
शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर लिखी गई पटकथा
सुरेश पचौरी को भाजपा में लाने के प्रयास काफी समय से चल रहे थे पर पिछले एक हफ्ते से इस अभियान में तेजी लाई गई। पचौरी और उनके समर्थकों को एक साथ भाजपा में लाने में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की महती भूमिका रही। सारी प्लानिंग भी उनके बंगले पर ही बनाई गई। पचौरी और उनके समर्थकों को विधानसभा चुनाव जिस तरह दरकिनार किया गया, उससे भी वे खुश नहीं थे। सूत्रों की माने तो कुछ महीनों से वे कांग्रेस में खुद को सहज नहीं पा रहे थे। भाजपा को जब इसका पता चला तो वह पचौरी के सम्पर्क में आ गई। शिवराज काफी समय से पचौरी को भाजपा में शामिल करने के लिए प्रयास कर रहे थे। शिवराज और पचौरी की दोस्ती सभी को पता है। जिस बंगले में पचौरी निवास कर रहे हैं वह उन्हें राज्यसभा सदस्य के तौर पर आवंटित हुआ था, लेकिन राज्यसभा की सदस्यता जाने के बाद भी पचौरी के पास बंगला बना रहा इसको लेकर भी काफी चर्चा हुई थी।
जीतू ने दीं शुभकामनाएं, कहा भगवान उनका भला करें
कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी, पूर्व विधायक संजय शुक्ला, पूर्व सांसद गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी समेत अन्य नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही कहा कि भगवान करें, वो भीड़ का हिस्सा न बनें। पटवारी ने कहा कि हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पचौरी ने भाजपा ज्वाइन कर ली। कांग्रेस ने उन्हें सर्वाधिक दिया। भगवान उनका भला करें, भार उतरा। पटवारी ने कहा कि नेता चले जाते हैं, लेकिन वोट नहीं जाते हैं। कार्यकर्ता नहीं जाते हैं। पचौरी के आरोप की कांग्रेस जात की बात कर रही है। यह वर्ग संघर्ष की ओर ले जा रहा है। इस पर पटवारी ने पचौरी के आरोप को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस गरीबों की बात की बात कर रही है।
ईओडब्ल्यू करेगा आजीविका मिशन में गड़बड़ी की जांच
जिला अदालत भोपाल ने शनिवार को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में कथित गड़बड़ी की जांच ईओडब्ल्यू को करने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि आजीविका मिशन में अनियमितताओं की शिकायत राजेश कुमार मिश्रा ने लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू से की थी। मिश्रा का आरोप है कि इस मामले में जांच के घेरे में पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, सेवानिवृत्त आईएएस अशोक शाह और मनोज श्रीवास्तव आ रहे थे, इसके चलते दोनों जांच एजेंसियां इसमें उदासीनता दिखा रही थीं। इसके चलते जिला अदालत में एक परिवाद दायर किया गया। इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपते हुए 28 मार्च तक जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच तत्कालीन अपर आयुक्त नेहा मारव्या ने की थी। जांच में बताया था कि आजीविका मिशन के तत्कालीन सीईओ ललित मोहन बेलवाल के समय में गड़बडिय़ां हुई थीं। मारव्या ने जांच रिपोर्ट में एफआईआर को लेकर भी अनुशंसा की गई थी।
राम की मर्यादा को क्यों भूल गए, बोले दिग्विजय
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा सुरेश, भला 50 साल का रिश्ता भी कोई यूं तोड़ता है.. आपको तो संघर्ष के दिनों में संबल बनकर साथ खड़ा होना था। राम मंदिर में आस्था उचित है, लेकिन राम की मर्यादा को क्यों भूल गए। जिस नेहरू गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी परिवार की बदौलत आपने समाज में नाम और सम्मान कमाया, उसे बेगाना कर गए। अब बीजेपी कह रही है कि आप उनके ही थे और घर वापस लौट रहे हैं। खैर आप जो भी करें.. मगर राम के नाम पर न करें। यह राम की सीख तो नहीं है।
कोई तो बात रही होगी जो हम बेवफा हो गए: पचौरी
भाजपा में शामिल होने के बाद सुरेश पचौरी ने कहा कि मैंने भगवान राम का सम्मान नहीं करने वालों का साथ छोड़ दिया है। तुलसीदास जी ने भी कहा है कि कोई कितना भी प्रिय क्यों न हो लेकिन राम का आदर नहीं करे तो उसे छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब वह नहीं रही जो थी। उन्होंने कहा कि राख के ढेर पर न शोले हैं, न अंगारे हैं, फिर भी हम बेवफा हो गए, कोई तो वजह रही होगी। उन्होंने कहा कि वे बिना किसी शर्त भाजपा में आए हैं। मुझे किसी पद का लालच कभी नहीं रहा। मैंने राजनीति देशसेवा के लिए की है।