
कलेक्टर व एसपी की होगी रवानगी?
सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा गांव में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के घर गिराए जाने के मामले में आखिर प्रशासन की गलती सामने आ ही गई है। जिसे सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। दरअसल जिन आवासों को गिराया गया है, वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाकर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को दिए गए थे। इन्हें ही अतिक्रमण बताकर उन पर बुल्डोजर चला दिया गया है। इसकी वजह से अब कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं डीएफओ पर तबादले की गाज गिरना तय मानी जा रही है। मौके पर जब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह रैपुरा पहुंचे तो कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, जिला वन अधिकारी महेन्द्र प्रताप सिंह समेत बड़ी संख्या में अधिकारी पहुंचकर दिग्विजय के आगे ही जमीन पर बैठ गए। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें सागर का प्रशासन दिग्विजय के आगे जमीन पर बैठा हुआ है।
तीन अफसरों पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
राज्य सूचना आयोग ने प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (मप्र शासन) को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के तीन अधिकारियों (रजनीश चौधरी वरिष्ठ लोक विश्लेषक, लोक सूचना अधिकारी, कार्यालय नियंत्रक एवं औषधि प्रशासन, देवेन्द्र सिंह लोक सूचना अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल और तबस्सुम मेरोठा लोक सूचना अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल) के विरुद्ध एक साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया। दरअसल इन अफसरों को एक जानकारी देने का आदेश दिया गया था , लेकिन इन अफसरों ने यह जानकारी 22 माह के इंतजार के बाद भी प्रदान नहीं की है।
फर्जी हस्ताक्षर से करा दिए सवा लाख स्वीकृत
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के फर्जी लैटर हैड और हस्ताक्षर से मंत्री की स्वेच्छानुदान निधि से 40-40 हजार रुपए की राशि स्वीकृति के प्रकरण में मंत्री सिंह ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। दरअसल खाद्य मंत्री के लैटर हैड पर उनके फर्जी हस्ताक्षर से कूटरचना कर 3 लोगों के नाम मंत्री स्वेच्छानुदान निधि से 40-40 हजार रुपए स्वीकृत कर दिए गए। कलेक्टर अनूपपुर ने गत 12 जून को प्राप्त इस फर्जी और कूटरचित पत्र के आधार पर 40-40 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं। मंत्री सिंह ने पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को शासकीय दस्तावेज के आधार पर शासकीय राशि के गबन के लिये कूटरचित षड्यंत्र के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उपेक्षा की शिकार हो रहीं सांसद
भाजपा की राज्यसभा सदस्य सुमित्रा बाल्मीकि के कथित अपमान को लेकर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने इसमें कूदते हुए राष्ट्रपति और पीएम को पत्र लिखकर प्रोटोकॉल उल्लंघन के शिकायत की तैयारी कर ली है। विवाद योग दिवस पर हुए राष्ट्रीय समारोह से जुड़ा है। कार्ड से लेकर मंच की कुर्सी पर नाम नहीं होने से आहत सांसद का कहना है कि प्रशासन उनकी लगातार उपेक्षा कर रहा है। ऐसा जाति के नाते हो रहा है या कुछ और उनकी समझ में नहीं आ रहा है। उन्होंने कलेक्टर से भी शिकायत की है। उधर, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने ट्वीट किया कि यहां तो भाजपा के जनप्रतिनिधियों का ही अपमान हो रहा है, बाकी के लिए क्या कहा जाए। महापौर जगत बहादुर सिंह ने कहा कि वे राष्ट्रपति, पीएम को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।