सुरक्षा एजेंसियों की राडार पर प्रदेश के 300 लोग

सुरक्षा एजेंसियों

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश वैसे तो देश के सबसे शांत प्रदेशों में गिना जाता है , लेकिन बीते कुछ सालों से प्रदेश में सिमी से लेकर तमाम आतंकी संगठनों ने अपनी गतिविधियों में तेजी लाते हुए मप्र को नया ठिकाना बना लिया है। यही वजह है कि बीते कुछ समय से सुरक्षा सुरक्षा एजेंसियों की नजर मप्र पर बनी हुई है। इस दौरान कई आतंकियों को न केवल मप्र से पकड़ा गया है, बल्कि उनके कई विदेशी आंतकी संगठनों से संबधों का भी खुलासा किया गया है। इसके बाद से ही प्रदेश के करीब तीन सौ लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने अपने राडार पर ले रखा है। यह वे लोग हैं जिनके सोशल मीडिया पर कहीं न कहीं प्रतिबंधित संगठनों के साथ किसी न किसी तरह के संबधों की जानकारी सामने आयी है। इसके बाद से ही खुफिया एजेंसियों ने चौकसी बढ़ाते हुए पाकिस्तान, सीरिया सहित 40 देशों के आईपी एड्रेस पर नजर रखना शुरू कर दिया है। इनमें उन लोगों पर भी नजर रखी जा रही है जो सोशल मीडिया पर आतंकी गतिविधियों में शामिल पोस्ट पर शेयर, लाइक और कमेंट करते हैं। इसी तरह के मामलों में हाल ही में एटीएस द्वारा कई हाईप्रोफाइल लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है।  उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और लिट्रेचर को फालो किया था। एटीएस सूत्रों ने बताया कि मप्र में काउंटर इंटेलिजेंस ने ऐसे 300 से अधिक लोगों की सूची भेजी थी। जिनके तार सोशल मीडिया के जरिए आतंकी देशों के पोस्ट से जुड़े हुए थे। एटीएस ने ऐसे लोगों से पूछताछ भी की है। हालांकि उनके सीधे संपर्क किसी भी आतंकी संगठन से नहीं पाए गए हैं। एटीएस ने उनके मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की भी जांच की है।
संदिग्धों को दी गई है समझाइश
एटीएस के सूत्रों का कहना है कि बीते कई माह से आईबी के इनपुट के बाद संदिग्ध गतिविधियों में शामिल लोगों को वेरीफाई किया गया है। उनकी रोजाना की गतिविधियों की भी जांच की गई है। हालांकि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने प्रतिबंधित देशों के लोगों की पोस्ट पर रिएक्शन दिया था। आईबी की सर्विलांस टीम पाकिस्तान सहित आतंकी देशों के आईपी एड्रेस को लगातार मॉनिटर कर रहा है। भारत या फिर मप्र का रहने वाला कोई व्यक्ति प्रतिबंधित देशों के लोगों से संपर्क करने की कोशिश करता है तो काउंटर इंटेलिजेंस वेरिफाई करने के लिए इनपुट साझा करती है। जिसके आधार पर ही एटीएस ने पड़ताल की है। लोगों ने पूछताछ में माना है कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि पाकिस्तान या फिर प्रतिबंधित देश का  व्यक्ति एकाउंट चला रहा है। जिसके बाद उन्हें समझाइश देकर छोड़ा गया है।
गौरतलब है कि एनआईए और एटीएस ने मध्य प्रदेश से जेएमबी और पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया था। वे भी सोशल मीडिया के जरिए आईएसआईएस सहित कई आतंकी संगठनों के ग्रुपों में शामिल हुए थे। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के बाद खुफिया जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की थी। पीएफआई से ज्यादा जेएमबी के आतंकियों के खिलाफ साक्ष्य मिले चुके है। वे आईएसआईएस से लगातार संपर्क कर रहे थे। आतंकी किसी घटना को अंजाम देते उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की भी जांच
बीते दिनों एस-मैक की बैठक के दौरान आर्मी के अफसरों को आईबी ने बताया था कि उन्हीं के कैंप में रहने वाले अफसर के संपर्क पाकिस्तानी महिला से है। इस जानकारी के बाद अफसर से कई घंटों तक पूछताछ की गई थी। सेना के अधिकारी ने पाकिस्तान की महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया था। महिला ने खुद को पंजाब का निवासी बताया, लेकिन आईपी एड्रेस पाकिस्तान का निकाला। ऐसे में आशंका जताई गई थी कि सेना की खुफिया जानकारी भी साझा की गई होगी। सेना ने अफसर के मोबाइल फोन की जांच की लेकिन कई ठोस सबूत नहीं मिले थे। इसी तरह से भोपाल में रहने वाले केंद्रीय विज्ञान प्रयोगशाला से रिटायर साइंटिस्ट ने इस्लामिक पोस्ट को फॉलो किया। फिर खुफिया जांच एजेंसी पीछे पड़ गई। कई दिनों तक रेकी करने के बाद एटीएस ने साइंटिस्ट को पूछताछ के लिए बुलाया। एटीएस ने बताया कि जिस इस्लामिक पोस्ट को फॉलो किया है। वह पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा है। साइंटिस्ट ने पोस्ट को लाइक करते हुए कुछ विचार भी पोस्ट कर दिए थे। मामले की जांच में सामने आया कि साइंटिस्ट की मंशा गलत नहीं थी। जिसके बाद एटीएस ने उन्हें हिदायत देकर छोड़ दिया था।
प्रदेश से पकड़े जा चुके हैं कई आंतकी
मप्र से बीते एक साल में कई आंतकी पकड़े जा चुके हैं। बीते साल सुरक्षा एजेंसियों ने एक किराए के मकान में रह रहे आंतकियों को भोपाल से गिरफ्तार किया था। उनके पास से कई बोरी धार्मिक साहित्य दर्जन भर से ज्यादा लैपटाप जब्त किए गए थे।  उनके ठिकाने से  बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार भी जब्त किए गए थे। यह आतंकी पुराने शहर में ऐशबाग थाने से 200 मीटर की दूरी पर बिल्डिंग किराए पर लेकर रह रहे थे।  इस आपरेशन के साथ ही एक और छापा शहर के बाहरी इलाके करौंद इलाके में भी मारा गया था, वहां पर लोकल माड्यूल के आतंकियों को  गिरफ्तार किया गया था।  इसके पहले मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हेंल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े थे। इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते थे। जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के दो और संदिग्ध आतंकियों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) की टीम ने भोपाल के ईंटखेड़ी से गिरफ्तार किया था।  दोनों आतंकी करीब सालभर से यहां रह रहे थे। यह दोनों आतंकी भोपाल और उसके आसपास के जिलों में जेएमबी का नेटवर्क खड़ा कर रहे थे।

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