
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में पांचवी बार सरकार बनाने के प्रयासों में जुटी भाजपा सरकार इस बार अन्य चुनावों की अपेक्षा बेहद लिबरल नजर आ रही है। यही वजह है कि बीते कुछ दिनों में प्रदेश में नए जिले बनाने का काम तेजी से चल रहा है। प्रदेश्या के कई ऐसे जिले हैं , जिनकी अलग-अलग तहसीलों को जिला बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। नए जिलों की मांग करीब डेढ़ दर्जन जगहों से की जा रही है। अगर जिस गति से अभी जिले बनाए जा रह हं, अगर यही गति बरकरार रही तो माना जा रहा है कि प्रदेश में करीब डेढ़ दर्जन नए जिले अस्तित्व में आ सकते हैं। जिसकी वजह से प्रदेश में नए जिलों की संख्या 70 तक पहुंच जाएगी। हाल ही में जिस तरह से प्रदेश में नए जिलों की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई है, उसकी वजह से प्रदेश के कई अन्य इलाकों के लोग अपने-अपने शहर और कस्बे को जिला बनाने की मांग जोर -शोर से करने लगे हैं।
जिला बनाने की मांग के पीछे सियासी तडक़ा भी प्रमुख रुप से होता है। इस तरह की मांग करने वाले लोग जानते हैं कि चुनावी मौसम है, ऐसे में उनकी मांग सहजता से मानी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मऊगंज को जिला बनाने के बाद पांदुर्णा को नया जिला बनाने की घोषणा पर अमल होना शुरु हो चुका है। पांढुर्णा प्रदेश का 54वां जिला होगा। कहा जाता है कि छोटे-छोटे जिले और राज्य बनने से विकास तेजी से होता है। शायद इसी मंशा से नए जिलों की मांग भी तेज हो रही है। बीते आम विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह से नए जिले बनाने की मांग उठी थी, जिसकी वजह से निवाड़ी को जिला बनाया गया था। अब चुनावी साल में मऊगंज और पांढुर्णा नया जिला बन रहे हैं।
यहां से उठ रही है जिला बनाने की मांग
प्रदेश के कई शहरों व कस्बों से जिला बनाने की मांग की जा रही है। इसमें शहपुरा भी शामिल है। शहपुरा अभी डिंडोरी जिले में आता है। शहपुरा को जिला बनाने की मांग के समर्थन में भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे भी हैं। सबसे पुरानी मांग मैहर को जिला बनाने की है। मैहर अभी सतना जिले का हिस्सा है। मैहर को जिला बनाने को लेकर भाजपा की मौजूदा सरकार सहमत है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने भी सहमति जताई थी, लेकिन राजनीतिक नफा-नुकसान के कारण वह अस्तित्व में नहीं आ पाया है। मैहर के अलावा चित्रकूट को भी जिला बनाने की जा रही है। चित्रकूट सतना जिले का तराई हिस्सा है और उत्तरप्रदेश की सीमा से लगा है। भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद भोपाल में बैरसिया और इंदौर में महू (अंबेडकर नगर) को भी जिला बनाने की उठने लगी है। रायसेन जिले के भोजपुर और बाड़ी के साथ बैतूल जिले के मुलताई, धार जिले में पीथमपुर और बालाघाट में लांजी को जिला बनाए जाने की मांग भी की जा रही है। गौरतलब है कि दिग्विजय सरकार में उमरिया और कटनी को नया जिला बनाया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में आठ नए जिले बनाए गए हैं।