
परेशानी और बीमारी के लिए लोगों ने लिया सबसे ज्यादा सहारा गूगल का…
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। साल 2022 के शुरूआती महीनों में भी लोगों पर कोविड-19 का खौफ सवार था। इस साल लोग सेहत को लेकर बेहद सजग रहे हैं। सर्दी-खांसी और जुकाम को लेकर लोगों में बेहद सतर्कता देखी गई। छोटी-से छोटी परेशानी और बीमारी के बारे में जानने के लिए लोगों ने सबसे ज्यादा सहारा गूगल का लिया। कोरोना काल में गूगल सर्च इंजन ने लोगों की सबसे ज्यादा मदद की। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए लागू लंबे लॉकडाउन में लोगों ने खाने-पीने की रेसिपी से लेकर बीमारियों की जानकारी और उनसे बचाव करने के लिए गूगल का ही सहारा लिया था।
कोविड-19 ने लोगों को सेहत के प्रति जागरूक रहना सिखा दिया है। बार-बार हाथ धोना, मुंह पर मास्क लगाना और भीड़ में लोगों से दूरी बनाना ज्यादातर लोगों की आदत का हिस्सा बना। लोगों ने इस साल कोविड से बचाव करने के तरीकों को बेहद सर्च किया। आइए जानते हैं कि 2022 में लोगों ने गूगल की मदद से कौन-कौन सी बीमारियों और उपचार के तरीकों को तलाशा है। दरअसल साल 2011 लॉकडाउन में गुजरा। लोगों ने ज्यादातर समय घर में खाकर और आराम करके गुजारा।
लम्बा आराम और बिगड़ते खान-पान ने लोगों को मोटापा का शिकार बना दिया था। साल 2022 में लोगों ने बड़े हुए मोटापा को कम करने के लिए घरेलू नुस्खों का सहारा लिया। गुगल पर लोगों ने वजन कम करने के लिए कौन से मसालों का सेवन करें और कैसा खान-पान रखें इसे ज्यादा सर्च किया।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता आई: जीएमसी के मनोचिकित्सक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जेपी अग्रवाल का कहना है कि पैंडेमिक के बाद के कुछ साल तक मेंटल हेल्थ पैंडेमिक माना जाता है। इस दौरान डेढ़ से दो गुना मरीज मानसिक रोगों के बढ़ते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग अधिक तनाव में रहने पर चुपचाप न झेलें । ऐसे में यह समस्या कम होने की जगह और बढ़ने लगेंगी। हालांकि यह बात सही है कि लोगों में पिछले कुछ समय से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता आई है। हमीदिया अस्पताल में साल 2021 में करीब साढ़े 8 हजार लोग मानसिक रोगों के उपचार के लिए आए थे। वहीं साल 2022 में 13 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे। खास बात ये है कि लोगों में अब स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ी है। गूगल सर्च लिस्ट के अनुसार बीते साल लोगों ने मेंटल हेल्थ व स्वास्थ्य से जुड़ी चीजें सबसे ज्यादा सर्च की। चिकित्सकों का कहना है कि नींद व भूख के पैटर्न में बदलाव, लोगों से कम घुलना मिलना, हर समय अकेले रहना, फोकस करने में मुश्किल, याददाश्त की समस्याएं आदि लक्षणों को नजर अंदाज न करें। नौकरी जाने, व्यापार ठप हो जाने काम का अधिक प्रेशर, रिश्ते टूटने जैसे कई कारणों से लोगों में मानसिक बीमारियां बढ़ रहीं हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि पैंडेमिक के बाद के दो-तीन साल तक मेंटल हेल्थ पैंडेमिक रहता है। इस दौरान मानसिक रोगी की संख्या में लगातार इजाफा होने की संभावना रहती है।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए लोग
गूगल की इन सर्च लिस्ट के अनुसार लोगों ने 2022 में फिट कैसे रहें, वर्कआउट कैसे करें, तनाव दूर करने के तरीके समेत स्वास्थ्य से जुड़ी चीजें को ज्यादा सर्च किया। इसमें बच्चों की मेंटल हेल्थ, मेंटल हेल्थ पर किताबें, पॉडकास्ट समेत स्वस्थ रहने की तकनीकों के बारे में लोगों ने ज्यादा जानकारी जुटाई। इसके अलावा स्ट्रेस में कैसे कम करें, पैनिक अटैक को कैसे रोकें, सांस से जुड़ी एक्सरसाइज जैसी जानकारी भी सर्च की गई।