
मॉस्को। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन संघर्ष के लिए निष्पक्ष और यथार्थवादी समाधान को बढ़ावा देने के लिए भारत और अन्य वैश्विक दक्षिण देशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के प्रस्ताव चल रहे घटनाक्रमों के वास्तविक कारणों और प्रकृति की समझ पर आधारित हैं। लावरोव ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर 11वें मॉस्को सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम निष्पक्ष और यथार्थवादी समाधान के रास्ते तलाशने में चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, भारत और अन्य वैश्विक दक्षिण देशों की गंभीर रुचि की सराहना करते हैं।’ रूसी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक उन्होंने कहा,’राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और हमारे देश के नेतृत्व ने बार-बार इस बारे में बात की है।’
लावरोव ने कहा, ‘यह बेहद महत्वपूर्ण है कि विकासशील देशों में हमारे मित्रों की ओर से आने वाले प्रस्ताव मौजूदा घटनाक्रमों के वास्तविक कारणों और प्रकृति की स्पष्ट समझ पर आधारित हों।’ रूसी विदेश मंत्री ने सम्मेलन में अमेरिका पर रूस के साथ संघर्ष में यूक्रेनी बलों के समर्थन के जरिए परमाणु हथियारों के अप्रसार संधि (एनपीटी-संधि) को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, अमेरिका ने कई प्रमुख हथियार नियंत्रण और परमाणु अप्रसार समझौतों को तोड़ दिया है। यह भी आशंका है कि अब वह वैश्विक सुरक्षा के मूल तत्वों में से एक परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन करने के लिए तैयार है।
बयान के मुताबिक, मंत्री ने दावा किया कि एनपीटी पर संधि से एयूकेयूएस सैन्य ब्लॉक को बाहर करने के प्रयास समझौते के अस्तित्व को खतरे में डाल सकते हैं। लावरोव ने कहा कि पश्चिमी भू-राजनीतिक इंजीनियर सीधे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संकट को भड़का रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, रूसी सीमाओं के पास अपनी सैन्य मौजूदगी का निर्माण करते हुए नाटो सदस्यों ने गठबंधन के गैर-विस्तार पर सोवियत नेताओं से किए गए अपने वादों को कई वर्षों तक नजरअंदाज किया। वे सम्मान और अविभाज्य सुरक्षा के सिद्धांत का पालन करने, दूसरों की कीमत पर अपनी सुरक्षा को बढ़ाने और यूरोप में किसी भी पार्टी या संगठन के प्रभुत्व को रोकने के लिए ओएससीई में की गई अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन कर रहे हैं। यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन (ओएससीई) ने 1999 में इस्तांबुल में और 2010 में अस्ताना में इन प्रतिबद्धताओं पर हस्ताक्षर किए थे। लावरोव ने यह भी कहा कि नव-नाजी यूक्रेन शासन को ‘बचाने’ के लिए’सामूहिक पश्चिम’ने रूस के खिलाफ एक हाइब्रिड हमले शुरू कर दिए हैं।