
नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत पहुंचे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रुख का जमकर समर्थन किया। गुटेरस ने दहशतगर्दों को काली सूची में डालने के प्रयासों में चीन की ओर से अड़ंगा डाले जाने पर कहा कि आतंकियों पर प्रतिबंध की प्रक्रिया राजनीति पर आधारित नहीं होनी चाहिए।
गुटेरस ने कहा, अब सुरक्षा परिषद के भीतर विशेषज्ञों की एक समिति के साथ एक तंत्र है और यह कुछ ऐसा है जो राजनीतिक विचारों पर आधारित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह ठोस तकनीकी विशेषज्ञता के साथ किया जाना चाहिए ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो आतंकवादी हैं और उन्हें संबंधित प्रतिबंधों का सामना करना होगा। पिछले कुछ वर्षों में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को काली सूची में डालने के प्रस्तावों को बार-बार अवरुद्ध किया है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था इसका गंभीरता से मुकाबला करे। आतंकवाद से लड़ना हम सभी के लिए एक मौलिक प्राथमिकता होनी चाहिए। भारत की चिंताएं स्वाभाविक हैं। आतंकवाद पर वास्तव में हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए। यह विश्व की मूलभूत प्राथमिकता होनी चाहिए।
गुटेरस ने उम्मीद जताई कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता उन अहम बदलावों को हासिल करने में मदद करेगी, जिनकी दुनिया को सख्त जरूरत है। गुटेरस ने कहा कि अगर जी-20 नेता चाहें तो जलवायु संकट का कुछ समाधान निकाल सकते हैं। इसके लिए वैश्विक वित्तीय नियमों को नए सिरे से तय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये नियम पुराने और भेदभावपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, मैंने एक जलवायु एकजुटता संधि आगे बढ़ाई है जो बड़े उत्सर्जकों के कॉर्बन कटौती के लिए अतिरिक्त प्रयासों और अमीर देशों की तरफ से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समर्थन पर केंद्रित है।
गुटेरस ने कहा कि भारत दुनिया का एक बड़ी आबादी वाला अहम देश है और बहुपक्षीय प्रणाली में उसकी भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल करने का फैसला करना सदस्यों का काम है। यूएन महासचिव ने सुरक्षा परिषद और अन्य बहुपक्षीय संस्थानों में तत्काल सुधारों की जोरदार वकालत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया का भविष्य बहुध्रुवीय है लेकिन हमारे बहुपक्षीय संस्थान पुराने पड़ चुके हैं।