अब शासकीय आवास में रहना भी पड़ेगा महंगा

शासकीय आवास
  • आवंटित आवासों का किराया ढाई गुना बढ़ाने का प्रस्ताव

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार  कमाई के नए रास्ते तलाशने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में अब सरकार सरकारी आवासों का किराया बढ़ाने की तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अधिकारियों तथा कर्मचारियों को आवंटित शासकीय आवास के किराए में ही वृद्धि करने नहीं जा रही है, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और कर्मचारी संगठनों को आवंटित आवासों का किराया भी ढाई गुना तक बढ़ाने की तैयारी है। इसके साथ ही आवास के क्षेत्रफल में 19 से लेकर 40 फीसदी तक वृद्धि करने का प्रस्ताव है। बताया जाता है कि किराए में वृद्धि के साथ सरकारी आवास में अनाधिकृत कब्जा जमाए रखने वालों से भारी भरकम रकम वसूलेगी।
अनाधिकृत कब्जा जमाए रखने की स्थिति में 18 हजार के बदले 45 हजार रुपए तक हर माह किराया देना पड़ेगा। इस आशय का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी अगली कैबिनेट में ला रहा है। प्रदेश में करीब 15 हजार शासकीय आवास अधिकारियों कर्मचारियों के अलावा राजनीतिक, सामाजिक संगठनों को राज्य सरकार द्वारा आवंटित किए गए हैं। प्रेस पूल में भी आवास आवंटित किए जाने का प्रावधान है।
8 साल पहले बढ़ा था किराया
पीडब्ल्यूडी का तर्क है कि आवास किराया बढ़ाने के पीछे उसकी मंशा सभी श्रेणी के मकानों में नियमित रूप से संधारण कराया जा सके, जिससे वह निवास के लिए उपयुक्त हो सकें। विभाग आवास के क्षेत्रफल में भी वृद्धि करने जा रहा है। किराए में वृद्धि 2014 में की गई थी।  विभाग द्वारा प्रस्तावित क्षेत्रफल में सर्वेंट रूम एवं बरामदा को शामिल नहीं किया गया है। स्वीकृत प्लान में बी एवं सी टाइप के आवास में ऑफिस  रूम देने की अनुशंसा की गई है। साथ ही सी टाइप के आवास में एक सर्वेंट रूम और बी टाइप में दो सर्वेन्ट रूम रहेंगे।

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