
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र कांग्रेस को शनिवार को बड़ा झटका लगा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी सहित कई नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली। इसके साथ ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सुरेश पचौरी को राज्यपाल बनाने की चर्चा होने लगी है। सूत्रों के मुताबिक सुरेश पचौरी को राज्यपाल बनाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी बड़ा ऐलान कर सकती है।
सुरेश पचौरी को भाजपा ने सम्मान का आश्वासन दिया है। उनकी भाजपा के टॉप नेताओं के साथ भी चर्चा हुई है। हालांकि वह मध्य प्रदेश के राज्यपाल बनेंगे या किसी अन्य राज्य के यह भी चुनाव के बाद ही फाइनल हो सकता है। दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने शनिवार को ही भाजपा की सदस्यता ली है। इसके बाद उन्हें कौन सी जिम्मेदारी दी जाए, इसे लेकर पार्टी असमंजस में भी है। इसी को लेकर उनकी वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात भी हुई है। इस वजह से यह चर्चा तेज हो गई है कि उन्हें लोकसभा चुनाव के बाद राज्यपाल जैसी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और संजय शुक्ला समेत कई नेता भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने भाजपा में शामिल होने के दौरान कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर का आमंत्रण ठुकराया था, जिससे उन्हें काफी ठेस पहुंची थी। इस वजह से उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया। माना जा रहा था कि पचौरी और शुक्ला दोनों ही नेता लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार थे।
दिग्विजय व नाथ के बाद सबसे बड़ा चेहरा
मप्र कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह के बाद कोई बड़ा चेहरा था, तो वह केवल सुरेश पचौरी का । प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के एक बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उनकी एक पहचान थी। पचौरी हर पद पर काम करने वाले नेता रहे हैं। वे 24 साल राज्यसभा में रहे। लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े। करीब 40 साल से वे एमपी की राजनीति में सक्रिय हैं। हर जिले में उनका गुट है। लंबे समय से पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही थी। इससे वे नाराज चल रहे थे। कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी ने 1972 में एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वह 1984 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 1990, 1996 और 2002 में फिर से चुने गए। एक केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रक्षा, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन और संसदीय मामले और पार्टी के जमीनी स्तर के संगठन कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष भी रहे। पचौरी ने अपने राजनीतिक करियर में केवल दो बार चुनाव लड़ा। साल 1999 में, उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उमा भारती को चुनौती दी और 1.6 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए।