
वाशिंगटन। इस वक्त सारी दुनिया की नजरें देश में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन पर टिकी हुई हैं। इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुनिया भर से 29 देशों के प्रमुख दिल्ली आए हुए हैं। जी-20 समिट के दौरान नेताओं का संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी हुआ। इस बीच, अमेरिका ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के आधार पर रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और शांति लाने के लिए दुनिया भर के देशों को एकजुट कर रहे हैं। इस दिशा में एक बड़ा कदम जी-20 में जारी किया गया घोषणा पत्र है।
व्हाइट हाउस के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कल जारी किया गया संयुक्त बयान बाली जी-20 घोषणापत्र और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर आधारित है। इसमें यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का आह्वान किया गया है। सदस्य देशों से इलाकों पर कब्जा करने के लिए ताकत के इस्तेमाल या किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ कार्य करने से बचने का आग्रह किया गया है। फाइनर ने कहा कि जी-20 देशों के विशाल बहुमत ने संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों का समर्थन किया है, जिसमें रूस की अवैध आक्रामकता भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि कल दिल्ली में एक संयुक्त बयान जारी किया गया है, जिसमें रूस को स्पष्ट रूप से कहा है कि वह किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ कार्य करने से बचे और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में अपने दायित्वों का पालन करे।
व्हाइट हाउस ने कहा कि यह एक ऐसी रणनीति है, जिसे बाइडन प्रशासन पिछले कुछ समय से दुनिया के उन देशों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपना रहे हैं, जो संघर्ष को समाप्त करना चाहते हैं। साथ ही वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चार प्रमुख सिद्धांतों के आधार पर शांति पर जोर देना चाहते हैं। फाइनर ने कहा कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं रूस से अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने का आह्वान करने के लिए एकजुट हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसके लिए दुनिया भर के देशों को शामिल कर रहे हैं और यह बयान इस प्रयास में एक बड़ा कदम है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष से संबंधित चुनौतियों के बावजूद जी-20 नेताओं ने शनिवार को वैश्विक सम्मेलन के पहले दिन संयुक्त घोषणा को अपनाया। इस घोषणा पत्र को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मुझे एक अच्छी खबर मिली है। हमारी टीम की कड़ी मेहनत के कारण नई दिल्ली जी-20 लीडर्स समिट घोषणा पर आम सहमति बन पाई है। मेरा प्रस्ताव इस नेतृत्व घोषणा को अपनाने का है। मैं इस घोषणा पत्र को अपनाने की घोषणा करता हूं। इस अवसर पर उन्होंने अपने शेरपा और मंत्रियों को भी बधाई दी थी।
हालांकि, यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा था कि जी-20 के साझा घोषणा पत्र में कुछ भी गर्व करने लायक नहीं। रूस का जिक्र नहीं किए जाने पर उन्होंने आलोचना की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने संयुक्त घोषणा के प्रासंगिक खंड का एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया, जिसमें पाठ के कई हिस्सों को लाल रंग से काट दिया गया और शब्दों के साथ सही किया गया जो यूक्रेन की स्थिति को दर्शाता है कि यह अकारण रूसी आक्रामकता का शिकार है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा था कि यह स्पष्ट है कि (जी20 बैठक में) यूक्रेनी पक्ष की भागीदारी से प्रतिभागियों को स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। समग्र जी-20 पाठ से अपनी निराशा के बावजूद निकोलेंको ने घोषणा में यूक्रेन की स्थिति को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देने के लिए यूक्रेन के सहयोगियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन उन साझेदारों का आभारी है, जिन्होंने पाठ में मजबूत बदलावों को शामिल करने का प्रयास किया।