
सेंन्ट्रल विस्टा के कलाकार देंगे महाकाल लोक के लिए सलाह
प्रदेश सरकार अब महाकाल लोक में स्थापित मूर्तियों के बारे में अब सेंन्ट्रल विस्टा के कलाकारों से सलाह ली जाएगी। यहां पर लगाई जाने वाली सभी मूर्तियों का काम अब उन्हीं की निगरानी में किया जाएगा। खास बात यह है कि बीते रोज महाकाल लोक का बीते रोज लोनिवि के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह की अगुवाई में एक कमेटी द्वारा निरीक्षण किया गया , जिसमें पाया गया कि एफआरपी की मूर्तियों को लगाने में सही मानदंडो और सावधानी का पालन नहीं किया गया है। समिति ने पाया कि प्रदेश में एफआरपी के काम के अनुभवी लोग ही नहीं हैं, ऐसे में कंपनी को अनुभवी लोगों को हायर करना था, जो नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि समिति जल्द ही अपने सुझाव सरकार को दे देगी।
शिव ने लिया भूरिया को आड़े हाथों
कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सामान्य शिष्टाचार भी कांग्रेस के लोग भूल गए हैं। पीएम को अपशब्द कह रहे हैं। दरअसल, पीएम की लोकप्रियता से वे बौखलाए हुए हैं। वे मैदान में मुकाबला नहीं करते। यदि कोई सूर्य पर धूल डालने की कोशिश करेगा तो वह उसी के चेहरे पर आकर गिरेगी। प्रधानमंत्री मोदी आज दुनिया में विकास व जनकल्याण के प्रतीक है। कांग्रेस विषकुंभ जैसी हो गई है और पीएम नीलकंठ बनकर इनके अपशब्दों का विषपान कर रहे हैं। देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।
ग्रामीणों ने दत्तीगांव का रास्ता रोका
धार जिले के बदनाबर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बोरदा में ब्रिज नहीं बनने से नाराज ग्रामीणों ने बीते रोज सडक़ पर बैठकर रास्ता बंद कर दिया। यह पूरी कवायद उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का रास्ता रोकने के लिए की गई थी। यह लोग बारिश में रास्ता बंद होने जाने से नाराज चल रहे हैं। दरअसल यहां पर रास्ते में पडऩे वाले नाले पर ब्रिज न बनने की वजह से ग्रामीणों को लंबे समय तक रास्ता बंद हो जाता है। नाराज ग्रामीणों ने मंत्री से यहां तक कह दिया कि चुनाव के समय सिर्फ वोट मांगने आओगे क्या? दत्तीगांव निजी हवन-पूजन के कार्यक्रम में शामिल होने गांव जा रहे थे। इस दौरान दत्तीगांव ने बार-बार ब्रिज बनवाने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर ग्रामीण माने।
हादसे के समय नहीं था पुलिस का पायलट वाहन
नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक सामने आई है। जिसके चलते वे दो दिन पहले सडक़ हादसे में घायल हो गए। हुआ यह कि जब ग्वालियर से मंत्री का काफिला भिंड जिले की सीमा में प्रवेश हुआ, तो प्रशासन ने उनकी सुरक्षा में काफिले के आगे चलने के लिए पायलट वाहन ही नहीं दिया था। जिस कारण मंत्री की कार मालनपुर पर आकर एक ट्रैक्टर से भिड़ गई, कार के परखच्चे उड़ गए, जिससे मंत्री सहित स्टाफ भी गंभीर रूप से घायल हो गया। दरअसल मालनपुर तक ग्वालियर प्रशासन की ओर से पायलट व फॉलो वाहन उन्हें अपने जिले की सीमा तक छोड़ गए। वहां से वे वाहन लौट गए, जबकि उन वाहनों के लौटते ही भिंड के पायलट व फॉलो वाहनों को मंत्री को अपनी सुरक्षा में लेकर चलना था, लेकिन मालनपुर पर केवल फॉलो गाड़ी उपलब्ध थी, पायलट वाहन था ही नहीं।