5 सरकारी बैंकों को 324 करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले समूह की बढ़ सकती है मुसीबत

इनकम टैक्स

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के 5 सरकारी बैंकों को 324 करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले समूह की मुसीबत बढ़ सकती है। स्टील कंपनी पर इनकम टैक्स और ईडी भी शिकंजा कसेगी। कंपनी के खिलाफ करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी और मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ करेगी। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी की कोशिश में सीबीआई जुट गई है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था, लेकिन करोड़ों रुपए दूसरे बैंकों में ट्रांसफर कराया, जिसके चलते बैंकों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। यही नहीं कंपनी ने व्यापार में घाटा दिखाया, जबकि एनपीए घोषित होने के बाद करोड़ों रुपए प्राइवेट बैंकों के खाते में जमा करा दिया। इस मामले में फंड की हेराफेरी के तहत मनी लॉड्रिंग (पीएमएलए) एक्ट के तहत कार्रवाई करने का नियम है। इस मामले में इनकम टैक्स के नियम के तहत टैक्स चोरी का मामला दर्ज जांच एजेंसियां कर सकती है। आरएसएएल स्टील कंपनी के मालिक उमेश सहारा और एग्जिकेटिव डायरेक्टर अरविंद मिश्रा को आरोपी बनाया है। बैंक आफ इंडिया के एजीएम की शिकायत पर कार्रवाई की है।
5 साल बाद एनपीए घोषित किया, फिर 14 बैंकों से लिए 284 करोड़ रु.
सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करते हुए कहा है कि आरएसएएल स्टील कंपनी के मालिक उमेश सहारा और एग्जिकेटिव डायरेक्टर अरविंद मिश्रा ने लोन लेने के 5 साल बाद एनपीए घोषित कर लिया। इसके बाद कंपनी ने साल 2016 में एचडीएफसी में 61 करोड़ और साल 2015 से 2018 के बीच में 224 करोड़ रुपए उधार देने वाले फर्मों से लिए। पांच बैकिंग पार्टनर बैंकों के अलावा देशभर में 14 जिलों में खातों में रकम ली गई।

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