
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बना रहे भाजपा समर्थक अफसरों की सूची
पांच माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह चुनावी मोड में आकर जमीन स्तर पर काम कर रही है। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने जिला अध्यक्षों को ऐसे अफसरों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं, जो बीजेपी नेताओं के इशारे पर काम करते हैं। ऐसे अफसरों की सूची कांग्रेस चुनाव के पहले निर्वाचन आयोग को सौंपेगी, जिससे इन्हें हटाने की कार्रवाई की जा सके। दरअसल, चुनाव के दौरान अफसरों की भूमिका अहम होती है। इस संबंध में प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रभारी चुनाव आयोग कार्य जेपी धनोपिया ने एक पत्र सभी जिला अध्यक्षों को जारी किया है।
अब धीरेंद्र शास्त्री का एकांतवास चर्चा में
अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम के आचार्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आजकल एकांतवास में हैं। उन्होंने पहले ही इसका ऐलान किया था । एकांत वास में बाबा क्या कर रहे हैं, यह जानने की सबको उत्सुकता है। जानकारी के मुताबिक धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म को लेकर शोध कर रहे हैं और एकांतवास से वापस आने पर बड़ी तैयारी के साथ भक्तों के सामने आएंगे। धीरेंद्र शास्त्री पहले ही साफ कर चुके थे कि वे एक किताब लिख रहे हैं और ये किताब सनातन पर होगी। यही वजह है कि वे एक बार फिर चर्चा में हैं।
नरेला विधानसभा में एक ही मकान में 43 जाति के 250 मतदाता
चुनाव से पहले एक बार फिर मतदाता सूची सुर्खियों में है। हैरानी की बात यह है कि एक घर में 250 मतदाता हैं। सबकी जातियां अलग- अलग हैं। मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान ने मंत्री विश्वास सारंग द्वारा नरेला विस क्षेत्र में मतदाता सूची में षड्यंत्र पूर्वक बड़े स्तर पर फर्जी मतदाताओं के नाम जुड़वाने का गंभीर आरोप लगाया है। डॉ. चौहान ने कहा कि नरेला विस क्षेत्र में मतदाता सूची में मंत्री सारंग द्वारा हजारों की संख्या में फर्जी तरीके से मतदाता सूची में नाम जुड़वाये गए हैं और अभी भी जुड़वाये जा रहे हैं। चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि नरेला क्षेत्र के 17 वार्डों में निर्वाचन अधिकारी मनोज वर्मा के साथ मिलीभगत कर यह नाम जुड़वाए गए हैं।
गोविंद सिंह बोले, भाजपा के दबाव में काम करते हैं लोकायुक्त
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने मप्र लोकायुक्त संगठन पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। मीडिया से चर्चा करते हुए गोविंद सिंह ने उज्जैन के महाकाल लोक में घटिया निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार और धार्मिक आस्था से खिलवाड़ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमारे विधायक ने 13 महीने पहले लोकायुक्त में इसकी शिकायत की थी, लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसलिए महाकाल लोक में भ्रष्टाचार की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज या हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जानी चाहिए।