तो… पढिय़े इन दो अफसरानों की मन की बात

आईएएस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉमदेश में इन दिनों जो दो मामले चर्चा में बने हुए हैं , उनमें अब प्रदेश के एक आला पुलिस अफसर और एक आईएएस अफसर की भी इंट्री हो चुकी है। खास बात यह है कि इनमें से एक मामला तो सीधे संघ प्रमुख के एक बयान से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा मामला देश के साथ ही प्रदेश में भी हमेशा से चर्चा में बना रहता है। यह मामला है भ्रष्ट्राचार का। अपने ट्वीट और किताबों की वजह से चर्चाओं में रहने वाले मप्र कैडर के आईएएस अफसर नियाज खान अब पूरी तरह से ब्राह्मणों के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। उनके द्वारा दावा किया गया है कि  ब्राह्मणों का कद बहुत बड़ा है इनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने इसके पीछे कई तर्क भी दिए हैं , जबकि भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी विशेष पुलिस स्थापना यानी की लोकायुक्त के महानिदेशक रह चुके कैलाश मकवाना ने नौकरशाही पर इस मामले में जमकर निशाना साधा है।
ब्राह्मणों का सम्मान करना चाहिए….
संघ प्रमुख मोहन भागवत का पिछले दिनों यह बयान सुर्खियों में रहा कि जाति व्यवस्था के लिए पंडित जिम्मेदार हैं। इससे ब्राह्मण आहत हुए और कई स्तरों पर विपक्षी दलों ने संघ पर ही ब्राह्मणों का विरोधी होने का आरोप लगा दिया। संघ साफ कर चुका है कि पंडित यानी ब्राह्मण नहीं, बल्कि किसी भी जाति से कोई विद्वान या पंडित हो सकता है। इस विवाद में अब मप्र के चर्चित आईएएस नियाज खान की एंट्री हुई है। उन्होंने अपनी रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि ब्राह्मणों का आईक्यू बहुत अधिक होता है। उनका सम्मान होना चाहिए। ब्राह्मणों के बारे में अधिकांश लोगों की प्रतिक्रिया बेहद घृणित है। उन्होंने अपनी किताब ब्राह्मण द ग्रेट लिखने के दौरान की गई रिसर्च का हवाला भी दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने किताब लिखने खूब रिसर्च की। मैंने ब्राह्मणों के योगदान के संबंध में कई गैर-ब्राह्मणों से भी बातचीत की। उनके द्वारा तीन दिन में तीन ट्वीट किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि उनका आठवां नॉवेल ब्राह्मण द ग्रेट अगले महीने बाजार में आएगा। जिसमें कहा गया है कि मैंने ब्राह्मणों के हजारों साल के इतिहास का अध्ययन किया है, ताकि उनका वास्तविक मूल्य पता चल सके। चाणक्य भी एक ब्राह्मण थे और महान थे। उन्होंने ही मुझे इस किताब को लिखने को प्रेरित किया है। दाधिची भी एक प्रेरणा रहे हैं। ब्राह्मण द ग्रेट किताब लिखने के लिए मैंने रिसर्च की तो मैंने कई गैर- ब्राह्मणों से भी ब्राह्मणों के भारत में योगदान पर प्रतिक्रिया ली। उनकी प्रतिक्रिया अच्छी नहीं थी। मेरे नजरिये से ब्राह्मणों का आईक्यू बहुत अधिक होता है और बिना किसी पक्षपात के उनका सम्मान होना चाहिए। वे बहुमूल्य संपत्ति हैं। मुझे ब्राह्मण द ग्रेट किताब लिखने में वेदाज नामक किताब ने मदद की। मैं देखकर चकित हूं कि किस तरह महान ज्ञान यहां फला-फूला।
 कैंसर की तरह है भ्रष्टाचार….
लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना के पूर्व महानिदेशक कैलाश मकवाना ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा है कि विभिन्न विभागों में दर्जनों बहुत अच्छी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन दुर्भाग्य से भ्रष्टाचार ने इन्हें कैंसर की तरह जकड़ रखा है। यह हर स्तर पर है। यही कारण है कि योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन उतना अच्छा नहीं दिखाई देता । बता दें कि कैलाश मकवाना को लोकायुक्त संगठन से करीब छह महीने में हटा दिया गया था। वह अभी पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में चेयरमैन हैं। लोकायुक्त में रहते हुए वह भ्रष्टाचार के विरुद्ध बड़े अधिकारियों की शिकायत पर तेजी से कार्रवाई कर रहे थे। रांची के एक समाचार के संदर्भ में उन्होंने ट्वीट किया है। इस समाचार में बताया गया था कि केंद्र से मिले पैसे कम खर्च करने पर पंचायत सचिव व अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। मकवाना के ट्वीट पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि मकवाना पुलिस सेवा के गौरव और बेहद ईमानदार अधिकारी हैं। इसी कारण वह सरकार की आंखों की किरकिरी बने हुए थे। सच को सच कहने की हिम्मत बहुत कम अधिकारियों में होती है। ईमानदारी के चलते ही उन्हें हाल ही में लोकायुक्त संगठन से बाहर किया गया था। दरअसल मकवान की गिनती प्रदेश के चुनिंदा ईमानदार अफसरों में की जाती है। लोकायुक्त में पदस्थ रहने के दौरान उनके द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दी गई कई मामलों की फाइलें फिर से खोल दी गई थीं, जिसके बाद नौकरशाही में हडक़ंप की सिथति बन गई थी।  उधर, भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि झारखंड के संदर्भ में मकवाना ने यह बात कही है। केंद्र की योजनाओं का सफल जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन, पुनरीक्षण और पर्यवेक्षण लगातार किया जा रहा है।

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