
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बिजली महकमा तमाम प्रयासों के बाद भी बिजली चोरी रोकने में सफल नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से विभाग के मातहत आने वाली बिजली कंपनियों को हर माह बढ़ा घाटा लग रहा है। इससे बचने के लिए अब बिजली कंपनियां प्रदेश में मोबाइल रिचार्ज की तरह की प्रीपेड बिजली की व्यवस्था करने जा रही है।
प्रदेश में इस नई व्यवस्था की शुरुआत मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मालवा निमाड़ अंचल के इंदौर-उज्जैन संभाग से की जा रही है। शुरुआत में इस तरह की व्यवस्था सरकारी कार्यालयों से की जाएगी। इसके तहत तमाम विभाग अपने-अपने कार्यालयों में खर्च होने वाली बिजली का अनुमान लगाकर अग्रिम भुगतान करेंगे और उसके बाद बिजली का उपयोग कर सकेंगे। इस व्यवस्था की वजह से जितनी राशि जमा की गई होगी, उतनी ही बिजली ही उपयोग कर सकेगें। इसके लिए कंपनी द्वारा पूरी योजना तैयार कर ली गई है। यह बात अलग है कि इस योजना को लागू करने से पहले कंपनी को नियामक आयोग की मंजूरी लेनी होगी। इस मामले को लेकर विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे बैठक भी कर चुके हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि शासकीय कार्यालयों में अगले तीन महीनों में प्री-पेड बिल सिस्टम लागू करने की तैयारी की जाए। गौरतलब है कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सबसे पहले इंदौर से स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट शुरू कर चुकी है। अगले दो सालों में कंपनी अपने अधीनस्थ सभी शहर स्मार्ट मीटर से लैस करने की तैयारी में लगी हुई है। दरअसल स्मार्ट मीटर में सुविधा है कि रीडिंग सीधे बिजली कंपनी के कंट्रोल रूम जाती है।
कनेक्शन काटने और शुरू करने की प्रक्रिया भी कंट्रोल रूम से कंप्यूटर के जरिए हो सकती है। लिहाजा स्मार्ट मीटर से प्री पेड बिजली शुरू करने की सुविधा मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार, प्री-पेड विकल्प चुनने वाले उपभोक्ताओं को प्रत्येक यूनिट बिजली पर एक पैसे से 10 पैसे तक की छूट देने की योजना है। बिजली कंपनी उम्मीद कर रही है कि जल्द नियामक आयोग टैरिफ प्लान को मंजूरी दे देगा।
क्या पहले पैसा देंगे ?
बिजली कंपनी की इस योजना के पहले सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या सरकारी विभाग अग्रिम बिल का भुगतान करेंगे? दरअसल, बीते वर्षों में नगर निगम से लेकर पुलिस थानों और सरकारी विभागों का रवैया बिल चुकाने के प्रति बेहद सुस्त रहा है। निगम पर तो करोड़ों रुपये बकाया थे। सरकारी दफ्तरों से वूसली में विभाग को पसीना छूट जाता है। इस दौरान कई बार विवाद की स्थिति बन चुकी है।