
- विधायक दल की बैठक के बाद ही शुरु कर दिया गया था सामान भेजने का काम…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के बनने के बाद अब निवृत्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नया ठिकाना 74 बंगला स्थित बी आठ हो गया है। नया मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया था। वे मुख्यमंत्री आवास को दो -तीन दिन में पूरी तरह से रिक्त कर देंगे। उनका सामान शिफ्ट होना शुरू हो गया है। चौहान के नए बंगले की साज-सज्जा और निर्माण कार्य एक साल पहले से पूरा किया जा चुका है। दरसअल इस बंगले को बड़ा करने के लिए उससे लगे हुए दूसरे बंगले की दीवार को तोडक़र उसे भी मिला लिया गया है। शिवराज ने कहा कि वे जल्द ही अधिकृत सीएम हाउस खाली कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान श्यामला हिल्स से नीचे आकर रहने वाले 5वें पूर्व मुख्यमंत्री होंगे। इसके पहले मोतीलाल वोरा, सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर 74 बंगले में शिफ्ट हुई थे। अभी प्रदेश के तीन पूर्व सीएम श्यामला हिल्स पर ही रह रहे हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल है। तीनों के सरकारी बंगले श्यामला हिल्स पर ही है।
2005 में अलॉट हुआ था बंगला
शिवराज सिंह चौहान को 74 बंगला स्थित बी-8 बंगला दिग्विजय सिंह की सरकार में सांसद बनने पर अलॉट हुआ था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बनने पर मुख्यमंत्री निवास में शिफ्ट हो गए थे। इसके बाद से वह 2018 तक श्यामला हिल्स पर ही रह रहे थे। इस बीच कांग्रेस की सरकार बनने पर वह अपने बी-8 बंगले में शिफ्ट हो गए थे। 2020 में दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर श्यामला हिल्स पर ही रहे।
नए मंत्रियों के लिए भी आवासों की सूची तैयार
नए मंत्रियों के लिए गृह विभाग ने विधानसभा चुनाव हारने वाले और चुनाव न लडऩे वाले मंत्रियों को आवंटित आवासों की सूची तैयार कर ली है। इसे मंत्रिमंडल के गठन के बाद अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। इस बार पार्टी ने यशोधरा राजे सिंधिया और ओपीएस भदौरिया को चुनाव नहीं लड़ाया गया था। उधर, नए मंत्रियों के लिए गृह विभाग ने वाहनों की व्यवस्था भी कर ली है। शिवराज मंत्रिमंडल के जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल को छोडक़र सभी मंत्रियों ने स्टेट गैराज को वाहन लौटा दिए हैं। इन्हें तैयार करके रखा गया है, ताकि आवश्यकता पड़े तो मंत्रियों को इन्हें आवंटित किया जा सके।
लक्ष्मीनिवास के रुप में है पहचान
जानकारों का कहना है कि मप्र और छत्तीसगढ़ का जब विभाजन नहीं हुआ था। इस दौरान मंत्री सत्यनारायण शर्मा को बी-8 अलॉट हुआ था। शर्मा के रहते बंगले को लक्ष्मीनिवास कहा जाने लगा था। इस बंगले से कोई खाली हाथ नहीं लौटता था। हालांकि इससे पहले शिवराज सिंह ने ओम प्रकाश सकलेचा के बंगले में शिफ्ट होने की इच्छा जताई। फिर पूर्व सीएम पीसी सेठी और केंद्रीय मंत्री रही सुषमा स्वराज की मौत इसी बंगले के अलॉट रहते हुई थी। यह आवास उन्हें 2005 में आवंटित हुआ था। 2018 में विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद शिवराज यहीं रहे थे। लोक निर्माण विभाग ने इसमें आवश्यकता के अनुसार काम भी कराया है।