
- राजधानी में तकरीबन छह सौ अवैध कॉलोनियां होंगी वैध…
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। शहर में अवैध कॉलोनियों की संख्या 593 है। इनमें से शहरी क्षेत्र की 150 से अधिक व ग्रामीण क्षेत्र में 443 अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें लाखों लोग रह रहे हैं। विगत दिनों सरकार के निर्देश पर कुछ अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब इन्हें राहत दी जा रही है। यह जानकारी संभागायुक्त मालसिंह भयडिय़ा ने गत दिनों प्रधानमंत्री आवास, स्व-सहायता समूह और हर घर नल जल योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान दी। बैठक में बताया गया कि नगर निगम सीमा की 320 कॉलोनियों में नगर निगम के द्वारा भवन अनुज्ञा जारी की जा रही है। इससे इनके वैध होने का रास्ता साफ हो गया है। अब यहां वो काम हो सकेंगे, जो बिल्डरों के द्वारा नहीं किये गये थे। भोपाल में सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां रातीबड़, नीलबड़, कलखेड़ा, चौपड़ा कला, ईंटखेड़ी सहित अन्य क्षेत्रों में काटी गई हैं। यहां विगत पांच सालों के अंदर सैकड़ों अवैध कॉलोनियां बनाई गई थीं। बता दें कि निगम ने वर्ष 1998 से निगम सीमा में 198 अवैध कॉलोनियां चिह्नित की थीं। इसके बाद 2002 से 2008 तक 70 और 2009 से 2013 तक 55 अवैध कॉलोनियां अस्तित्व में आई थीं। अब यह संख्या लगातार बढ़ रही है। बैठक में अवैध कॉलोनियों के संबंध में बताया गया कि दिसंबर 2016 के पहले की अवैध कॉलोनियों में आधारभूत संरचना को उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर पर नियम बनाए जा रहे हैं। भोपाल में नगर निगम क्षेत्र में कुल 576 ऐसी अवैध कालोनी चिन्हित हैं, इसके संबंध में नगर निगम द्वारा 320 कॉलोनियों के लिए सूचना जारी कर दी गई है। भोपाल ग्रामीण क्षेत्रों में 19 कॉलोनी 2016 के पूर्व की है।
पीएम आवास में राजगढ़, विदिशा और सीहोर पिछड़े
बैठक में संभागायुक्त ने पीएम आवास निर्माण में पीछे चल रहे राजगढ़, विदिशा और सीहोर जिले के अफसरों पर नाराजगी जताई। हर घर नल जल योजना के तहत किये जा रहे कार्यों को लेकर भी संभागायुक्त ने साफ कर दिया कि आंकड़ों की बाजीगरी नहीं चलेगी। कार्य हकीकत में होने चाहिए। समीक्षा के दौरान सामने आया कि भोपाल संभाग के राजगढ़, विदिशा और सीहोर प्रधानमंत्री आवास योजना में काफी पीछे चल रहे हैं। स्टेट लेवल की रैंकिंग में राजगढ़ 42, विदिशा 41 और सीहोर 37 पोजीशन पर है। जिस पर कमिश्नर मालसिंह भयडिय़ा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि यदि रैंकिंग नहीं सुधरी तो सीएमओ समेत जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
उन्होंने जिन जिलों का परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है, उन्हें सुधारने की हिदायत दी गई। राजस्व विभाग में भू-अधिकार पत्रक योजना की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने निर्देश दिए की संभाग में एक लाख 39 हजार से अधिक आवेदनों पर केवल 35 हजार आवेदन पर ही करवाई की है। इसके लिए सभी कलेक्टर को भी पत्र लिखने के निर्देश दिए है। संभागायुक्त भयडिया ने हर घर नल जल योजना का रेंडम निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केवल आंकडे के आधार नहीं चाहिए, बल्कि कार्य हकीकत में होना चाहिए।
जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों का औचक निरीक्षण करने के लिए मैं भी संभाग स्तर पर भ्रमण करूंगा जिससे वस्तु स्थिति ज्ञात होगी। उन्होंने कहा कि जिस जिले में नल जल योजना में कमी पाएगी, वहां के संबंधित अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहे। संभागायुक्त भयडिय़ा ने मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए गेहूं उपार्जन का कार्य भी समूहों के द्वारा कराया जाए।