
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जहां पर शिक्षा विभाग के अफसर पढ़ाई पर ही भारी पड़ जाते हैं। इस विभाग में भर्राशाही ऐसी है कि कई स्कूल बंद जैसे हालातों में पहुंच गए हैं। इसकी वजह है विभाग द्वारा हाल ही में किए गए तबादले। तबादलों की वजह से कई स्कूलों में अब शिक्षक तक नहीं बचे हैं, जिसकी वजह से वार्षिक परीक्षा का समय पास में आने के बाद भी स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से बंद हो गई। ऐसा किसी एक दो स्कूलों में नहीं है, बल्कि एक सैकड़ा से अधिक स्कूलों में हो रहा है। दरअसल तबादलों से प्रतिबंध हटने के बाद विभाग ने हजारों की संख्या में तबादले कर डाले।
इनमें उन शिक्षकों में के तबादले कर दिए, जिनके भरोसे स्कूल खुल रहे थे। विभाग में किस तरह से तबादले किए गए हैं, इससे ही समझा जा सकता है कि 26 हजार से अधिक शिक्षक इधर से उधर किए गए हैं। खास बात यह है कि तबादलों के समय यह भी नहीं देखा गया कि कहीं किसी स्कूल को बंद करने की नौबत तो नही आ जाएगी। इस लापरवाही के फलस्वरुप तीन जिलों के 115 स्कूलों में तो एक भी शिक्षक ही नहीं बचा है। जिसकी वजह से उन स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है। अब ऐसे स्कूलों में पढ़ाई जारी रखने के लिए अतिथि शिक्षकों का सहारा लेना पढ़ रहा है। प्रदेश के भिंड और राजगढ़ जिलों के स्कूलों में तो पढ़ाई पूरी तरह से अतिथि शिक्षकों के भरोसे पहुंच गई है। इस मामले में विभाग का कहना है कि स्कूलों में कक्षा चलती रहे, इसके लिए लगातार तेजी से काम किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में शिक्षा विभाग की तबादला नीति के तहत तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन बुलाए गए थे। जिसमें करीब 49 हजार शिक्षकों द्वारा आवेदन किए गए थे। इन आवेदनों के आधार पर ही विभाग ने थोक में बगैर जांच पड़ताल किए ही तबादला आदेश जारी कर दिए। जिसकी वजह से गुना, विदिशा और राजगढ़ जिले के115 स्कूलों में कोई शिक्षक ही नहीं रह गया है। इसकी वजह से अब इन स्कूलों में पढ़ाई का जिम्मा अतिथि शिक्षकों के भरोसे छोड़ दिया गया है।
इस तरह के हैं हालात
गुना जिले के आरोन ब्लॉक सहित जिले के आधा सैकड़ा से अधिक स्कूलों में ताबदलों की वजह से एक भी शिक्षक ही नहीं बचा है। इसमें आरोन ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय खिरनी, क्षेत्रपाल, हरिपुर चक, माध्यमिक विद्यालय हुसैनपुर, तिघरा चांच, परासरी, पिपरिया जागीर, आंखखेड़ा, चीकरा, पाटन, कोरिया, हाइस्कूल खिरिया दांगी, देहरी कला के स्कूल शिक्षक विहीन हो चुके हैं। वहीं, पनवाड़ी हाट में 9 में 8 शिक्षकों के तबादले होने से एक स्थायी व दो अतिथि शिक्षक बचे। खामखेड़ा स्कूल से भी 3 में से 2 के तबादले कर दिए जाने से महज एक ही शिक्षक बचा है। बात अगर राजगढ़ जिले की करें तो राजगढ़ ब्लॉक के 3 प्राथमिक और 7 माध्यमिक स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं रह गया है। अब यहां पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती करने के अलावा आसपास के एक दो शिक्षकों को इस स्कूल में तैनात किया गया है। इस जिले में 28 प्राथमिक और 20 माध्यमिक विद्यालय में एक-एक शिक्षक से काम चलाना पड़ रहा है। जिले के नि स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं रह गया है उनमें पगुराडखेड़ा, दौलतपुरा, छूवाड़लिया प्राथमिक और मोतीपुरा, छायन, देहरा, महुआबे, कल्पोनी, चण्डापुरा और प्रेमपुरा माध्यमिक विद्यालय शामिल है।
विदिशा के आधा सैकड़ा स्कूल शिक्षक विहीन
विदिशा में 55 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। यहां हुए तबादले के दौरान 194 शिक्षकों को दूसरे जिलों में तैनात कर दिया गया। इसी तरह से रायसेन जिले के कई स्कूलों में महज अब एक-एक शिक्षक ही बचा है। अब यहां की पढ़ाई अतिथि शिक्षकों के भरोसे है। कई बार तो स्कूल ही नहीं खुलते हैं।