
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार ने आर्थिक संकट से जूझ रहे रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार रुपए लोन देने के लिए स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत स्कीम शुरू की है। लेकिन लोन फंसने के डर से बैंक इस योजना से कन्नी काट रहे हैं। यानी स्ट्रीट वेंडर योजना में 10 हजार रुपए का लोन भी आसानी से नहीं मिल रहा है। भोपाल संभाग में सबसे खराब स्थिति भोपाल की ही है। यहां पर 23 हजार से ज्यादा युवाओं ने लोन के लिए आवेदन किए थे, लेकिन इनमें से सिर्फ 9.64 फीसदी यानी 2100 को ही लोन मिल सका। शेष प्रकरण बैंक में लंबित है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के समय मध्य प्रदेश सरकार ने केश शिल्पी, हाथ ठेला चालक, साइकिल रिक्शा चालक, कुम्हार, साइकिल व मोटर साइकिल मैकेनिक, बढ़ई, ग्रामीण शिल्पी, बुनकर, धोबी, टेलर, कर्मकार मंडल से संबंधित कामगार आदि को इस योजना का लाभ दे रही है। यही नहीं शहर के स्ट्रीट वेंडरों की तरह गांव के स्ट्रीट वेंडरों को भी सरकार ने बिना ब्याज के 10 हजार रुपए का लोन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसका ब्याज केंद्र और राज्य सरकार भरेंगी। इसके लिए वेंडरों को किसी प्रकार की गारंटी या धरोहर राशि नहीं देना होगी। लेकिन सरकार की इस योजना पर बैंक पानी फेर रहे हैं।
सबसे खराब स्थिति भोपाल की..
सरकार ने जब स्ट्रीट वेंडर योजना की घोषणा की थी स्ट्रीट वेंडरों में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन हकीकत यह है कि इस योजना का लाभ लेना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। भोपाल संभाग में सबसे खराब स्थिति भोपाल की ही है। यहां पर 23 हजार से ज्यादा युवाओं ने लोन के लिए आवेदन किए थे, लेकिन इनमें से सिर्फ 9.64 फीसदी यानी 2100 को ही लोन मिल सका। शेष प्रकरण बैंक में लंबित है। जानकारी के अनुसार लोन के लिए जरूरी कागजातों में से कई तो आधार कार्ड तक नहीं दे पाए। 50 हजार रुपए का लोन भी सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को ही मिल सका है। जबकि इस बार प्रशासन ने भोपाल में ही 25 हजार से ज्यादा लोगों को 10 हजार रुपए का लोन दिए जाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक सिर्फ 9.64 प्रतिशत को ही इस योजना का लाभ मिल सका है।
किसी भी जिले में 50 फीसदी लोन नहीं
स्ट्रीट वेंडर योजना में भोपाल संभाग के किसी भी जिले में 50 फीसदी लोन भी नहीं दिया गया है। रायसेन में सबसे ज्यादा 49.98 फीसदी को लोन बांटे हैं। सीहोर में 37 फीसदी, विदिशा में 40 फीसदी और राजगढ़ में 14 फीसदी को लोन दिया है। संभाग में कुल 17.17 प्रतिशत आवेदको को ही लोन दिया गया है। नियम के अनुसार 10 हजार रुपए का लोन चुकाने के बाद ही 20 हजार रुपए के लोन लेने की पात्रता प्राप्त होती है। अगर कोई 10 हजार रुपए का ऋण नहीं चुकाता है, तो उसे 20 हजार रुपए का ऋण नहीं दिया जाता है।