से अनुमति तक नहीं ली। अब चुनाव आयोग की अनुमति के बाद उनकी अपेक्स बैंक में प्रशासक के पद पर नियुक्ति का आदेश दोबारा जारी किया जाएगा। नियमानुसार चुनावी आचार संहिता लगी होने की वजह से प्रदेश में कोई भी नियुक्ति या तबादला चुनाव आयोग की अनुमति के बगैर नहीं किया जा सकता। सामान्य प्रशासन विभाग नियुक्ति या तबादले के संबंध में चुनाव आयोग को फाइल भेजता है। आयोग की अनुमति के बाद ही इस संबंध में शासन आगे की कार्रवाई करता है। सूत्रों का कहना है कि पीएस दीपाली रस्तोगी की अपेक्स बैंक में प्रशासक के पद पर नियुक्ति का आदेश चुनाव आयोग की अनुमति लिए बगैर जारी कर दिया गया था। जब अधिकारियों को अपनी इस गलती का अहसास हुआ तो आनन-फानन में इस आदेश को निरस्त कर दिया गया। अब इस नियुक्ति की फाइल को सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। वहां से इसे चुनाव आयोग को भेजा जाएगा।
इस तरह के मामले आ चुके हैं सामने  
गौरतलब है कि चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद भी प्रदेश सरकार व शासन ने समय रहते नए सिरे अफसरों की पदस्थापनाएं नहीं की थीं, जिसकी वजह से चुनावी आचार संहिता लगने से ठीक दो दिन पहले बड़े पैमाने पर तबादले करने पड़े। पहले से तैयारी नहीं होने की वजह से ऐसी गफलत हुई की गलत शलत आदेश जारी हो गए। जिससे शासन व सरकार की जमकर किरकिरी हुई। इसकी वजह से  जारी हो चुके कई आदेशों को संशोधन तक करना पड़ा। इसमें सबसे अहम तो मंडला जिले में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर के का मामला है। इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने आधी रात के बाद जारी आदेश में पदोन्नत कर अनूपपुर का अपर कलेक्टर बना दिया। इस गलती की जानकारी मिली तो कुछ घंटों बाद ही उनका दूसरा आदेश जारी किया गया , जिसमें उन्हें रिवर्ट करते हुए संयुक्त कलेक्टर के पद पर पदस्थ कर दिया गया। इसी तरह से आईएएस अफसर और अपर आयुक्त रीवा छोटे सिंह को 14 मार्च की आधी रात में जारी आदेश में सचिव राजस्व मंडल ग्वालियर के पद पर पदस्थ किया गया था। 15 मार्च को दिन में जारी आदेश में इस आदेश में बदलाव करते हुए उन्हें अपर आयुक्त राजस्व ग्वालियर बना दिया गया है। मंडला जिले में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर अरविंद कुमार सिंह को जीएडी ने प्रमोशन के बाद 14 मार्च को जारी आदेश में अपर कलेक्टर अनूपपुर के पद पर पदस्थ किया था। 15 मार्च को जारी आदेश में इस अधिकारी को रिवर्ट करते हुए अपर कलेक्टर अनूपपुर की पदस्थापना से वापस संयुक्त कलेक्टर मंडला के पद पर पदस्थ कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने 9 मार्च को जारी आदेश में प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन व सीईओ उज्जैन विकास प्राधिकरण का ट्रांसफर अपर कलेक्टर निवाड़ी के पद पर किया गया था। 15 मार्च के आदेश में यह तबादला निरस्त कर सोनी की पोस्टिंग उज्जैन में ही यथावत रखी गई है।
ये मामले भी चर्चा में: अपर कलेक्टर बालाघाट ओमप्रकाश सनोडिया को 9 मार्च को महाप्रबंधक एमपी वेयरहाउसिंग कारपोरेशन पदस्थ किया गया था, लेकिन 15 मार्च को इनका तबादला अपर कलेक्टर अनूपपुर कर दिया गया। स्वाति तिवारी प्रभारी डिप्टी कलेक्टर मंदसौर 9 मार्च के आदेश में प्रभारी डिप्टी कलेक्टर आगर मालवा पदस्थ की गई थीं जिनको 15 मार्च को जारी आदेश में तबादला निरस्त कर यथावत कर दिया गया। जीएडी ने 9 मार्च को जारी आदेश में सामान्य प्रशासन विभाग पूल में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर दयाकिशन शर्मा को अवर सचिव पशुपालन और डेयरी विभाग के पद पर पदस्थ किया गया था। 15 मार्च को जारी आदेश में शर्मा की पदस्थापना में संशोधन करते हुए आयुक्त नगर निगम सिंगरौली के पद पर पदस्थ कर दिया है।

Related Articles