भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जंगल महकमे में प्रशासन भी कुछ उसके नाम के अनुरूप ही चल रहा है। यह हम नहीं कह रहे हैं ,बल्कि विभाग के मंडलों में होने वाली अनियमितताओं के खुलासे यह हकीकत सामने आ रही है। हाल तय है कि बैतूल, हरदा और सीहोर वन मंडल के मालिक मकबूजा मद में करोड़ों रुपए की वित्तीय हेर-फेर की संभावना जताई जा रही है। अगर सीहोर वन मंडल की बात की जाए, तो विभागीय राजस्व लेखों के मिलान पर बीते वित्त वर्ष में ही 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 81 रुपए का हेर-फेर का खुलासा हो चुका है। इस मंडल में इस तरह की गड़बड़ी पांच साल पहले अक्टूबर 2017 से की जा रही थी। यह खुलासा होने के बाद अब इस वन मंडल में पदस्थ रह चुके कई आला अफसर जांच की जद में आ रहे हैं। इसकी जांच के लिए विभाग ने डीएफओ एमएस डाबर की अध्यक्षता में तीन सदस्य जांच कमेटी गठित की है। यह कमेटी एक माह में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। वर्तमान पीसीएफ उत्पादन ने इस गड़बड़ी को उजागर किया। इसके बाद पीसीसीएफ मुख्यालय को सभी सीसीएफ को पत्र लिखकर अपने-अपने वन मंडलों में जांच करने के निर्देश दिए हैं। विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इसी तरह की गड़बड़ी बैतूल और हरदा वन मंडल में भी की गई है।
महज एक ही अफसर को दिया नोटिस
सीहोर वन मंडल में यह अनियमितता अक्टूबर 2017 से शुरू हुई। इस बीच इस मंडल में सर्वाधिक समय तक रमेश गनावा पदस्थ रहे हैं। इसके बाद भी विभाग ने इस मामले में महज अनुपम सहाय को ही कारण बताओ नोटिस दिया है। जबकि वहां पर पदस्थ रहे ,अन्य अफसरों को नोटिस जारी करने तक की हिम्मत विभाग नहीं दिखा पा रहा है। फिलहाल इस मामले में अफसरों को बचाने के लिए एक बाबू को बलि का बकरा बनाया गया है।
23/10/2023
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